भारत के अलग-अलग राज्यों में मौजूद छोटे-बड़े डैम्स सैलानियों के लिए हमेशा से एक प्रमुख पर्यटक स्थल रहे हैं। भारत में कुल डैम्स की बात करें तो छोटे-बड़े मिलाकर लगभग चार हज़ार से भी अधिक है। अधिकतर पहाड़ियों इलाकों में इन्हें देखा जा सकता है। ऐसे कई डैम्स है जिनसे बड़ी मात्रा में बिजली पैदा करना और सिंचाई आदि कामों के लिए उपयोग किया जाता रहा है।
भारत के लुभावने दृष्यों में शामिल कुछ ऐसे भी डैम्स है, जो आज भी एक उत्तम नज़ारा प्रस्तुत करते हैं। कई ऐसे डैम्स है जहां सैलानी बोटिंग का भी फुत्फ़ उठाने के लिए जाते हैं। आज इस लेख में हम आपको भारत के कुछ सबसे बड़े और फेमस डैम्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में आपको भी जानना चाहिए। इन डैम्स को देखने और घूमने के लिए भी आपको जाना चाहिए ताकि वास्तुकला और सिविल इंजीनियरिंग के चमत्कारों का अद्भुत नमूना देख सके। तो आइए इन डैम्स के बारे में जानते हैं।
उत्तराखंड में मौजूद टिहरी डैम भागीरथी नदी पर मौजूद है। ये डैम भारत का सबसे उंचा और दुनिया का 8वा से बड़ा और उंचा डैम है। इस डैम की उंचाई और लम्बाई की बात करे तो ये लगभग 260 मीटर उंचा और पांच सौ से अधिक मीटर लम्बा है। भारत के साथ-साथ दुनिया की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण जलविद्युत परियोजना में भी शामिल है ये डैम। अमूमन उत्तराखंड घूमने के लिए जो भी जाता है इस डैम और इसके आसपास की जगहों पर घूमने के लिए ज़रूर जाता है। स्थानीय निवासियों के लिए ये जगह एक प्रमुख पिकनिक स्थल भी है।(उत्तराखंड की 5 ऑफबीट डेस्टिनेशंस)
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वैसे में गुजरात में घूमने के लिए हजारों पर्यटक स्थल है। लेकिन, इन हजारों पर्यटक स्थलों में से सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध ये डैम भी है। इस डैम की ऊंचाई लगभग 160 मीटर से अधिक और लम्बाई लगभग बारह सौ मीटर से अधिक है। इस डैम से लगभग दो सौ मेगावाट से अधिक बिजली पैदा होती है। ये बिजली गुजरात के साथ-साथ मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों के अंदर भी सप्लाई होती हैं। नर्मदा नदी पर मौजूद होने के चलते ये डैम सैलानियों के लिए भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। इसके आसपास की जगहों पर हमेशा आपको सैलानियों घूमते हुए दिख जाएंगे।(वर्ल्ड का सबसे ऊंचा स्टैचू)
आंध्र प्रदेश के साथ दक्षिण-भारत का सबसे बड़ा डैम नागार्जुन सागर डेम है। कहा जाता है कि ये डैम दुनिया का सबसे बड़ी सिंचाई वाला डैम है। कृष्ण नदी पर मौजूद इस डैम की ऊंचाई लगभग 124 मीटर से अधिक है। इस डैम का निर्माण 1972 के आसपास लगभग सत्तर हज़ार से अधिक मजदूरों द्वारा मिलकर किया था। आज इस डैम को वास्तुकला और सिविल इंजीनियरिंग के चमत्कार का एक उत्कृष्ट नमूना समझा जाता है। पर्यटकों के लिए भी ये एक खास जगह है। यहां हर महीने हजारों सैलानी घूमने के लिए आते हैं।
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मध्य प्रदेश में कई छोटे-बड़े डैम मौजूद है। लेकिन, सबसे बड़ा डैम इंदिरा सागर है। ये डैम लगभग 92 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित है। इस डैम का निर्माण मध्य प्रदेश के जल संकट को देखते हुए किया गया था। यहां से लगभग हज़ार मेगावाट से अधिक बिजली का भी उत्पादन होता है। बाहर से आए सैलानियों और राज्य के अलग-अलग शहरों के लोगों के लिए यह जगह एक प्रमुख पर्यटक स्थल होने के अलावा एक पिकनिक स्पॉट भी है। कई लोग इस जगह को फोटोग्राफी के लिए भी पसंद करते हैं।
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