23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में बिहार को लेकर कई तरह के मास्टर प्लान का ऐलान किया। बजट सुनकर ऐसा लगा जैसे, इस बार बजट में बिहार पर मेहरबानी ज्यादा हुई है। इस बार बिहार के 2 मंदिरों का नाम चर्चा में चल रहा है। ऐसे इसलिए, क्योंकि बजट में इन दोनों मंदिरों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको इन दोनों मंदिरों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
बजट में हुआ बिहार के विष्णुपद टेंपल के विकास का जिक्र
दरअसल, भारत को वैश्विक टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने के लिए इस बार बजट में खास ख्याल रखा गया है। गया में विष्णुपद मंदिर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर कॉरिडोर का निर्माण करने की बात कही गई है। इससे यहां केवल देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक दर्शन करने के लिए आएंगे। आप सोच रहे होंगे कि इससे क्या फायदा होगा, दरअसल काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद बनारस में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिला।
बिहार के इस मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में महारानी अहिल्याबाई करवाया था। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। पितृपक्ष के अवसर पर यहां देशभर से श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान के दर्शन के लिए आती है। माना जाता है कि इस अवसर पर यहां दर्शन के लिए आने वाले लोगों के समस्त दुखों का नाश होता है। इस मंदिर की ऊंचाई करीब सौ फीट ऊंची बताई जाती है। मंदिर परिसर में फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है।यह मंदिर भारत के फेमस मंदिर में से एक है।
- कहां स्थित है मंदिर- गया जिले में मोक्षदायिनी फल्गु नदी के किनारे पर स्थित है।
- समय- सुबह 9 से दोपहर 12.30 और शाम 5 बजे से रात 8 बजे तक मंदिर खुला रहता है।
- लोकेशन- गया जंक्शन रेलवे स्टेशन से केवल 4 किलोमीटर की दूरी पर मंदिर स्थित है।
- पटना एयरपोर्ट से मंदिर लगभग 107 किलोमीटर दूर है।
महाबोधि टेंपल
बिहार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने महाबोधि टेंपल को भी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर कॉरिडोर का निर्माण करने का फैसला लिया गया है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर ही बिहार के बोधगया में स्थित महाबोधि मंदिर का निर्माण होगा। इससे पर्यटन के लिए लोग यहां अधिक आएंगे। यूनेस्को ने महाबोधि विहार को विश्व धरोहर घोषित किया है। इसलिए सरकार भी इस जगह को और ज्यादा फेमस करने के लिए और रोजगार बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है।
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- कैसे पहुंचे- महाबोधि मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन गया जंक्शन है। यहां पहुंचने में आपको रेलवे स्टेशन से 16 किमी की दूरी तय करनी होगी।
- समय- मंदिर हर दिन सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है।
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