Lesser known Unesco world heritage sites in india: भारत में स्थित यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज स्थलों की बात होती है, तो कई लोग सबसे पहले ताजमहल, खजुराहो मंदिर, अजंता-एलोरा की गुफाएं, अगर फोर्ट या कुतुब मीनार जैसे चर्चित स्थलों का ही नाम लेते हैं।
यह सच है कि भारत में स्थित कुछ यूनेस्को की विश्व धरोहर की खूबसूरती दुनिया भर में फेमस है, लेकिन भारत में ऐसी कई वर्ल्ड हेरिटेज धरोहर भी हैं, जिनके बारे में शायद कई लोगों का आज तक मालूम भी नहीं होगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देश में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों के लेटेस्ट एडिशन में 38 जगहों को शामिल किया जा चुका है। इस आर्टिकल में हम आपको देश में स्थित कुछ अनसुनी विश्व धरोहर स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं।
पट्टदकल्लु मंदिर (Pattadakal Group Of Temples)
भारत में स्थित मंदिर के समूहों की बात होती है, तो कई लोग खजुराहो का ही नाम लेते हैं, लेकिन पट्टदकल्लु में स्थित मंदिर के समूहों का कोई जिक्र नहीं करता है। पट्टदकल्लु मंदिर एक प्राचीन स्थान है, जो कर्नाटक की धरती पर मौजूद है और यह यूनेस्को की विश्व धरोहर में भी शामिल है।
पट्टदकल्लु में मौजूद मंदिरों के बारे में बोला जाता है कि यहां स्थित कुछ मंदिरों का निर्माण 7वीं शताब्दी से तो कुछ मंदिरों का निर्माण 8वीं शताब्दी में किया गया था। इस मंदिरों के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण चालुक्य शासकों द्वारा किया गया था। इन मंदिरों की नक्काशी लाखों पर्यटकों को आकर्षित करती है। इसे 2015 में विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया था।
ओल्ड गोवा (Old Goa)
गोवा को हम और आप देश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन केन्द्रों से एक मानते हैं, लेकिन शायद आपको यह नहीं मालूम होगा कि ओल्ड गोवा यूनेस्को की विश्व धरोहर साइट में भी शामिल होगा।
जी हां, ओल्ड गोवा भी भारत में स्थित यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल है। यह स्थित कई ऐतिहासिक भवन, महल और फोर्ट यूनेस्को देख-रेख करता है। पुर्तगाली शासकों द्वारा निर्मित ओल्ड गोवा में हर दिन हजारों देशी और विदेशी पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं। यहां के समुद्री तट सैलानियों को सबसे अधिक आकर्षित करते हैं।
चित्तौड़गढ़ फोर्ट (Chittorgarh Fort)
भारत में स्थित सबसे विशाल फोर्ट का जिक्र होता है, तो चित्तौड़गढ़ फोर्ट का नाम जरूर लिया जाता है। इतिहास के अनुसार इस विश्व फोर्ट का निर्माण मौर्य राजवंश के सम्राट चित्रांगद मौर्य ने करवाया था।
चित्तौड़गढ़ फोर्ट के बारे में कहा जाता है कि यह किला 7वीं से 16वीं शताब्दी तक सत्ता केंद्र हुआ करता था। यह देश का एकमात्र ऐसा किला है, जिसके 7 बड़े-बड़े दरवाजे हैं। यह फोर्ट करीब किला 700 एकड़ में फैला हुआ है। इस फोर्ट को साल 2013 में यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल किया गया था।
काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर (Kakatiya Rudreshwara Temple)
काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर जिसे कई लोग रामप्पा मंदिर के नाम से भी जानते हैं। दक्षिण भारत के तेलंगाना में स्थित रामप्पा मंदिर भी एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है,जो वारंगल से करीब 66 किमी की दूरी पर है।
इतिहास के अनुसार काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण 12वीं शताब्दी के किया था और इसे बनाने में करीब 40 साल लग गए थे। कहा जाता है कि इस मंदिर को इतनी हल्की ईटों से बनाया गया है कि वो पानी में तैर भी सकते हैं। इस मंदिर की बनावट ही इसे यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल करता है।
द विक्टोरियन एंड आर्ट डेको एनसेंबल (The Victorian and Art Deco Ensemble)
मुम्बई में स्थित द विक्टोरियन एंड आर्ट डेको एनसेंबल एक विश्व प्रसिद्ध इमारत है, जिसे साल 2018 में यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल किया गया था। मुंबई में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन और एलीफेंटा गुफा भी विश्व धरोहर में शामिल है।
द विक्टोरियन एंड आर्ट का निर्माण 19वीं शताब्दी से लेकर 20 वीं शताब्दी के बीच के किया गया था। इस इमारत की वास्तुकला पर्यटकों से सबसे अधिक आकर्षित करती है। इसे मुंबई के इतिहास और विरासत का शानदार नमूना माना जाता है।
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