मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले से सटे सुल्तानगढ़ में एक झरना है। अमूमन इस झरने में ज्यादा पानी नहीं होता। लोग यहां छुट्टी के दिन आते हैं और यहां के प्रकृतिक दृश्यों की खूबसूरती को निहारते हैं। कुछ लोग यहां अपने परिवार के साथ आते हैं और पिकनिक भी मनाते हैं। बीती 15 अगस्त को भी कुछ ऐसा ही हुआ। सुहावने मौसम में शहर के आसपास के कई लोग यहां पिकनिक मनाने इकट्ठा हुए। मगर, कहते हैं न प्राकृति के अपने नियम कायदे होते हैं। उसके साथ छेड़-छाड़ याफिर गैरजिम्मेदाराना व्यवहार खतरे में डाल सकाता है। कुछ ऐसा ही 15 अगस्त वाले दिन उन लोगों के साथ हुआ जो इस झारने के बीचो-बीच चट्टान में परिवार के साथ बैठ कर पिकनिक मना रहे थे। झरने का जल स्तर बढ़ने लगा और लगभग 50 लोग उसी चट्टान में फंस गए। पानी इतना बढ़ गया की लोग चट्टान सहित उसमें डूबने लगे।
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ऐसा पहली बार नहीं हुआ। पहले भी ऐसा कई बार हो चुका है। वॉटर फॉल्स दिखने में बेहद खूबसूरत लगते हैं मगर यहां जरा सी लापरवाही वॉटर फॉल्स को जानलेवा बना सकती है। आज हम आपको बताएंगे कि अगर आप किसी वॉटर फॉल को देखने जा रही हैं तो आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
वॉटर फॉल के आस-पास कई प्रशासनिक बोर्ड्स लगे होते हैं, जिन पर अलर्ट रहने और चेतावनियां लिखी होती हैं। बहुत सारे लोग इन्हें पढ़ना भी जरूरी नहीं समझते। कुछ लोग तो देख कर भी इन बोर्ड्स पर लिखी बातों को अनदेखा कर देते हैं। मगर ऐसा करना खतरनाक साबित हो सकता है। वॉटर फॉल कितना गहरा है और किस प्वाइंट तक जाकर उसे नजदीक से देखा जा सकता है यह सारी बातें अलर्ट बोर्ड पर लिखी होती है। मगर लोग उसे सीरियसली नहीं लेते और बाद में हादसे के शिकार हो जाते हैं।
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मौसम और समय देख कर ही वॉटर फॉल के आस-पास जाना चाहिए। बारिश के मौसम में अकसर नदियों में जब बाढ़ आ जाती है तो बांध के गेट खोल दिए जाते हैं और इससे झरने का जलस्तर अपने आप बढ़ जाता है। ऐसे में अगर आप झरने को देखने जा रही हैं तो ध्यान रखें की उससे दूरी बना कर रखें। बहुत सारे लोग बढ़े हुए जल स्तर को देखने के साथ उसे छुने या उसके करीब जाने की कोशिश करते हैं और इसी में वह अपनी जान गंवा देते हैं।
सेल्फी लेना एक ट्रेंड बन चुका है। अच्छा हो या बुरा। लोग सेल्फी लेने से नहीं चूकते। खासतौर पर जब वह किसी प्राकृतिक खूबसूरती को देखते हैं तो उनकी कोशिश होती है कि वह नजदीक से सेल्फी लें। वॉटर फॉल के आसपास खतरा ही खतरा होता है। यहां पर सेल्फी लेना किसी स्टंट से कम नहीं होता। इसलिए अगर आप वॉटर फॉल देखने जा रही हैं तो कोशिश करें कि जो तस्वीरें आपको कैमरे में कैद करनी हैं उसे आप दूर से ही लें। सेल्फी लेने के चक्कर में अपनी जान को खतरे में न डालें।
वॉटर फॉल के आसपास पानी की वजह से फिसलन हो जाती है। इस फिसलन में आप अपने पैरों पर बैलेंस बना सकें इसके लिए आपको ऐसे फुटवेयर पहनने चाहिए जो आपके पैरों की ग्रिप को बना कर रखें। ऐसी जगह पर आप को हील्स तो भूल कर भी नहीं पहननी चाहिए और न ही फिसलने वाली चप्पल पहन कर जाना चाहिए।
वॉटर फॉल के आस-पास के खूबसूरत दृश्यों को देख कर बहुत सारे लोग यह तय कर लेते हैं कि यहां पर पिकनिक मनाई जा सकती है। इसलिए वह झरने से सटी चट्टानों पर चले जाते हैं। इतना ही नहीं कई लोग झरने के पानी से नहाने भी लगते हैं मगर यह सब कुछ नहीं करना चाहिए। क्योंकि झरने का जल स्तर बढ़ने पर खुद को संभाल पाना मुश्किल हो जाता है।
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