(Badrinath Dham) बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड राज्य में स्थित चार धामों में से एक है। यह भगवान विष्णु को समर्पित एक हिन्दू मंदिर है। यह अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर भारत के चार धामों में सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है और हर साल लाखों तीर्थयात्री यहां भगवान विष्णु के दर्शन के लिए आते हैं। बता दें, यह मंदिर काले पत्थर से बना है और इसमें भगवान विष्णु की एक शालिग्राम मूर्ति स्थापित है। मंदिर को 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित माना जाता है। बद्रीनाथ की यात्रा एक कठिन यात्रा है। अब ऐसे में इस मंदिर का नाम बद्री कैसे पड़ा। इसके पीछे की कहानी बेहद रोचक है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
बद्रीनाथ में जलने वाला अखंड ज्योत का महत्व
बद्रीनाथ धाम में जलने वाली अखंड ज्योति भगवान विष्णु का प्रतीक है और हिंदुओं के लिए अत्यंत महत्व रखती है। यह ज्योति सदैव प्रज्वलित रहती है, चाहे मौसम कैसा भी हो या कोई भी आपदा क्यों न आए। ऐसा माना जाता है कि अखंड ज्योति 5000 वर्षों से अधिक पुरानी है। ज्योति का निर्माण पांच प्रकार की लकड़ी, घी, कपूर, दालचीनी और लौंग से होता है। ज्योति को भगवान विष्णु के प्रकाश का प्रतीक माना जाता है और यह दर्शाता है कि भगवान हमेशा हमारे साथ हैं, चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं। तीर्थयात्री मंदिर में दर्शन करने के बाद अखंड ज्योति के दर्शन जरूर करते हैं। ऐसा माना जाता है कि ज्योति के दर्शन करने से मन को शांति मिलती है और पापों का नाश होता है।
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इस तीर्थ का नाम कैसे पड़ा बद्रीनाथ?
इस कथा के अनुसार, सतयुग में भगवान विष्णु ने तपस्या के लिए बद्रीनाथ की गुफा का चयन किया था। उनकी पत्नी देवी लक्ष्मी उनके साथ रहना चाहती थीं, लेकिन उन्हें देवताओं के नियमों के अनुसार मनुष्यों की दुनिया में रहना पड़ता था। देवी लक्ष्मी ने भगवान विष्णु की रक्षा के लिए बद्री वृक्ष का रूप धारण कर लिया। भगवान विष्णु ने देवी लक्ष्मी के त्याग और प्रेम से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद दिया कि वे बद्रीनाथ में उनके साथ रहेंगी और तीर्थयात्री उनकी भी पूजा करेंगे।इसी कारण से इस स्थान का नाम "बद्रीनाथ" पड़ा, जो "बद्री" यानी बद्री वृक्ष और "नाथ" यानी भगवान का आशय है।
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इस प्रकार इस धाम का नाम ब्रद्रीनाथ पड़ा। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit- herzindagi
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