यूं को स्नैकिंग के लिए हमारे पास बहुत ऑप्शन हैं, लेकिन जब बात कुछ हल्का खाने की आती है तो हम पॉपकॉर्न ही सेलेक्ट करते हैं। हालांकि, कुछ लोग मखाने को ज्यादा खाना पसंद करते हैं, क्योंकि इन्हें बनाने में समय खराब नहीं होता। साथ ही, मखाने से कई तरह की डिशेज तैयार की जा सकती हैं।
वहीं, कुछ लोग सादा पॉपकॉर्न को ज्यादा खाना पसंद करते हैं। सादे पॉपकॉर्न न सिर्फ अच्छे स्नैक्स माने जाते हैं, बल्कि इसमें फाइबर, विटामिन-बी, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, जिंक, कॉपर, मैंगनीज आदि भी मौजूद होते हैं।
इसलिए पॉपकॉर्न को अगर दुनिया का सबसे लोकप्रिय स्नैक कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। मगर क्या आपको पता है कि पहली बार पॉपकॉर्न कहां खाया गया था? इसकी शुरुआत कहां से हुई थी? तो आइए इस लेख में कुछ ऐसे ही पॉपकॉर्न से जुड़े फैक्ट्स के बारे में बताएंगे।
यूं तो पॉपकॉर्न को पूरी दुनिया में बहुत की शौक से खाया जाता है। मगर पहली बार पॉपकॉर्न खाने की शुरुआत अमेरिकी महाद्वीपों में हुई थी। इसके पीछे का ये तर्क दिया जाता है कि पॉपकॉर्न को रेड इंडियन के लोगों ने खाया था। उन लोगों को कॉर्न के दाने मिले थे, इसके बाद ही पूरे अमेरिका में कॉर्न बनाने का चलन शुरू हुआ था।
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पॉपकॉर्न बनाते वक्त आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर यह इतना उछलता क्यों है? वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च की है और रिसर्च में पता चला कि 170 डिग्री सेल्सियस पर गर्म करने पर भी मात्र 30 फीसदी ही मकई पॉपकॉर्न में तब्दील होते हैं, तो यह उछलते हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि पॉपकॉर्न को पकाने के लिए 180 डिग्री की जरूरत होती है। वहीं, कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि स्टार्च के कारण ही यह उछलता है। (मखाना या पॉपकॉर्न आपके लिए दोनों में से कौन सा है बेस्ट)
आपने अभी तक पॉपकॉर्न को भूनकर खाया होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि इससे सूप भी बनाया जा सकता है। अगर सूप आपका फेवरेट है, तो पॉपकॉर्न सूप को 1 बार जरूर ट्राई करें। यह टेस्टी होने के साथ-साथ हेल्दी भी है।
इस सूप में हमने मक्खन के स्वाद वाले पॉपकॉर्न का इस्तेमाल किया है, जिससे इसका स्वाद दोगुना हो जाएगा। हालांकि, इसे बनाने के लिए कई लोग अलग-अलग रेसिपी को फॉलो करते हैं, मगर आप मक्खन वाले सूप को बनाएं।
आज दुनिया भर में पॉपकॉर्न को अलग-अलग तरीकों से भूना जाता है, लेकिन जब बात होती है कि पॉपकॉर्न भूनने वाली पहली मशीन के बारे में पता चलता है कि इसकी खोज सबसे पहले 1885 के आसपास में हुई थी। इस मशीन को अमेरिका के चार्स् क्रेटर्स ने बनाया था।
इस मशीन को सबसे पहले वर्ल्ड फेयर में लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया था। उस समय पॉपकॉर्न भूनने के लिए लोग उसी तरह की मशीन का इस्तेमाल करते थे।
इतिहास के अनुसार चीनी की रेट बढ़ने से कैंडी प्रोडक्शन काफी महंगा हो रहा था। इसलिए पॉपकॉर्न ने एंट्री मारी और लोगों ने पॉपकॉर्न खाना शुरू किया। साथ ही, पॉपकॉर्न एक ऐसा आइटम था, जिसे कम खर्च के साथ लंबे समय तक चलाया जा सकता था।
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हालांकि, 1949 में, शिकागो में मूवी थिएटरों में पॉपकॉर्न पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था, क्योंकि तेज पॉपिंग शोर से स्क्रीनिंग में बाधा आ रही थी।
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