पूर्व-भारत में मौजूद कुछ ऐसी जगहें हैं, जो सिर्फ भारत के अन्य राज्यों में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। जिस पैमाने पर लोग हिमाचल, उत्तराखंड और लद्दाख जैसी जगहों पर घूमने के लिए जाते हैं उससे अधिक ही पर्यटक पूर्व-भारत में भी घूमने के लिए पहुंचते हैं। यहां मौजूद अद्भुत झरने, झील, पर्वत और नेशनल पार्क विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। सिक्किम और हिमालय की गोद में मौजूद कंचनजंगा नेशनल पार्क दुनिया की तीसरी सबसे उंची पर्वत पर मौजूद है, जहां हर साल लाखों देशी और विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। लगभग 8 हज़ार से भी अधिक मीटर की ऊंचाई पर मौजूद जैव विविधता में अद्वितीय होने के साथ-साथ वनस्पतियों और जीवों की सबसे अधिक प्रजातियों का घर भी है। आज इस लेख में हम आपको कंचनजंगा नेशनल पार्क के बारे में करीब से बताने जा रहे हैं, जहां आप भी एक बार घूमने जाना ज़रूर पसंद करेंगे, तो आइए जानते हैं।
पार्क का इतिहास
सबसे पहले कंचनजंगा नेशनल पार्क के इतिहास के बारे में जान लेते हैं। आपको बता दें कि कंचनजंगा नेशनल पार्क पहले एक साधारण जगह थी लेकिन, लगभग साल 1977 के आसपास इस पार्क को राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया था। प्रारंभ में यह जगह छोटी थी लेकिन, आगे चलकर इस जगह को और भी बड़ा किया गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कंचनजंगा नेशनल पार्क दुनिया की तीसरी सबसे उंची चोटी के नाम से लिया गया है, जो आज एक यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में भी शामिल शामिल है।
वनस्पति और वन्यजीव के बारे में
कंचनजंगा नेशनल पार्क एक साइड से नहीं बल्कि, हर तरफ से उत्तम सौदर्य से भरपूर है। यहां मौजूद कई दुर्लभ औषधीय पेड़ और पौधे मौजूद हैं जो शायद किसी भी नेशनल पार्क में मौजूद नहीं होंगे। यहां खास किस्म की अल्पाइन घास भी देख सकते हैं। अगर इस पार्क में मौजूद जानवरों के बारे में बात करें तो यहां पक्षियों की लगभग 500 से भी अधिक प्रजातियां रहती हैं। इसके अलावा हिमालयन तहर, हिमालयन ब्लू शीप, जंगली कुत्ता, हिम तेंदुआ आदि कई जानवर भी आपको देखने को मिल जाएंगे।(असीम खूबसूरती से भरपूर हैं भारत की ये जगहें)
पार्क के अंदर क्या है खास?
शायद आपको जानकारी हो अगर नहीं मालूम है तो आपको बता दें कि कंचनजंगा नेशनल पार्क के अंदर कई ग्लेशियर भी देखे जाते हैं। कहा जाता है कि इस पार्क के अंदर मौजूद लगभग छब्बीस किलोमीटर की लंबाई वाला ग्लेशियर भी मौजूद है जो पर्यटकों के लिए बेहद ही आकर्षण का केंद्र है। इस पार्क के अंदर घूमने के साथ-साथ आप ट्रेकिंग का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं। इसके अलावा आप इस पार्क में जीप सफारी का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं। (पर्वत पर बसा कार्तिक स्वामी मंदिर) यक़ीनन प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है।
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पार्क में घूमने का समय और टिकट की कीमत
कंचनजंगा नेशनल पार्क में घूमने के लिए सबसे अच्छे समय की बात की जाए तो मार्च से मई और सितंबर से मध्य दिसंबर के बीच का समय माना जाता है। हालांकि, सितंबर में अधिक बारिश होने के चलते कई लोग मार्च से मई और अक्टूबर में जाना पसंद करते हैं। इसके अलावा अगर टिकट की बात की जाए तो देशी पर्यटकों के लिए लगभग 300 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए लगभग 550 रुपये हैं। इस पार्क के अंदर लगभग 50 रुपये के अंदर आराम करने के लिए तम्बू भी किराए पर मिलता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पार्क से कुछ ही दूरी पर मौजूद होटल में रुक सकते हैं।
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Image Credit:(@sutterstocks)
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