अक्सर जब हम कभी घूमने जाते हैं तो सिर्फ वहां के टूरिस्ट प्लेस को ही एक्सप्लोर नहीं करते हैं, बल्कि अधिकतर लोग उस स्थान के प्रसिद्ध मंदिरों या आस्था स्थलों का दौरा भी करते हैं। लेकिन क्या आप कभी भारत के सबसे पुराने फंक्शनल मंदिर में दर्शन के लिए गए हैं। शायद ऐसे मंदिर की यात्रा करने का आपको एक अलग ही अहसास हो। अगर आप सच में देश के सबसे पुराने फंक्शनल मंदिर का दौरा करना चाहते हैं तो आपको बिहार जाना चाहिए।
बिहार के कैमूर जिले में स्थित मुंडेश्वरी मंदिर देश के सबसे पुराने हिंदू मंदिरों में से एक है, जिसका निर्माण तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ था। यह भारत में सबसे लोकप्रिय शिव मंदिरों में से एक है। बड़ी संख्या में भक्तगण यहां पर दर्शन हेतु आते हैं। यह मंदिर भगवान शिव और शक्ति को समर्पित है। इस मंदिर के इतिहास व वास्तुकला अद्भुत है। अगर आप भी बिहार घूमने का मन बना रहे हैं और मुंडेश्वरी मंदिर आपकी ट्रेवल बकिट लिस्ट में है तो आपको पहले इस मंदिर से जुड़ी कुछ बातों के बारे में जान लेना चाहिए। इससे आपको मंदिर में यात्रा करने का एक अलग ही आनंद आएगा। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बिहार के मुंडेश्वरी मंदिर से जुड़ी कुछ बेहतरीन बातों के बारे में बता रहे हैं-
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सबसे पुराना फंक्शनल मंदिर
मुंडेश्वरी मंदिर सिर्फ धार्मिक ही नहीं, ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी बेहद विशेष है। इस मंदिर की खास बात यह है कि इसे दुनिया के सबसे पुराने फंक्शनल हिंदू मंदिरों में से एक के रूप जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण शक काल के दौरान 108 ईस्वी के आसपास हुआ था। यह करीबन 1900 वर्ष से अधिक पुराना मंदिर है। यही कारण है कि इतिहास प्रेमी भी इस मंदिर का दौरा करने के लिए अवश्य आते हैं।
बेहतरीन अष्टकोणीय संरचना
इस मंदिर का आर्किटेक्चरल डिजाइन भी इसे बेहद विशेष बनाता है। दरअसल, मंदिर में एक असामान्य अष्टकोणीय आकृति है, जो भारतीय मंदिर वास्तुकला में अमूमन देखने को नहीं मिलती है। यह डिज़ाइन न केवल इसकी विशिष्टता को बढ़ाता है बल्कि उस समय के उन्नत वास्तुशिल्प ज्ञान को भी दर्शाता है।
दो देवताओं को समर्पित मंदिर
मुंडेश्वरी मंदिर में भगवान शिव और शक्ति दोनों की पूजा की जाती है। यहां पर देवी को मुंडेश्वरी देवी के रूप में दर्शाया गया है। वह देवी दुर्गा का ही एक रूप हैं। इसके अलावा, मंदिर में गणेश, विष्णु और सूर्य आदि देवताओं की मूर्तियां भी हैं, जिनकी लोग पूजा करते हैं।
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एएसआई संरक्षित मंदिर
इस मंदिर की एक विशेषता यह भी है कि एएसआई यानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने मुंडेश्वरी मंदिर को संरक्षित स्मारक के रूप में सूचीबद्ध किया है। दुनिया की सबसे प्राचीन संरचनाओं में से एक होने के कारण इसकी महत्ता कई गुना बढ़ जाती है। इसकी संरचना और कलाकृति को संरक्षित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
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Image Credit- wikipedia
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