बिहार के रोहताश जिले में स्थित रोहतासगढ़ किला को भारत के साथ-साथ बिहार का भी सबसे प्राचीन और रहस्यमयी किला समझा जाता है। कहा जाता है कि इस किले का निर्माण युद्द के दौरान छिपने के लिए किया गया था। उस उस समय इस फोर्ट में छिपने के लिए कई रहस्यमयी कमरे और भवन का निर्माण कराया गया, जहां जाने से आज कोई भी डरता है।
स्थानीय लोगों का इस किले को लेकर मानना है कि रात को इस किले से जोर-जोर से चीखने की आवाजें सुनाई देती है। कई लोग तो दिन के उजाले में भी अकेले इस किले में जाने से डरते हैं और दिन ढलते ही इसके आसपास जाने से भी डरते हैं।
अगर आपकी रुचि मुख्य रूप से प्राचीन और ऐतिहासिक स्थलों को देखने में है, तो आपको बिहार के चर्चित रोहतास किले की सैर जरूर करनी चाहिए, लेकिन क्यों? तो आइए जानते हैं बिहार में मौजूद खूबसूरत और ऐतिहासिक रोहतास किले से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में...
रोहतास किले का क्या है इतिहास?
रोहतास किला बिहार के ऐतिहासिक और प्राचीन दुर्ग में से एक है, जिसे रोहतासगढ़ किले ने नाम से भी जाना जाता है। इस किले का इतिहास काफी रोचक और अस्पष्ट है। क्योंकि इस ऐतिहासिक स्मारक का निर्माण दो राजाओं ने मिलकर करवाया था। हालांकि, इसके निर्माण को लेकर इतिहास में कई नाम मौजूद हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार कहा जाता है कि इस किले का निर्माण सन सातवी शताब्दी के राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश ने करवाया था।
वहीं, कई इतिहासकारों का मानना है कि इस किले का निर्माण मुगल बादशाह शेर शाह सूरी ने करवाया था। कहा जाता है कि इस किले के साथ-साथ इसके अंदर मौजूद आइना महल, जामा मस्जिद भी शेर शाह सूरी ने अपने शासन काल के दौरान बनवाई थी।
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कैसी है वास्तुकला?
इस किले की संरचना बेहद भव्य है और इसे ग्रेनाइट शैल तथा सुर्खी चूना से बनाया गया है। साथ ही, इस किले की वास्तुकला बेहद खूबसूरत है, किले की दीवारों को कई खूबसूरत डिजाइन और शिलालेखों से सजाया गया है। किला बहुत बड़ा है, इस किले में कुल 83 दरवाजे हैं, जिनमें मुख्य चार- घोड़े घाट, राजघाट, कठौतिया घाट व मेढ़ा घाट भी मौजूद हैं।
अगर आप इतिहास को जानने में रुचि रखते हैं, तो इस बावड़ी को एक्सप्लोर करना आपके लिए बेस्ट रहेगा। हालांकि, इस किले की वास्तुकला काफी खूबसूरत है। साथ ही, इसकी संरचना काफी मजबूत और प्रभावशाली है।
क्या है खास?
रोहतास किला कैमूर पहाड़ी के ऊपर के हिस्से में हुआ है। रोहतासगढ़ किला बिहार के रोहतास जिले में आता है। किले में देखने के लिए बहुत कुछ है। इस किले को घूमने के अलावा, आप बिहार की संस्कृति और फेमस व्यंजनों का भी लुत्फ उठा सकते हैं। यह शहर विश्व भर में अपनी हस्तशिल्प कलाओं के बारे लिए भी जाना जाता है। हालांकि, बिहार में मौजूद सभी किलों में रोहतास किला सबसे प्रसिद्ध है। यह व्यापक रूप से अपनी खूबसूरत और प्राचीन वास्तुकला के लिए जाना जाता है। यह बिहारके सबसे बड़े और पुराने किले में से एक है।
आसपास मौजूद हैं ये स्थल
इस किले को देखने के अलावा आप इसके आसपास स्थित आइना महल, रोहतासन मंदिर, जामा मस्जिद और हब्शी खान का मकबरा, हथिया पोल आदि स्थलों को देखने और घूमने का भी लुत्फ उठा सकते हैं। क्योंकि ये स्थल किले से ज्यादा दूर नहीं है।
किले की सैर करने का सही समय
रोहतास किले को घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और मार्च के बीच है क्योंकि इस दौरान मौसम बहुत अच्छा होता है।
कैसे जाएं रोहतास किला?
बिहार का रोहतास जिला रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप आसानी से इस जगह को एक्सप्लोर कर सकते हैं।
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कब खुलता है रोहतास किला?
यह किला सुबह 6: 00 से शाम 6:00 तक खुला रहता है आप इस वक्त इस किले की सैर करने का प्लान बना सकते हैं। साथ ही, आप इस किले की सैर निशुल्क कर सकते हैं।
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