वेटरनरी एक शाखा है, जो पशु-पक्षियों की बीमारियों की स्थिति और चोटों की रोकथाम, नियंत्रण और इलाज से संबंधित है। वेटरनरी कोर्स में पालतू और जंगली जानवरों की बीमारियों और उनके उपचार के बारे में बताया जाता है। पशु कल्याण के बढ़ते महत्व और पशु चिकित्सा सेवाओं की बढ़ती मांग के साथ, ये कोर्स एक आशाजनक और बेहतर करियर का मार्ग प्रदान करते हैं। इसके अलावा, पशु चिकित्सा कोर्स प्रैक्टिकल अनुभव देते हैं। आज के समय में पशु चिकित्सकों की कमी है। इस कोर्स के माध्यम से आप पशु अस्पतालों, चिड़ियाघरों, प्रयोगशालाओं में नौकरी या अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
इसके लिए छात्रों को 12वीं पीसीबी (भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान) के साथ पास करना होगा, ताकि वे पसंदीदा यूनिवर्सिटी और कोर्स में प्रवेश ले सकें। भारत में पशु चिकित्सक बनने के इच्छुक छात्रों को नीट-यूजी या एआईपीवीटी की परीक्षा पास करने की जरूरत होती है।
इस क्षेत्र में आपके लिए बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस एंड एनिमल हसबेंडरी, बीएससी इन वेटरनरी पैथोलॉजी, बीएससी इन एनिमल जेनेटिक्स एंड ब्रीडिंग, बीएससी एनिमल न्यूट्रिशन, बीएससी इन वेटरनरी माइक्रोबायोलॉजी आदि कोर्स मौजूद हैं। आप वेटरनरी साइंस एंड एनिमल हेल्थ टेक्नोलॉजी, वेटरनरी फार्मेसी, एनिमल हसबेंडरी में डिप्लोमा और वेटरनरी मेडिसिन, वेटरनरी सर्जरी में पीजी डिप्लोमा कर सकते हैं। अगर आप शोध करने के इच्छुक हैं, तो पीएचडी इन वेटरनरी साइंस कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं।
कोर्स के लिए जरूरी ज्ञान अध्ययन के पहले कुछ सालों के दौरान पशु चिकित्सक बनने के लिए जरूरी ज्ञान और सिद्धांतों से परिचित कराया जाएगा। अगले चरण में उन क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होगा, जिनमें आप सबसे अधिक रुचि रखते हैं। अंत में, आप पशुओं का निरीक्षण और देखभाल करने वाले संगठनों से जुड़ सकते हैं।
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वेटरनरी कोर्स करने के बाद आप पशु सर्जन, चिड़ियाघर और वन्य जीव पशु चिकित्सा, पशु एनाटॉमिस्ट, वेटरनरी ऑफिसर, पशु रोग विशेषज्ञ, रिसर्चर, पशु चिरौप्रैक्टर, सरकारी और गैर-सरकारी एनिमल हॉस्पिटल से अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं।
इनके अलावा, पैरामेडिकल क्षेत्र में भी कई कोर्स उपलब्ध हैं, जिनमें एनईईटी की आवश्यकता नहीं होती। इनमें चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी, फिजियोथेरेपी और रेडियोलॉजी जैसे कोर्स शामिल हैं। नीट पास किए बिना मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने के कुछ और विकल्प ये हैं, फ़्लेबोटोमिस्ट्स (रक्त का नमूना लेने वाले), मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट, पोषण विशेषज्ञ (न्यूट्रीशनिस्ट), फिजिशियन असिस्टेंट। हालांकि, नीट पास किए बिना किए गए इन कोर्सेज में किसी को भी एमबीबीएस डॉक्टर नहीं कहा जाएगा।
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