Shrinathji Temple का क्या है इतिहास जहां अनंत अंबानी-राधिका मर्चेंट की हुई सगाई

आप भी जानना चाहते हैं कि अनंत अंबानी-राधिका मर्चेंट ने जिस मंदिर में रोका किया उस मंदिर का क्या इतिहास है तो इस लेख को ज़रूर पढ़ें।

 

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कल से यानी 29 दिसंबर से देश के सबसे अमीर व्यक्ति में शामिल मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की तस्वीरें सोशल मीडिया कुछ तेजी से वायरल हो रही हैं। दरअसल, खबर है कि इन दोनों की सगाई हो गई हैं।

तस्वीरें इस लिए भी वायरल हो रही हैं, क्योंकि इन दोनों ने सगाई के लिए किसी विदेशी जगह या मुंबई जैसे शहर में को नहीं बल्कि राजस्थान के एक मंदिर में सगाई करने का फैसला किया।

जिस मंदिर में दोनों की सगाई हुई उस मंदिर का नाम 'श्रीनाथजी मंदिर' है। ऐसे में कई लोग इस मंदिर के बारे में इधर-उधर सर्च कर रहे हैं। ऐसे में हम आपको इस लेख में श्रीनाथजी मंदिर के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं। इस लेख में यह भी बताने जा रहे हैं कि क्यों अंबानी परिवार के लिए यह मंदिर खास है। आइए जानते हैं।

कहां है श्रीनाथजी मंदिर?

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अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट के साथ-साथ जिस मंदिर का जिक्र हो रहा है वो मंदिर भारत के किसी अन्य राज्य में नहीं बल्कि सबसे सुंदर प्रदेश में शामिल राजस्थान में है।

जी हां, यह पवित्र और प्राचीन मंदिर राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा में स्थित है। श्रीनाथजी मंदिर उदयपुर से लगभग 50 किमी और डबोक एयरपोर्ट से लगभग 58 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा जोधपुर से लगभग 208 किमी और जयपुर से लगभग 354 किमी की दूरी पर है।

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श्रीनाथजी मंदिर का इतिहास

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श्रीनाथजी मंदिर का इतिहास की कहानी बेहद ही दिलचस्प है। कहा जाता है कि इस मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन है। कहानी के अनुसार मध्यकाल में यह मंदिर आगरा में था, लेकिन किसी वजह से इसे स्थानांतरित किया जा था, क्योंकि मुग़ल सम्राट औरंगजेब इसे तुड़वाना चाहता था।(महाराष्ट्र के 9 फेमस मंदिर)

इस डर की वजह से रथ पर मूर्ति को रखकर दक्षिण की तरफ ले जाया जा रहा था और अचानक रथ मिट्टी में धंस गया जिसके बाद इसी स्थान को भगवान श्रीनाथजी का विशेष स्थान मान लिया गया। इसके बाद उस समय के तत्कालीन राजा ने मूर्ति की रक्षा की और बाद में इसी जगह मंदिर का निर्माण करवाया।

श्रीनाथजी मंदिर की पौराणिक कथा

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श्रीनाथजी मंदिर की पौराणिक कथा के बारे में जानने से आपको यह बता दें कि यह मंदिर किसी और भगवान के लिए नहीं बल्कि भगवान कृष्ण के लिए जाना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण की मूर्ति पत्थर में स्वयं प्रकट हैं।

एक अन्य पौराणिक कथा है कि श्रीनाथजी कृष्ण भागवान 7 वर्ष की अवस्था के रूप में विराजमान हैं। इस बाल स्वरूप को कई लोग गोवर्धन पहाड़ी की कहानी से भी जोड़कर देखते और पूजा-पाठ करते हैं।(भोपाल के प्राचीन मंदिर)

श्रीनाथजी मंदिर क्यों खास है अंबानी परिवार के लिए

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एक खबर के अनुसार अक्टूबर के महीने में रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड ने श्रीनाथजी मंदिर से राजस्थान में 5जी सेवा शुरू करने की घोषणा की थी। तब इस घोषणा के बाद मंदिर के पुजारी भी बहुत प्रसन्न हुए थे।

एक अन्य खबर है कि मुकेश अंबानी इसी साल के सितंबर के महीने में मंदिर का दौरा किया था और 5जी सेवा शुरू करने का वादा किया था। कहा जाता है कि देश में 4जी सेवा शुरू करने से पहले भी मुकेश अंबानी यहां पहुंचे थे।

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श्रीनाथजी मंदिर कैसे पहुंचें?

श्रीनाथजी मंदिर मंदिर पहुंचना बेहद आसान है। यहां आप सड़क, रेल या हवाई यात्रा के माध्यम से भी पहुंच सकते हैं। सबसे पास में डबोक एयरपोर्ट (उदयपुर) है। यहां से आप लोकल बस या टैक्सी लेकर पहुंच सकते हैं।

इसके अलावा यह मंदिर जोधपुर से लगभग 208 किमी और जयपुर से लगभग 354 किमी की दूरी पर है। इन शहरों के माध्यम से भी आप श्रीनाथजी मंदिर घूमने के लिए पहुंच सकते हैं।

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Image Credit:(@deshgujarat,myudaipurcity)

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