भारत के ये प्रसिद्ध मंदिरों ग्रहण के दौरान भी नहीं होते हैं बंद, जारी रहती है पूजा-पाठ

हमारे देश में ऐसे बहुत मंदिर है, जो कि ग्रहण के दौरान भी खुले रहते है और इस दौरान यहां पूजा-पाठ के साथ भक्तगण दर्शन भी करते हैं। आइए देखें उन प्रसिद्ध मंदिरों की लिस्ट।  
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हिंदू धर्म में ग्रहण लगने को अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसे में इस दौरान बहुत से काम करने वर्जित होते हैं। कहा जाता है इस काल के दौरान नेगेटिव एनर्जी होने की वजह से कुछ भी अच्छा काम नहीं किया जाता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को भी बाहर न निकलने के अलावा बहुत से काम नहीं करने दिए जाते हैं। सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे और चंद्र ग्रहण लगने से करीब 9 घंटे पहले सूतक लग जाते है। जिसमें भगवान को छूने और पूजा-पाठ करने की अनुमति नहीं होती है। घर में बने मंदिर और बाहर सभी मंदिरों के पट सूतक लगते ही बंद कर दिए जाते हैं।

ग्रहण खत्म होने के बाद गंगाजल और पानी से धुलाई करके ही भगवान की पूजा आरंभ होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में ऐसे बहुत से प्रसिद्ध मंदिर हैं, जो कि ग्रहण के दौरान भी खुले रहते हैं ? साथ ही, इस अवधि में भक्त दर्शन करने के साथ पूजा भी कर सकते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में कुछ ऐसे ही मंदिरों के नाम की लिस्ट दिखाने जा रहे है, जो कि ग्रहण काल में भी विधिवत खुले रहते हैं।

महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन

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मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में बसा बाबा महाकाल का प्रसिद्ध मंदिर ग्रहण काल में भी खुला रहता है। मान्यता अनुसार कालों के काल महाकाल स्वयं काल हैं और संपूर्ण मंडल के स्वामी हैं। ऐसे में उन पर ग्रहण का कोई असर नहीं होता है। हालांकि इस दौरान शिवलिंग को स्पर्श करना वर्जित होता है और आरती के समय में भी परिवर्तन कर दिया है, लेकिन भक्त दर्शन कर सकते हैं। आप एक बार भोलेनाथ के इस चमत्कारी मंदिर के दर्शन जरूर करके आए। मान्यता है यहां दर्शन करने वालों की हर मनोकामना पूरी होती है।

श्रीनाथ जी मंदिर, राजस्थान

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श्रीनाथजी राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा शहर में बसा फेमस मंदिर है। यह मंदिर उदयपुर से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इस मंदिर की मूर्ति पहले मथुरा में हुआ करती थी, लेकिन औरंगजेब की वजह से इसको नाथद्वारा लाया गया। इस मंदिर में अंबानी फैमिली समेत कई बड़ी बॉलीवुड हस्तियां भी दर्शन के लिए आती हैं। इस मंदिर के पट भी ग्रहण काल में खुले रहते हैं। इस दौरान केवल दर्शन होते हैं। इसके अलावा सभी काम को करने की मनाही होती है। मान्यता है कि जिस तरह श्रीनाथ भगवान ने गिरिराज पर्वत उठाकर सभी ब्रजवासियों को इंद्र भगवान के प्रकोप से बचाया था। ठीक उसी तरह प्रभु मंदिर आने वाले भक्तों की ग्रहण से रक्षा करते हैं।

कालकाजी मंदिर, दिल्ली

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सिद्ध शक्तिपीठों में से एक कालकाजी मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध और देवी मां के चमत्कारी मंदिरों में से एक है। जहां ग्रहण लगने पर दिल्ली के समस्त मंदिर बंद होते हैं। ऐसे में कालकाजी ऐसा एकमात्र मंदिर है, जो इस समय भी खुला रहता है। हिंदू मान्यतानुसार मां कालका के नियंत्रण में सभी ग्रह और नक्षत्र हैं। ऐसे में उनपर ग्रहण का कोई असर नहीं होता है।

कल्पेश्वर तीर्थ, उत्तराखंड

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देवों की भूमि उत्तराखंड में भी ग्रहण के दौरान सभी प्रसिद्ध मंदिर केदारनाथ, बद्रीनाथ आदि बन होते हैं, लेकिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित कल्पेश्वर तीर्थ ग्रहण में भी भक्तों के लिए खुला रहता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी पवित्र स्थान से महादेव ने अपनी जटाओं से मां गंगा के प्रवाह को कम किया था।

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इसके अलावा बीकानेर में स्थित लक्ष्मी नाथ मंदिर और गया में बने विष्णु पद मंदिर के भी पट ग्रहण काल की अवधि में खुले रहते हैं। भक्त इस दौरान यहां दर्शन कर सकते हैं।

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Image Credit: Wikipedia/instagram/herzindagi/kalpeshwar_mahadev_urgam

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