Thiruvarppu Krishna Temple Mystery: भारतीय संस्कृति में जन्माष्टमी का त्यौहार बेहद ही खास माना जाता है। प्राचीन काल से भगवान कृष्ण को समर्पित जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता रहा है। इस साल पूरे देश में 6 सितंबर को जन्माष्टमी मनाया जाएगा।
जन्माष्टमी के खास मौके पर कई भक्त भगवान कृष्ण के मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। मथुरा, वृन्दावन और जगन्नाथ मंदिर में लाखों भक्त भगवान कृष्ण जी का दर्शन करने पहुंचते हैं।
दक्षिण भारत में एक ऐसा कृष्ण मंदिर है जिसकी रहस्यमयी कहानियों के बारे में हर कोई जानना चाहता है। इस आर्टिकल में हम आपको केरल में स्थित कृष्ण मंदिर की रहस्यमयी कहानी बताने जा रहे हैं।
केरल में स्थित है रहस्यमयी कृष्ण मंदिर
केरल में स्थित जिस रहस्यमयी कृष्ण मंदिर के बारे में जिक्र कर रहे हैं उसका नाम 'तिरुवरप्पु श्रीकृष्ण मंदिर (Thiruvarppu Krishna Mandir) है। यह कोट्टायम जिले के तिरुवेरपु में मौजूद है। भगवान कृष्ण को समर्पित तिरुवरप्पु श्रीकृष्ण मंदिर करोड़ों भक्तों के लिए बेहद ही खास है। यहां सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं, बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों से भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं।(कृष्ण भगवान के प्रसिद्ध मंदिर)
तिरुवरप्पु श्रीकृष्ण मंदिर का इतिहास (History Of Thiruvarppu Krishna Temple)
तिरुवरप्पु श्रीकृष्ण मंदिर का इतिहास काफी दिलचस्प है। कहा जाता है कि यह मंदिर करीब 1500 साल प्राचीन मंदिर है। प्राचीन काल से ही इस मंदिर को चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर माना जाता है। कई लोगों का यह मानना है कि इस मंदिर का निर्माण किसी व्यक्ति ने नहीं, बल्कि भगवान द्वारा किया गया है।
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तिरुवरप्पु श्रीकृष्ण मंदिर की पौराणिक कथा (Thiruvarppu Krishna Temple Facts)
तिरुवरप्पु श्रीकृष्ण मंदिर की पौराणिक कथा बेहद ही दिलचस्प है। मान्यता के अनुसार यह बोला जाता है कि वनवास के समय पांडव यहां भगवान कृष्ण की मूर्ति की पूजा-पाठ करते थे। पांडव सुबह और शाम दीप जलाते थे और भगवान को भोग लगाते थे।(केरल में घूमने की जगहें)
किंवदंती के अनुसार जब पांडव वनवास से वापस जाने लगे तो मूर्ति को तिरुवरप्पु में ही छोड़कर चले गए। पांडवों के जाने के बाद स्थानीय मछुआरों ने मूर्ति की पूजा अर्चना करने लगे और धीरे-धीरे मंदिर की ख्याति प्रसिद्ध होने लगी।
क्या सच में श्रीकृष्ण जी की मूर्ति दुबली होती जा रही है?
पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान कृष्ण को भूख लगती रहती है। माना जाता है कि समय पर भोग नहीं लगता है तो उनकी भूख और भी अधिक बढ़ जाती है और मूर्ति दुबली होती जाती है। कई लोगों का मानना है कि श्री कृष्ण जी की मूर्ति को भूख लगने की वजह से दिन में कम से कम 10 बार भोग लगाया जाता है। इसके अलावा सुबह और आरती होती है।
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क्या सच में सिर्फ 2 मिनट के लिए बंद होता है मंदिर?
कहा जाता है कि तिरुवरप्पु श्रीकृष्ण मंदिर सिर्फ 2 मिनट के लिए बंद होता है। यह मंदिर 24 घंटे में सिर्फ दो मिनट के लिए बंद होता है। कहा जाता है मंदिर का ताला खोलने में 2 मिनट से अधिक समय लगता है तो ताला तोड़ दिया जाता है, ताकि भगवान को भोग लगाने में देरी मना हो।
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Image Credit(@ancientterminus)
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