हरियाणा के इस जगह पर गिरा था माता सती का मस्तिष्क, चैत्र नवरात्रि में बनाएं दर्शन का प्लान

चैत्र नवरात्रि में अगर आप अपने परिवार के साथ कहीं दूर घूमने नहीं जा पा रहे हैं, तो आप हरियाणा के इस खास मंदिर में दर्शन का प्लान बना सकते हैं। 

 

history of mata mansa devi temple in HARYANA

इस साल 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है। 9 दिनों तक चलने वाले माता के इस पर्व में हर कोई कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं। अगर आप भी चैत्र नवरात्रि में माता के दर्शन के लिए कहीं घूमने जाना चाहते हैं, तो माता के 51 शक्तिपीठों में से एक हरियाणा के इस मंदिर में जा सकते हैं।

इस प्राचीन मंदिर तक आप आसानी से बस, ट्रेन या अपनी गाड़ी से आ सकते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको इस मंदिर से जुड़े कुछ खास रहस्यों के बारे में बताएंगे।

कहां स्थित है माता का यह मंदिर

mansa devi

माता का यह मंदिर हरियाणा के पंचकूला में स्थित है। इस मंदिर का इतिहास वर्षों पुराना बताया जाता है। बताया जाता है कि यहां पर माता सती का मस्तिष्क गिरा था। जिसके बाद यहां माता मनसा देवी का मंदिर बनाया गया है। हर दिन यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती है।

हर साल नवरात्रि की समय यहां लाखों लोग दूर-दूर से माता के दर्शन के लिए आते हैं। माना जाता है कि इस चमत्कारी मंदिर में जो भी यहां सच्चे मन से दर्शन के लिए आता है, माता उनकी सभी मुरादें पूरी करती हैं।

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कैसे पहुंचे दर्शन के लिए

यह मंदिर हरियाणा राज्य के पंचकूला जिले में गांव बिलासपुर में 100 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह मंदिर चंडीमंदिर से 10 किमी की दूरी पर है। यह हर साल नवरात्रि पर नवरात्रि उत्सव मनाया जाता है। चैत्र और अश्विन महीने के दौरान यहां मेला भी लगता है। हरियाणा का यह सबसे फेमस माता का मंदिर है।

  • रेलवे स्टेशन- अगर आप ट्रेन के जरिए आ रहे हैं, तो आप पंचकुला रेलवे स्टेशन के लिए टिकट ले सकते हैं। यहां से मंदिर की दूरी 5 किमी है।
  • अगर आप बस के जरिए माता के दर्शन का प्लान बना रहे हैं, तो आप मनीमाजरा तक के लिए बस ले सकते हैं।
  • मंदिर से 2 किमी की दूरी पर आपको मार्केट में भी घूमने का मौका मिल जाएगा।
  • अगर आप चंडीगढ़ से बस स्टैंड से यहां आने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको 15 किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी।

मंदिर की खासियत

मंदिर में माता की मूर्ति के आगे तीन पिंडियां है, जो मां का रूप ही माना जाता है। इन तीनों पिंडियों को महालक्ष्मी, मनसा देवी तथा सरस्वती देवी का स्वरूप माना जाता है। जब आप मंदिर की परिक्रमा करेंगे, तो आपको चारों तरफ गणेश, हनुमान, द्वारपाल, वैष्णो देवी, भैरव की मूर्तियां एवं शिवलिंग देखने को मिलेंगे।

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Image Credit-haryanatourism, wikipedia

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