Travel Tips: इस एक फोर्ट के बिना अधूरा है पुणे के साथ महाराष्ट्र का इतिहास

पुणे में मौजूद एक ऐसा फोर्ट जिसके बिना अधूरा है महाराष्ट्र का इतिहास। चलिए इस फोर्ट के बारे में जानते हैं। 

torna and prachandagad fort pune

यह सच है कि किसी भी देश, राज्य और शहर का इतिहास किसी न किसी प्राचीन महल, इमारत या फिर किले से ज़रूर जुड़ा होता है। जैसे-दिल्ली का इतिहास लाल किले के बिना अधूरा है, आगरा का इतिहास ताजमहल के बिना अधूरा है या फिर हवा महल के बिना जयपुर का इतिहास अधूरा है। ठीक वैसे ही पुणे के साथ-साथ पूरे महाराष्ट्र का इतिहास एक किले के बिना अधूरा है।

जी हां, हम बात कर रहे हैं, महाराष्ट्र के पुणे शहर में मजूद 'तोरण फोर्ट' के बारे में। समुद्र तल से लगभग एक हज़ार मीटर से भी अधिक ऊंचाई पर मौजूद इस फोर्ट पर कई वर्षों तक छत्रपति शिवाजी महाराज ने राज किया था। ऐतिहासिक स्मारक के रूप में प्रसिद्ध ये किला प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के रूप में भी जाना जाता है। खासकर वीकेंड के दौरान तोरणा फोर्ट आकर्षण का केंद्र रहता है। इस लेख में हम आपको फोर्ट के प्राचीन इतिहास के बारे में और घूमने के लिए क्यों बेस्ट है, इसके भी बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं।

फोर्ट का इतिहास

torna and prachandagad fort history inside

इस किले के निर्माण को लेकर कोई ठोस निष्कर्ष नहीं है लेकिन, कई जानकारों का मानना है कि इस फोर्ट का निर्माण 13वीं शताब्दी के आसपास हिंदू देवता शिव के अनुयायियों द्वारा किया गया था। महाराष्ट्र के लिए ये किला इसलिए खास है, क्योंकि यह पहला फोर्ट था जिस पर शिवाजी महाराज ने किले पर विजय प्राप्त की थी। कहा जाता है कि इस फोर्ट के निर्माण के ठीक चार सदियों बाद यानी, 1646 में शिवाजी ने फोर्ट को अपने अधीन कर लिया था। ये इसलिए भी खास है क्यूंकि, उन्होंने किशोरावस्था के दौरान ही इस किले पर विजय प्राप्त कर ली थी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि समय के साथ इस किले को प्रचंडगढ़ और फुतुल बिब फोर्ट के नाम से भी जाना जाता था।

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किले की वास्तुकला

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पुणे के सह्याद्री पर्वत श्रृंखला पर मौजूद इस किले को उच्चतम बिंदु पर निर्माण किया गया है। इस किले में मौजूद कई महल और दरवाजे को पहाड़ को काटकर निर्माण किया गया है। लगभग दस इंच से भी अधिक मोटी दिवार का निर्माण ये दर्शाता है कि इस किले की वास्तुकला बेहद ही अद्भुत रही होगी। रही होगी शब्द का इस्तेमाल इसलिए कि कई दीवारे और भवन आज खंडहर के रूप में भी तब्दील हो चुके हैं। (रहस्यमयी फोर्ट्स) लाल बलुआ पत्थर से निर्मित ये फोर्ट किसी समय सबसे सुरक्षित जगह भी थी।

पर्यटकों के लिए है खास

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सैलानियों के लिए ये जगह इसलिए खास है क्यूंकि, किला घूमने के साथ-साथ ट्रेकिंग, हाइकिंग और कैंपिंग का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं। पहाड़ी के उच्चतम बिंदु पर मौजूद होने के चलते इसके मुख्य बिंदु तक पहुंचने के लिए पैदल ही जाना होता है। फैमली या फ्रेंड्स के साथ तोरणा किला घूमने के लिए एक बेस्ट जगह है। अमूमन मानसून के दौरान यहां सैलानियों की भीड़ लगी रहती है। खासकर वीकेंड के समय कामकाजी लोग कुछ सुकून भरा पल बिताने के लिए यहां ज़रूर आते हैं।(10 सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध फोर्ट्स)

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आसपास घूमने की जगह

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हालांकि, ऐसा नहीं कि इस फोर्ट के आसपास अन्य कोई जगह घूमने के लिए नहीं है। इस किले के साथ-साथ राजगढ़ किला, खडकवासला डैम, महाबलेश्वर और आगा खान पैलेस जैसी कई बेहतरीन और खूबसूरत जगहों पर भी घूमने के लिए जा सकते हैं। आपको बता दें कि तोरण फोर्ट में आप कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं और इस फोर्ट में घूमने के लिए कोई भी शुल्क नहीं लगता है। (महाराष्ट्र की इस खूबसूरत जगह) आप जब भी यहां घूमने के लिए जाए तो कैमरा लेकर जाना न भूलें, क्योंकि इस जगह को फोटो पॉइंट के नाम से भी जाना जाता है।

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Image Credit:(@trekcommunity.in, res.cloudinary.com)

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