herzindagi
history of sanchi stupa main

सांची स्तूप के इतिहास के बारे में जानें यह रोचक बातें

मध्य प्रदेश में स्थित सांची स्तूप दुनियाभर में मशहूर है, जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। तो क्‍या है इस जगह में खास? चलिए जातने हैं इसके इतिहास के बारे।
Editorial
Updated:- 2020-07-19, 15:13 IST

मध्य प्रदेश राज्य की छोटी सी जगह सांची, इस जगह का नाम आपने जरूर सुना होगा। भोपाल से 46 किलोमीटर और बेसनगर और विदिशा से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सांची रायसेन जिले में स्थित एक छोटा सा गांव है। यहां स्थित सांची स्तूप पूरी दुनिया में मशहूर है, जिसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं। किसी भी देश की ऐतिहासिक इमारतें वहां के इतिहास को बयां करती है। ऐतिहासिक इमारतें ऐसी होती हैं, जो दुनियाभर के लोगों को उस देश की ओर खींच लाती है और सांची स्तूप भी उन्हीं इमारतों में से एक है। हांलाकि ऐतिहासिक महत्‍व रखने के बावजूद यह स्तूप उन ऐतिहासिक इमारतों में शुमार नहीं है, जो ताजमहल या कुतुबमीनार की तरह पॉपुलर हैं। मगर इस वजह से इसकी अहमियत को कम करके आंकना सही नहीं होगा, क्‍योंकि यह स्तूप इन इमारतों से कुछ कम नहीं है। युनेस्को ने साल 1989 में इसे वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा दिया है।

 know about the history of sanchi stupa inside

इसे जरूर पढ़ें: ज़ंस्कार घाटी: जानें इस खूबसूरत वादी से जुड़ी पूरी जानकारी

रायसेन जिले में स्थित यह एक बौद्ध स्मारक है। इस स्मारक को देखने के लिए विदेश से लाखों लोग आते हैं और सभी का मानना है कि सांची स्तूप दुनिया की बेहतरीन ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। इतिहास के पन्नों के हिसाब से यह बेहद कीमती है, तो चलिए जातने हैं इस महत्‍वपूर्ण स्तूप की पूरी कहानी।

 

सम्राट अशोक से जुड़ा है इसका इतिहास

सांची स्तूप का व्यास 36.5 मीटर और ऊंचाई लगभग 21.64 मीटर है और यह सम्राट अशोक की विरासत है, चूंकि वह बौद्ध धर्म को मान चुके थे, इसलिए सांची स्तूप (मध्य प्रदेश के हाथी महल के बारे में जानें) को बौद्ध धर्म से जोड़कर देखा जाता है। अशोक ने तीसरी सदी ईसा पूर्व में इसे बौद्ध अध्ययन और शिक्षा केंद्र के तौर पर बनवाया था।

 know about the history of sanchi stupa inside

सांची में ही क्यों स्थित है

इस स्तूप को सांची में इसलिए बनवाया गया क्‍योंकि सम्राट अशोक की पत्नी भले ही विदिशा के व्यापारी की बेटी थीं, लेकिन उनका संबंध सांची से था।

सबसे पुरानी शैल संरचना

सांची स्तूप खास इसलिए भी है क्‍योंकि इसे देश की सबसे पुरानी शैल संरचना माना जाता है। इस संरचना को महान स्तूप या स्तूप संख्या-1 कहा जाता है। स्तूप के चारों ओर बने सुंदर तोरण द्वार पर बनी खूबसूरत कलाकृतियों को भी भारत की प्राचीन और सर्वोत्तम उदाहरणों में से एक माना जाता है।

 know about the history of sanchi stupa inside

ग्रीको-बौद्ध शैली का प्रयोग

सारनाथ में मिले अशोक स्तम्भ, जिस पर 4 सिंह बने हुए हैं, वैसा ही अशोक स्तम्भ सांची (एमपी के 5 ऑफबीट डेस्टिनेशन्स) से भी मिला है| इन स्तंभों का निर्माण ग्रीको-बौद्ध शैली में किया गया था। सांची का स्तूप बुद्ध के महापरिनिर्वाण का प्रतीक है।

क्या है ककनादबोट

सांची में मिले अभिलेखों में सांची स्तूप को ककनादबोट कहा गया है। इस स्तूप को साहस, प्रेम, विश्वास और शांति का प्रतीक माना जाता है। राजपूत काल तक तो सांची की कीर्ति बनी रही, लेकिन बाद में औरंगजेब के काल में बौद्ध धर्म का यह केंद्र गुमनामी में खो गया।

 know about the history of sanchi stupa inside

संग्रहालय कैसे बना

चौदहवीं सदी से लेकर साल 1818 तक, जनरल टेलर द्वारा पुनः खोजे जाने तक सांची सामान्य जन की जानकारी में नहीं था। वहीं, 1912 से 1919 के बीच में सांची स्तूप में मरम्मत का काम करवाया गया। सर जॉन मार्शल ने यह काम करवाया और इसी दौरान इस संग्रहालय का निमार्ण करवाया। जिसे बाद में साल 1986 में सांची की पहाड़ी के आधार पर नए संग्रहालय भवन में स्थानांतरित किया गया। चारों ओर से घनी झाड़ियों के बीच सांची के सारे निर्माण का पता लगाना और उनका जीर्णोद्धार कराके मूल आकार देना बेहद कठिन था, पर मार्शल ने इसे बखूबी किया।

 know about the history of sanchi stupa inside

इसे जरूर पढ़ें: भारत के इन 5 धार्मिक नदियों के बारे में कितना जानती हैं आप

अगली बार जब आपको मध्य प्रदेश जाने का मौका मिले तो सांची जरूर घूमने जाएं और इस धरोहर को नजदीक से देखकर आएं। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो जुड़ी रहिए हमारे साथ। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए पढ़ती रहिए हरजिंदगी।

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।