मोहब्बत की निशानी ताजमहल पूरे विश्व में मशहूर है। शायद ही कोई ऐसा इंसान हो जिसको इसकी जानकारी ना हो। लेकिन क्या आपको पता है कि ताजमहल की तरह और भी कई महल बनवाए गए हैं, जो पहली नजर में आपको ताजमहल की याद दिला देंगे। आज हम ऐसे ही एक महल के बारे में आपको बताने वाले हैं जो हू-ब-हू ताजमहल की तरह दिखता है। जी हां, आज हम आपको बताएंगे बीबी का मकबरा के बारे में, जिसे देखकर आपको लगेगा कि आप आगरा का ताजमहल देख रही हैं। इसे 'गरीबों का ताजमहल' भी कहा जाता है। तो चलिए जानते है ताजमहल की तरह दिखने वाले इस 'गरीबों का ताजमहल' के बारे में कुछ रोचक बातें।
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कहां स्थित है और क्या है इसका इतिहास?
यह मकबरा महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है, इसलिए इसे महाराष्ट्र का ताजमहल भी कहते हैं। शाहजहां ने जहां अपनी बेगम मुमताज के लिए आगरा में ताजमहल बनवाया था वहीं, इस महल को देखकर और इससे प्रेरित होकर औरंगजेब के बेटे और शाहजहां के पोते आजम शाह ने अपनी मां दिलरास बानो बेगम की याद में बीबी का मकबरा बनवाया था।
कब बना भारत का दूसरा ताजमहल?
इसका निर्माण 1651 से 1661 ईसवीं के बीच करवाया गया था और इसे देश का दूसरा ताजमहल भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि इसे बनवाने में 7 लाख रुपए खर्च हुए थे, जबकि ताजमहल (ताजमहल जाएं तो इन बातों को नोटिस करें) बनवाने में उस समय 3.20 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। यही वजह है कि बीबी का मकबरा को 'गरीबों का ताजमहल' भी कहते हैं। आगरा के ताजमहल को सफेद संगमरमर से बनवाया गया था, वहीं इस मकबरे का सिर्फ गुम्बद संगमरमर से बनवाया गया है और बाकी हिस्सा प्लास्टर से तैयार किया गया है, ताकि वह दिखने में संगमरमर जैसा लगे।
इस महल में क्या है खास?
इस मकबरे में सुंदर गर्डन प्वाइंट्स हैं। यहां पर एक सुंदर सा पाथ-वे है और इसके गार्डन की दीवारें भी ऊंची बनाई गई हैं, ताकि बाहर का कोई इंसान अंदर ना देख सके। इसके तीनों ओर ओपन पवेलियन है।
वास्तुकला की खासियत
अगर वास्तुकला की बात करें तो ताजमहल (ताजमहल की तरह खूबसूरत डेस्टिनेशन्स) की तरह यह भी एक मुगल वास्तुकला का प्रतीक है वहीं, चारबाग या गार्डन के नक्शे पर फारसी शैली की छाप दिखती है। इस मकबरे की खास बात यह है कि यहां चतुर्भुज उद्यान चार छोटे हिस्सों में विभाजित है। मकबरा एक ऊंचे वर्गाकार प्लेटफार्म पर खड़ा है, जिसमें कोनों पर चार मीनारें बनी हुई हैं। इसके अंदर तीन ओर से पहुंचा जा सकता है। मेन गेट के रास्ते के मध्य में फव्वारे लगे, जो हरे-भरे गार्डन से घिरी हुई है।
कैसे जाएं
- अगर आप बस से जाना चाहती हैं तो राज्य के किसी भी शहर से औरंगाबाद के लिए बस सेवा उपलब्ध है। वहीं, शहर में घूमने के लिए भी कई बसें चलती है, जो आपको पूरा शहर में घुमाती है।
- अगर आप ट्रेन से जाना चाहती हैं तो यहां से 120 किलोमीटर दूर मनमाद रेलवे स्टेशन है। स्टेशन से आप प्राइवेट टैक्सी के जरिए यहां पहुंच सकती हैं।
- आपको बता दें कि औरंगाबाद में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी है, जो देश के सभी प्रमुख शहरों और राज्यों से जुड़ा हुआ है।
टिकट
टिकट शुल्क भारतीयों के लिए दस रुपए है। वहीं, विदेशी नागरिकों के लिए दो सौ पचास रुपए है। यह स्थान सभी दिन खुला रहता है और इसमें घूमने का समय सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक है।
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कब घूमने जाएं
यहां गर्मी के मौसम में ना जाएं, क्योंकि यहां बहुत गर्मी पड़ती है। इस शहर को घूमने का सबसे अच्छा मौसम सर्दियां है, सर्दियों में यहां का तापमान दस डिग्री सेल्सियस रहता है। वैसे अक्टूबर से मार्च यहां घूमने के लिए सबसे बेहतरीन समय है। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो जुड़ी रहिए हमारे साथ। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए पढ़ती रहिए हरजिंदगी।
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