आखिर क्या है टपकेश्वर महादेव का इतिहास, क्यों महाभारत काल से ही जुड़ा है 'जल' का रहस्य

टपकेश्वर मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। शिवलिंग पर एक चट्टान से पानी की बूंदे टपकती रहती हैं। जानते हैं यहां का महत्व और रहस्य।

 
  • Shilpa
  • Editorial
  • Updated - 2022-03-30, 13:53 IST
tapkeshwar temple history in hindi

भोलेनाथ के कई प्राचीन मंदिर हैं। जिनका इतिहास महाभारत और रामायण से जुड़ा है। इनमें से एक ऐसा ही भगवान शिव का प्राचीन मंदिर उत्तराखंड देवभूमि में है। जिसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, मंदिर का कुछ खास महत्व और रहस्य है। टपकेश्वर महादेव मंदिर देहरादून के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। पौराणिक मान्यता के अनुसार आदिकाल में भोले शंकर ने यहां देवेश्वर के रूप में दर्शन दिए थे। इस मंदिर की शिवलिंग पर एक चट्टान से पानी की बूंदे टपकती रहती हैं। आइए जानते हैं शंकर भगवान के इस प्राचीन मंदिर का इतिहास और महत्व।

मंदिर का नाम टपकेश्वर कैसे पड़ा

Why is Tapkeshwar famous

यह भोलेनाथ को समर्पित गुफा मंदिर है। इसका मुख्य गर्भगृह एक गुफा के अंदर है। इस गुफा में शिवलिंग पर पानी की बूंदे लगातार गिरती रहती हैं। इसी कारण शिवजी के इस मंदिर का नाम टपकेश्वर पड़ा। टपक एक हिंदी शब्द है, जिसका अर्थ है बूंद-बूंद गिरना।

मंदिर के नाम के पीछे है ये पौराणिक कथा

टोंस नदी के तट पर स्थित टपकेश्वर मंदिर की एक पौराणिक कथा के अनुसार- यह गुफा द्रोणाचार्य (महाभारत के समय कौरव और पांडवों के गुरु) का निवास स्थान माना जाता है। इस गुफा में उनके बेटे अश्वत्थामा पैदा हुए थे। बेटे के जन्म के बाद उनकी मां दूध नहीं पिला पा रही थी। उन्होंने भोलेनाथ से प्रार्थना की जिसके बाद भगवान शिव ने गुफा की छत पर गऊ थन बना दिए और दूध की धारा शिवलिंग पर बहने लगी। जिसकी वजह से प्रभु शिव का नाम दूधेश्वर पड़ा। कलयुग के समय में इस धारा ने पानी का रूप ले लिया। इस कारण इस मंदिर को टपकेश्वर कहा जाता है। (प्रसिद्ध शिव मंदिर)

महत्व

tapkeshwar temple history in hindi ()

इस मंदिर में भगवान शिव टपकेश्वर के नाम से जाने जाते है। यहां दो शिवलिंग हैं। यह दोनों गुफा के अंदर स्वयं प्रकट हुए थे। शिवलिंग को ढकने के लिए 5151 रुद्राक्ष का उपयोग किया गया है। मंदिर के आस-पास मां संतोषी की गुफा भी है। यह मंदिर टोंस नामक नदी के तट पर स्थित है। द्वापर युग में यह नदी तमसा नाम से प्रसिद्ध थी। मंदिर परिसर के आस-पास कई खूबसूरत झरने हैं। यहां भारी मात्रा में श्रद्धालु आते हैं। यहां शाम को भगवान शिव का श्रृंगार किया जाता है।

इसे भी पढ़ेंःदेहरादून में इन पांच जगहों को नहीं देखा तो समझ लीजिए कि कुछ नहीं देखा

गुरु द्रोणाचार्य ने गुफा में की भगवान शिव की तपस्या

मान्यता है कि इस गुफा में कौरव और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य भगवान शिव की तपस्या करने के लिए आए थे। 12 साल तक उन्होंने भोलेनाथ की तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें दर्शन दिए, उनके अनुरोध पर ही भगवान शिव यहां लिंग के रूप में स्थापित हो गए। लोक मान्यता के अनुसार- गुरु द्रोणाचार्य को भगवान शिव ने इसी जगह पर अस्त्र-शस्त्र और धनुविधा का ज्ञान दिया था। इस प्रसंग का महाभारत में उल्लेख है।

इसे भी पढ़ेंःदेहरादून के करीब घूमने की इन बेहतरीन जगहों को एक बार जरूर करें एक्सप्लोर

कहां पर स्थित है प्रभु का धाम

Know tapkeshwar temple history

ऐतिहासिक टपकेश्वर महादेव मंदिर देहरादून शहर से लगभग 6 किलोमीटर दूर गढ़ी कैंट पर स्थित है। सावन के महीने में यहां मेला लगता है। दर्शन के लिए लंबी लाइन लगी रहती है। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में सावन के महीने में जल चढ़ाने से भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती हैं। टपकेश्वर मंदिर में देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं। मंदिर जाने के लिए सबसे नजदीक देहरादून रेलवे स्टेशन और बस अड्डा है। (शिवलिंग का महत्व)

वास्तुकला

प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर का वास्तुकला प्राकृतिक और मानव निर्मित का खूबसूरत संगम है। यह मंदिर दो पहाड़ियों के बीच है। शिवलिंग का मुख्य गर्भगृह गुफा के अंदर स्थित है। गुफा का वास्तुकला प्रकृति का अद्भुत नजारा है। महादेव टपकेश्वर का द्वार सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक और 1:30 से शाम के 5:30 तक खुला रहता है।

उत्तराखंड में पहाड़ की गोद में भगवान टपकेश्वर मंदिर स्वयं शिवजी की महिमा का गुणगान करता है। यह मंदिर तप और भक्ति की गाथा सुनाती है। उम्मीद है कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए हमें कमेंट कर जरूर बताएं और जुड़े रहें हमारी वेबसाइट हरजिंदगी के साथ।

Image Credit: freepik, shutterstock

Recommended Video

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP