पिछले कुछ सालों में मशरूम की खेती का प्रचलन भारत में बहुत तेजी से बढ़ा है। इसका सबसे बड़ा कारण है मार्केट में इसकी अच्छी डिमांड होना। भारत में मशरूम सबसे ट्रेंडिंग सब्जियों में से एक है। यह खाने में जितना ही स्वादिष्ट है लगता है उतना हेल्थ के लिए फायदेमंद भी है। इसमें भारी मात्रा में फाइबर और विटामिन डी पाया जाता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
पूरी दुनिया में मशरूम की 10000 प्रजातियां पाई जाती हैं जिसमें खाने योग्य सिर्फ 70 प्रजातियां ही हैं। भारत में कई तरह के मशरूम की खेती होती है। इस लेख के जरिए हम आपको देश में मिलने वाले मशरूम के प्रकार के बारे में बताने वाले हैं। आइए जानते हैं-
देश में सफेद बटन मशरूम की खेती सबसे ज्यादा होती है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि भारत के तापमान के अनुसार यह जल्दी ग्रो कर जाता है। इसकी खेती के लिए सरकार द्वारा भरपूर प्रोत्साहन भी दिया जाता है। इस मशरूम को अच्छे से ग्रो करने के लिए 22-26 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है। यह किसी भी हवादार जगह पर उगाया जा सकता है। इसके सेवन से मोटापा कम होता है। साथ ही यह स्वाद में भी बहुत अच्छा लगता है। इसलिए बहुत से लोग इसे यूज करना पसंद करते हैं। यह मार्केट में 50 रूपए किलो से लेकर 120 रुपए किलो तक बिकता है।
आयस्टर मशरूम की खेती भारत में साल भर की जाती है। इसके लिए सबसे अनुकूल तापमान 20-30 डिग्री सेल्सियस है। इसे उगाने के लिए घान और भूसे दोनों का इस्तेमाल किया जाता है। इस मशरूम की भारतीय बाजार में बहुत डिमांड होती है। ऑयस्टर मशरूम की कई प्रजातियां पाई जाती हैं जो अलग-अलग तापमान पर ग्रो करती हैं। इसे पूरा तैयार होने में दो से तीन महीने का समय लगता है। यह 120 रुपए प्रति किलो से लेकर हजार रुपए प्रति किलो तक यह मार्केट में बिकता है। इसका रेट इसकी गुणवत्ता पर निर्भर करता है।
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शिटाके मशरूम में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। यह घर या बाहर में बड़ी आसानी से उगाया जा सकता है। आपको बता दें कि दुनिया में दूसरा सबसे ज्यादा उत्पादन किया जाने वाला मशरूम है। इस मशरूम में प्रोटीन और विटामिन की भरपूर मात्रा होती है जो मधुमेह जैसे रोगों में बहुत फायदेमंद है। यह सेहत के लिए जितना ही फायदेमंद है खाने में भी उतना ही स्वादिष्ट भी लगता है। इसे करीब दो हजार रुपए किलो के रेट से मार्केट में बेचा जाता है।
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दूधिया मशरूम की खेती भारत में बहुत पुराने जमाने से की जा रही है। इसकी शुरुआत 1976 में पश्चिम बंगाल से हुई थी। अब इसे कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों भी खूब उगाया जा रहा है। इस मशरूम मे भारी मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जिससे यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह विटामिन डी का भी बहुत अच्छा सोर्स है। इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत कम होती है जिसके कारण यह ब्लड शुगर लेवल और वजन कंट्रोल करने में मदद करता है।
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(Image Credit: Shutterstock, Wikipedia)
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