भारत में तरह-तरह के अनाज उगाए जाते हैं। बात करें चावल की तो उसकी पैदावार कई राज्यों में अधिक मात्रा में होती है। चावल में भी कई प्रजातियां होती है, उन्हीं में से एक है बैम्बू राइस। बैम्बू राइस को मुलयारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल यह बांस के पेड़ों का फल है, जिसका उत्पादन फूलों की अवस्था के बाद किया जाता है। यह एक खास तरह का चावल है जो एक मरे हुए बांस से पैदा होता है।
बैम्बू राइस को दूसरे अन्य चावलों की तरह ही पकाया जाता है, हालांकि इसका स्वाद अन्य चावलों से तोड़ा मीठा होता है। एक बार पकने पर इसकी बनावट में भी अंतर होता है। अक्सर बैम्बू राइस का उपयोग खिचड़ी बनाने के लिए किया जाता है। रिसर्च के अनुसार अन्य चावल और रोटी की तुलना में इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। बता दें कि बैम्बू राइस के कई सारे हेल्थ बेनिफिट्स है, आइए जानते हैं?
बैम्बू राइस न्यूट्रिशन्स से भरपूर है, इसमें कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, निकोटिनिक एसिड, विटामिन बी1, कैरोटीन, और एमिनो एसिड जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा यह एंटीऑक्सीडेंट, लिनोलिक एसिड और पामिटिक एसिड से भी भरपूर है, जो कई गंभीर बीमारियों के खतरे को कम करने की क्षमता रखता है।
बैम्बू राइस में एंटीऑक्सीडेंट और लिनोलेइक एसिड के गुण पाए जाते हैं जो डायबिटीज जैसी बीमारी के खतरे को कम करने में सहायक होते हैं। आपको बता दें कि पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम या पीसीओएस शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज होने का खतरा रहता है। ऐसे में महिलाएँ बैम्बू राइस का सेवन कर सकती हैं। ये महिलाओं में ओवुलेटरी कार्यों को बेहतर बनाता है और डायबिटीज के खतरे को कम करता है।
बैम्बू राइस में फाइबर और फाइटोस्टेरॉल के गुण होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए सहायक होते है। दरअसल फाइटोस्टेरोल्स अपने अवशोषण को अवरुद्ध करके खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) के स्तर को कम करते हैं। इसके अलावा बैम्बू राइस खाने से पेट भरा रहता है और यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है।
हाई ब्लड प्रेशर, हार्मोनल प्रॉब्लम, और हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से ब्लड प्रेशर की समस्या उत्पन्न होती है। हालांकि बैम्बू राइस में फाइबर की मौजूदगी के कारण कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम किया जा सकता है। इसके अलावा इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट के भी गुण होते हैं, जो कारण बैम्बू राइस एंडोक्राइन डिसऑर्डर के इलाज में प्रभावी है। यह धमनियों की थिकनेस को कम करने और ब्लड प्रेशर को मैनेज करने में मदद करता है।
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बैम्बू राइस नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर के लिए भी प्रभावी माना जाता है। बैम्बू सीड्स से प्राप्त ब्राउन राइस को मूड-रेगुलेटिंग गुणों के लिए जाना जाता है। यह दो महत्वपूर्ण न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन और डोपामाइन की रिलीज में मदद करता है जो मूड को अच्छा करता है और मेंटल फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
दांतों को सुरक्षित और हेल्दी बनाए रखने के लिए बैम्बू राइस का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। दरअसल दांत हेल्दी रहे इसके लिए विटामिन बी6 प्रभावी माना जाता है। ऐसे में बैम्बू राइस में विटामिन बी6 अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह आवश्यक विटामिन बैक्टीरिया की वजह से दांतों को कैविटी या टूटने से बचाने में मदद कर सकता है। वहीं विटामिन बी6 दांतों को मजबूत रखने के लिए जरूरी है।
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बैम्बू राइस में फास्फोरस प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। यह सांस संबंधी परेशानियों से निपटने के लिए बेहद जरूरी है। अगर आपको खांसी या कफ की समस्या रहती है तो इसका सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। फास्फोरस में भी एंटीस्टीमैटिक गुण पाए जाते हैं और यह क्रॉनिक अस्थमा के लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकता है।
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