लद्दाख की वादियों में मौजूद एक अद्भुत मठ, जहां घूमना चाहेगा हर सैलानी

आज हम आपको लद्दाख में मौजूद भारत के सबसे प्राचीन और अद्भुत बौद्ध मठो में से एक मठ के बारे में कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं।

phugtal  monastery facts about

विश्व के साथ-साथ भारत के लिए भी लद्दाख एक खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टीनेशन है। यहां हर साल लगभग लाखों सैलानी घूमने के लिए आते रहते हैं। ये शहर खूबसूरती के मामले में इतना सही है कि यहां जो भी घूमने के लिए आता है, वो यहीं का हो जाना चाहता है। यहां की खूबसूरत वादियों में ऐसी कई जगहें हैं, जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं 'फुकताल मठ या फुग्तल गोम्पा' के बारे में। जांस्कर घाटी में मौजूद ये मठ अद्भुत बनावट और सुंदरता के लिए पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है। आज इस लेख में हम आपको इस मठ के बारे में करीब से बताने जा रहे हैं। इन तथ्यों को जानने के बाद आप जब भी लद्दाख घूमने का प्लान बनाएंगे तो यक़ीनन इस मठ में ज़रूर घूमना पसंद करेंगे। तो आइए जानते हैं फुकताल मठ के बारे में।

मठ का इतिहास

phugtal  monastery facts inside

भारत के साथ-साथ विश्व के सबसे प्राचीन और अद्भुत मठो में से के एक इस मठ को माना जाता है। लगभग दो हज़ार साल से भी अधिक इस प्राचीन मठ को बौद्ध भिक्षुओं, संतों और विद्वानों के लिए आध्यात्मिक शिक्षा का केंद्र माना जाता है। इस मठ की स्थापना लगभग 12वीं शताब्दी के आसपास की गई थी। ऐसा माना जाता है कि उस समय में यहां बुद्ध के लगभग 16 अनुयायी रहते थे। इसी मठ से बुद्ध अनुयायी आसपास की जगहों पर जाकर बुद्ध की शिक्षा के बारे में बताते थे। यहां कई लोगों का इलाज भी किया जाता था 14वीं शताब्दी के आसपास।

मठ की संरचना

about phugtal  monastery facts inside

इस मठ को चट्टानों को काटकर निर्माण किया गया है। आप लेख में मौजूद तस्वीरों को देखकर ही अंदाजा लगा सकते हैं कि इस मठ को चट्टानों पर बनाने के लिए कितनी मेहनत की होगी लोगों ने। आपको बता दें कि इस मठ का प्रवेश द्वार से लेकर कई जगहों पर मिट्टी और लकड़ी से निर्माण किया गया है। आज भी मठ की दीवारों पर पौराणिक अनुयायियों की छवि भी देखने को मिलती है। इस मठ में लगभग सात सौ से अधिक भिक्षुओं के लिए रहने, खाने-पीने के लिए जगह और प्रार्थना कक्ष मौजूद है।(लद्दाख की ये 5 जगहें देख कहीं खो जाएंगी आप)

ट्रेकिंग और घूमने की अन्य जगह

phugtal  monastery facts know inside

लद्दाख की वादियों में मौजूद इस मठ में पैदल ही पहुंचा जा सकता है। ट्रेकिंग का अनुभव लेते हुए आप इस मठ तक आसानी से पहुंच सकते हैं। लगभग पांच किलोमीटर की ट्रेक है ये। इस मठ में घूमने के अलावा आप यहां ,मौजूद कुछ बेहतरीन जगहों पर भी घूमने के लिए जा सकते हैं।जैसे-त्सोकर झील, शांग गोम्पा, पैंगोंग झील, मैग्नेटिक हिल और ज़ंस्कार घाटी जैसी खूबसूरत जगहों पर भी घूमने का लुत्फ़ उठा सकते हैं। यहां होने वाले प्रमुख त्यौहार में भी शामिल हो सकते हैं।

इसे भी पढ़ें:Mother's Day: भारत की ये खूबसूरत जगहें मां के साथ घूमने के लिए हैं परफेक्ट

कैसे और कब जाना चाहिए

phugtal  monastery facts tips inside

वैसे तो लद्दाख घूमने के लिए कोई निर्धारित समय नहीं है। लेकिन, इस मठ और इसके आसपास की जगहों पर घूमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से लेकर जून तक माना जाता है। कई सैलानी सितंबर से अक्टूबर में बीच में भी घूमने के लिए जाते हैं। हवाई मार्ग से जाने के लिए सबसे पहले आपको लेह जाना होगा और वहां से लोकल गाड़ी करके जा सकते हैं। ट्रेन के माध्यम से जाने के लिए आपको कटरा जाना होगा फिर यहां से टैक्सी या किसी अन्य गाड़ी से जा सकते हैं। इस मठ में आप सुबह 6 बजे से लेकर शाम 4 बजे के बीच घूमने के लिए जा सकते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्थानीय भाषा में 'फुक' का मतलब होता है 'गुफ़ा' और 'ताल' का मतलब होता है आराम के क्षण, जिसे फुकताल के नाम से जाना जाता है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करना ना भूलें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit:(@rgyan.com,www.fundayholidays.com)

Recommended Video

Embed Code:
HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP