Why turtuk village is so famous: कहते हैं कि किसी राज्य की खूबसूरती को निहारना है, तो सबसे पहले गांव की खूबसूरती को देखना चाहिए। अगर गांव की खूबसूरती कमाल की है, तो राज्य का नाम अपने आप प्रचलित होने लगता है।
भारत जैसे देश में ऐसे कई गांव हैं, जिसकी खूबसूरती देखने के लिए देश के हर कोने से पर्यटक पहुंचते हैं। जैसे- मेघालय का मावलिनॉन्ग और स्मित गांव, केरल का पूवर, हिमाचल का मलाणा और तिब्बत बॉर्डर पर स्थित नाको गांव की खूबसूरती के बारे में लगभग हर कोई जानता है।
भारत में स्थित अन्य गांवों की तरह तुरतुक भी एक ऐसा गांव है, जिसकी खूबसूरती और इतिहास जानने के बाद यहां लगभग हर पर्यटक घूमने का प्लान बना सकता है।
तुरतुक गांव की खूबसूरती जानने से पहले यह जान लेते हैं कि ये खूबसूरत गांव कहां है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तुरतुक गांव लद्दाख के लेह जिले में स्थित है।
तुरतुक गांव श्योक नदी के किनारे स्थित है। यह खूबसूरत गांव लेह शहर से करीब 205 किमी की दूरी पर मौजूद है और यह नुब्रा वैली के पास में स्थित है। आपको यह भी बता दें कि यह लद्दाख के अंतिम छोर पर बसा हुआ है।
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तुरतुक गांव का इतिहास बेहद ही दिलचस्प है। इस खूबसूरत गांव के बारे में बोला जाता है कि यह 1971 के युद्ध तक पाकिस्तान के नियंत्रण में था, लेकिन युद्ध खत्म होने के बाद भारतीय सेना के अपना कब्जा कर लिया। भारतीय सेना द्वारा कब्जा करने के बाद अब इसके भारतीय हिस्सा माना जाता है। (भारत के खूबसूरत गांव)
इस गांव को लेकर एक अन्य कहानी है कि यहां पहले विदेशी नागरिकों को घूमने नहीं जाने दिया जाता था, लेकिन जब भारतीय सेना इस कब्जा कर लिया उसके बाद इस गांव को विदेशी पर्यटकों के लिए खोल दिया गया।
तुरतुक गांव की खासियत बेहद ही कमाल की है। कहा जाता है कि इस गांव की खूबसूरती देखने के बाद कोई भी चंद मिनटों में दीवाना हो सकता है। कराकोरम पहाड़ों से घिरा यह गांव एक साथ कई अद्भुत दृश्यों को प्रस्तुत करता है।
नीले आकाश, क्रिस्टल से भी अधिक साफ पानी, मोहित कर देनी वाली झील और रात के समय में आकाश में टिमटिमाते तारे देखने के बाद हर कोई इसी गांव में बस जाना चाहेगा। यहां गांव लेह और लद्दाख के सबसे खूबसूरत डेस्टिनेशन में भी एक है।
तुरतुक गांव सैलानियों के लिए किसी हसीन जन्नत से कम नहीं है। इसकी खूबसूरती इस कदर प्रचलित है कि इसे लेह जिले का स्वर्ग भी माना जाता है। यह प्रकृति प्रेमियों के लिए जन्नत से कम नहीं है।
तुरतुक गांव जिस तरह अपनी खूबसूरती के लिए फेमस है, ठीक उसी तरह एडवेंचर एक्टिविटीज के लिए भी फेमस है। इस गांव में कई लोग ट्रेकिंग और आकाशीय नजारा देखने के लिए पहुंचते हैं। बर्फबारी में इस गांव की खूबसूरती चरम पर होती है।
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तुरतुक गांव को एक्सप्लोर करने के लिए आपको सबसे पहले लेह जाना होगा। देश के किसी भी कोने से लेह हवाई अड्डा पहुंचकर आप आसानी से तुरतुक गांव पहुंच सकते हैं। आपको बता दें कि लेह से तुरतुक की दूरी करीब 205 किमी है। यह नुब्रा वैली से करीब 165 किमी दूर है। लेह से तुरतुक के लिए बस भी चलती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तुरतुक घूमने का बेस्ट समय अप्रैल से जुलाई तक होता है। सर्दियों में जब बर्फबारी होती है, तो यहां घूमना बहुत ही मुश्किल होता है।
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