भारत में मध्य प्रदेश हमेशा से टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स का एक प्रमुख केंद्र रहा है। यहां कुछ ऐसी प्राचीन इमारत हैं जो आज भी खूबसूरती की मिसाल हैं। खजुराहों के मंदिर, ताज-उल-मस्जिद, भीमबेटेक रॉक शेल्टर्स या फिर महेश्वर किला, यहां हमेशा हजारों की संख्या में सैलानी घूमने आते रहते हैं। इन्हीं इमारतों में एक है 'हाथी महल', जो अपनी अद्भुत कला और खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। आज इस लेख में मैं आपको इस प्राचीन इमारत से रूबरू कराने जा रहा हूं, जिसके बारे में शायद आप भी अभी तक अंजान होंगे। जब आप अगली बार मध्य प्रदेश जाएं तो यहां ज़रूर पहुचें। तो चलिए शुरू करते हैं इस सफ़र को-
इस महल का निर्माण लगभग 16वीं शताब्दी के आस-पास में किया गया था। हाथी महल को तारंग साम्राज्य के शासकों ने बनवाया था। इस इमारत के बारे में यह कहा जाता है कि समय-समय पर कई शासकों ने यहां पर राज्य किया जिसके चलते बहुत सी इमारतें और दीवारें तोड़ दी गयीं। शुरूआती दिनों में यह सिर्फ एक महल के रूप से जाना जाता था लेकिन 18 वीं शताब्दी आते-आते यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया।
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आपको दूर से ही मालूम चल जायेगा कि आज के समय में ऐसी इमारतों का निर्माण करना संभव नहीं है। इंडो-इस्लामिक शैली में बनी इस इमारत की कला आपको कुछ देर के लिए विचलित कर देगी। इमारत के अंदर बने विशाल और मजबूत स्तम्भ भी सैलानियों को खूब आकर्षित करते हैं। इस इमारत के बारे में कहा जाता है कि पहले यह शाही महल के लिए बनाया गया था लेकिन, बाद में इसमें से कुछ जगह को कब्रगाह में तब्दील कर दिया। इस इमारत को बनाने में लाल पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। इसमें बने गुंबद, मस्जिद और पैलेस इंडो-इस्लामिक वास्तुकला के बेहतरीन नमूने हैं।
इस इमारत को कई नामों से जाना जाता है। कुछ लोग इसे 'दरिया खान' मक़बरे के रूप में जानते हैं, तो कुछ लोग मांडवगढ़ महल के नाम से भी जानते हैं। लेकिन, अधिकतर लोग इसे हाथी महल के नाम से ही जानते हैं। इसके आस-पास की जगह को रॉक सिटी के नाम से भी जाना जाता है। (भारत के सबसे पुराने इन 5 विश्वविद्यालय)
हाथी महल मध्य प्रदेश के मांडू शहर में है। यह धार जिले में पड़ता है। अगर आप दिल्ली से आ रहे हैं तो आपको यहां पहुचने में लगभग 5 से 6 घंटे का समय लगेगा। वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश का मांडू शहर हाथी महल के साथ-साथ कई अन्य प्राचीन खंडहर और इमारत के लिए भी जाना जाता है।
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आप यहां अपनी पर्सनल गाड़ी या ट्रेन से भी पहुंच सकते हैं। ट्रेन से आप भोपाल या रतलाम रेलवे स्टेशन पहुंच कर वहां से टैक्सी कर के भी पहुंच सकते हैं। हाथी महल उज्जैन से लगभग 155, और भोपाल सिटी से लगभग 280 किलोमीटर की दूरी पर है। आप चाहें तो हवाई मार्ग से भी यहां पहुंच सकते हैं। इंदौर हवाई अड्डा से इसकी दूरी लगभग 95 किलोमीटर है। (जबलपुर के इन 5 खूबसूरत जगहों ज़रूर घूमने जाएं)
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