नारी की पत्तियां मुख्य रूप से पानी में उगाई जाती हैं इसलिए इन्हें वॉटर स्पीनच भी कहा जाता है। वास्तव में यह एक तथ्य है कि दुनिया के लाभप्रद खाद्य पदार्थों में पानी का एक मुख्य स्थान है और इसके कई कारण हैं। वॉटर स्पीनच या नारी की पत्तियां सबसे लोकप्रिय हरी पत्तेदार सब्जियों में से एक हैं जो स्वाद के साथ सेहत के लिए भी बहुत ज्यादा फायदेमंद हैं। यह मूल रूप से शाकाहारी जलीय या अर्ध जलीय बारहमासी पौधा है जो उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। भारत में, इसे आमतौर पर नारी की पत्तियों के रूप में जाना जाता है।
अन्य हरी पत्तेदार सब्जियों की ही तरह, नारी की पत्तियां भी विभिन्न पोषक तत्वों का एक पावरहाउस हैं जो शरीर के साथ-साथ त्वचा और मस्तिष्क को भी लाभ पहुंचाती हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में पानी, आयरन, विटामिन सी, विटामिन ए और अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इन पत्तियों को पकाकर साग के रूप में या सलाद के रूप में कच्चा ही खाया जा सकता है। नारी की पत्तियों का जूस भी सेहत के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है। आइए एक्सपर्ट रेनू माहेश्वरीजी से जानें सेहत के लिए नारी की पत्तियों के फायदों के बारे में।
एनीमिया के इलाज में उपयोगी
आयरन से भरपूर होने के कारण, एनीमिया से पीड़ित लोगों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं के लिए भी नारी के पत्ते बेहद फायदेमंद होते हैं। आयरन एक महत्वपूर्ण खनिज है जो शरीर के लिए बेहद आवश्यक है, विशेष रूप से लाल रक्त कोशिकाओं द्वारा हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए यह बहुत जरूरी है। इसलिए नारी की पत्तियों को आहार में जरूर शामिल करें।
कोलेस्ट्रॉल कम करती हैं
नारी की पत्तियां उन व्यक्तियों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प हैं जो वजन कम करना चाहते हैं और स्वाभाविक रूप से कोलेस्ट्रॉल कम करना चाहते हैं। एक रिसर्च के अनुसार नारी की पत्तियों का किसी न किसी रूप में सेवन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।
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अपच और कब्ज का उपचार
नारी की पत्तियां फाइबर में समृद्ध होती हैं इसलिए, यह पाचन में सहायक होती हैं। इन पत्तियों के सेवन से स्वाभाविक रूप से विभिन्न पाचन विकारों से राहत मिलती है। अपच और कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए इसके गुण फायदेमंद होते हैं। उबले हुए नारी से जूस से कब्ज की समस्या से मुक्ति मिलती है। इस सब्जी का उपयोग कीड़ों के उपचार में भी किया जाता है।
लिवर की समस्याओं से छुटकारा
पीलिया और लिवर की समस्याओं के उपचार के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा में नारी की सब्जी का उपयोग किया गया है। एक शोध ने साबित कर दिया है कि इन पत्तियों का रस शरीर को डिटॉक्सीफाई करके जिगर की क्षति से सुरक्षा प्रदान कर सकता है इसके अलावा इन पत्तियों में एंटीऑक्सिडेंट गुण भी भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो पीलिया जैसी बीमारियों से निजात दिलाने में मदद करते हैं।
डाइबिटीज़ में लाभदायक
शोधों से पता चला है कि नारी की पत्तियों के सेवन से मधुमेह प्रेरित ऑक्सीडेटिव तनाव के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में मदद मिलती है। इसका उपयोग गर्भवती महिलाओं में मधुमेह के उपचार में भी किया जाता है। लेकिन गर्भावस्था में इसके सेवन से पूर्व विशेषज्ञ की सलाह लेना बेहद जरूरी है।
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प्रतिरक्षा को बढ़ाए
पोषक तत्वों का भंडार होने के कारण, यह पत्तेदार हरी सब्जी विटामिन सी की खुराक की तुलना में शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ाने का एक सबसे अच्छा प्राकृतिक तरीका है। इस हरी पत्तेदार सब्जी का नियमित रूप से सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और हड्डियों के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देता है। यह पत्तियां विषाक्त पदार्थों को बेअसर और समाप्त करके शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में भी योगदान देती हैं।
हृदय रोगों से सुरक्षा
नारी की पत्तियों में विटामिन ए और सी जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं और साथ ही बीटा-कैरोटीन की एक उच्च मात्रा भी मौजूद होती है। ये पोषक तत्व शरीर में मुक्त कणों को कम करने के लिए एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं। इस प्रकार कोलेस्ट्रॉल के रूप को ऑक्सीकरण होने से रोकते हैं। इसके अलावा, नारी की पत्तियों में मौजूद फोलेट होमोसिस्टीन नामक एक संभावित खतरनाक रसायन को परिवर्तित करने में मदद करता है, जिससे उच्च स्तर पर दिल का दौरा या स्ट्रोक हो सकता है। मैग्नीशियम एक खनिज है जो रक्तचाप को कम करता है और साथ ही हृदय रोग से सुरक्षा प्रदान करता है।
आंखों के लिए फायदेमंद
नारी की पत्तियों में कैरोटिनॉयड, विटामिन ए और ल्यूटिन की उच्च मात्रा मौजूद होती है। ये पोषक तत्व नेत्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। नारी की पत्तियां ग्लूटाथियोन के स्तर को भी बढ़ाती हैं, जो मोतियाबिंद को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इन पत्तियों के नियमित सेवन से आँखों सम्बन्धी कई समस्याओं से निजात पाया जा सकता है।
एंटी एजिंग गुणों से भरपूर
हरी पत्तेदार सब्जियां रासायनिक एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती हैं जो शरीर में कोशिकाओं की मुक्त कणों से होने वाली क्षति को रोकती हैं, जिससे त्वचा की कोशिकाओं को सूरज के संपर्क में आने से होने वाली क्षति से अधिक प्रतिरोधी और झुर्रियों को कम करके त्वचा को जवान बनाए रखने में मदद मिलती है। नारी की पत्तियों के हीलिंग और डिटॉक्सिफाइंग गुणों के कारण, यह त्वचा की खुजली या कीड़े के काटने के मामले में राहत प्रदान करने में मदद करती है।
इस प्रकार नारी की पत्तियों का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है और स्वास्थ्य सम्बन्धी कई समस्याओं को कम करने में मदद करती हैं। लेकिन कोई बीमारी या बीमारी के लक्षण होने पर इसके सेवन से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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