घर में खाना तो रोज़ाना बनता है, लेकिन रोज़ के खाने में वेराइटी लाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। पर रोज़ाना का खाना कितना हेल्दी है और आप उसे और कितना हेल्दी बना सकते हैं ये पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है। एक तरह से देखा जाए तो हमारे घरों में रोज़ाना गेहूं के आटे की रोटी बनती है, लेकिन ये कार्ब्स से भरपूर होती है। जहां हफ्ते में दो-तीन दिन आप इसे लें तो सही होगा, लेकिन अगर आप रोज़ाना इसे खा रहे हैं तो ये आपके वेट पर भई असर डाल सकते हैं।
आज के समय में जहां वेट लॉस और और डाइट के साथ-साथ इम्यूनिटी की बातें भी होती हैं वहां पर ये जरूरी है कि आप कुछ ऐसी चीज़ें करें जिससे मॉडरेट और हेल्दी डाइट फॉलो हो सके। तो क्यों न हम उसी चीज़ में थोड़ा परिवर्तन लाएं जो हम रोज़ाना बनाते हैं। यानि हम गर पर रोज़ अलग-अलग तरह की रोटी खाएं तो? आज हम आपको पांच तरह की रोटियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आप अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं।
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रागी का आटा सबसे हेल्दी आटा हो सकता है और वेट लॉस के लिए रागी का आटा अच्छा माना जाता है। इसे कई लोग अपने पसंदीदा ग्रेन्स में से एक मानते हैं। ये आयरन, कैल्शियम, फाइबर से भरपूर होगा और ये इम्यूनिटी के लिए भी अच्छा है।
कैसे बनती है रागी की रोटी-
रागी का आटा थोड़ा गीला गूंथा जाता है और इसे आप गूंथकर थोड़ी देर के लिए रखें नहीं क्योंकि ये काला हो सकता है। आप इसकी रोटी तुरंत बना लें। सेंकने की प्रक्रिया बिलकुल गेहूं की रोटी जैसी ही होती है।
बादाम का आटा न्यूट्रिशन के लिए अच्छा है, लेकिन इसमें कार्ब्स कम होते हैं ये बात सबसे अच्छी है। कीटो डाइट के लिए बादाम का आटा अच्छा साबित हो सकता है।
कैसे बनती है बादाम के आटे की रोटी-
आपको बादाम के आटे के साथ थोड़ा सा चावल का आटा या नॉर्मल आटा मिलाना होगा। इससे रोटी के आटे जैसी कंसिस्टेंसी आएगी। अगर आप कीटो डाइट फॉलो कर रहे हैं तो बादाम के आटे के साथ थोड़ा सा बाजरे का आटा मिला लें।
ग्लूटेन फ्री चपाती की बात आती है तो हमेशा बाजरे का नाम याद आता है। बाजरा रोटी आपकी डाइट को और भी बेहतर बना सकती है। क्योंकि इसमें फाइबर कंटेंट ज्यादा होता है इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि इससे आपको ज्यादा फुल महसूस होगा और मैग्नीशियम और अन्य विटामिन्स से भरपूर ये आटा पेट की समस्याओं के लिए भी अच्छा है।
कैसे बनती है बाजरे की रोटी-
इसे नॉर्मल गेहूं के आटे की तरह ही बनाया जाता है। बस ये थोड़ी कड़क होती है।
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अगर आपको डायजेशन संबंधित कोई समस्या है तो आप ज्वार का आटा इस्तेमाल कर सकते हैं। ये गेहूं के आटे की तुलना में ज्यादा आसानी से डायजेस्ट होती हैं और मिनरल्स और विटामिन्स से भरपूर होती हैं। ये शरीर से टॉक्सिन निकालने में मदद भी करती हैं।
कैसे बनती है ज्वार की रोटी-
ये विटामिन सी का अच्छा सोर्स होता है और इसे वैसे ही बनाया जाता है जैसे बाजरे की रोटी बनती है।
अगर आपको रोटी कुछ ऐसे खानी है कि वो पूरा मील बन जाए तो आप अक्की रोटी चावल के आटे की बनती है और कर्नाटक की अहम डिश है। ये ग्रेट या चॉप की हुई सब्जियों को मिलाकर बनाई जाती है और मसाले भी साथ में अच्छे लगते हैं। इस रोटी को बनाने का तरीका थोड़ा अलग होता है, लेकिन ये बहुत हेल्दी होती है और इसे बेला नहीं जाता।
कैसे बनती है अक्की रोटी-
चावल का आटा, बारीक कटी सब्जियां और मसाले मिलाकर उस तरह का आटा गूंथिए जैसा वड़े के लिए गूंथा जाता है। इसे आपको बेलना नहीं है बल्कि तवे पर धीमी आंच पर हाथ से ही फैलाना है। थोड़ा सा तेल या घी तवे पर डालकर फिर इस रोटी को तवे पर जितना फैला सकते हैं उतना फैलाएं और फिर इसके ऊपर थोड़ा सा तेल या घी छिड़क कर आप रोटी सेकें और इसे दोनों साइड से सेंकना है। प्रोसेस थोड़ा तेज़ हो इसके लिए आप रोटी को ऊपर से किसी प्लेट से ढक भी सकते हैं।
तो अब आप अपने घरों में इन रोटियों को बनाएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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