मध्य प्रदेश में ही नहीं बल्कि दिल्ली में भी मौजूद है जहाज महल

दिल्ली में मौजूद लाल किला और जामा मस्जिद के बारे में तो जानते होंगे लेकिन, जहाज महल के बारे में कितना जानते हैं आप?

know history of jahaz mahal in delhi

प्राचीन काल से लेकर मध्यकाल तक देश की राजधानी दिल्ली में एक से एक बेहतरीन फोर्ट, इमारत, महल और भवन का निर्माण हुआ जो आज सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि, विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। जैसे- पुरानी दिल्ली में मौजूद लाल किला, जामा मस्जिद, हुमायूं का मकबरा और अग्रसेन की बावली आदि कई बेहतरीन भवन और फोर्ट। लगभग हर कोई इन सभी भवन और फोर्ट्स के बारे में जनता है लेकिन, दिल्ली में एक ऐसा भी भवन का निर्माण हुआ जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं दिल्ली में मौजूद जहाज महल के बारे में, तो आइए इस महल के बारे में जानते हैं।

जहाज महल का इतिहास

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दिल्ली के महरौली में मौजूद यह महल आसपास के इलाकों में बेहद ही फेमस है। इस महल का नाम जहाज महल इसलिए पड़ा क्योंकि, महरौली में हौज-ए-शम्सी पानी यानि इस महल को एक झील के पास बनवाया गया था। इस महल का निर्माण लोदी राजवंश काल में लगभग 1452-1526 के आसपास किया गया था। कहा जाता है कि इस महल का निर्माण खुशी के पल बिताने की धर्मशाला के रूप में किया गया था।

महल से जुड़े अन्य तथ्य

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बहुत कम लोग ही जानते हैं कि बरसात के समय इस महल का प्रतिबिंब हौज-ए-शम्सी के पानी यानि झील में देख सकते हैं। एक अन्य कहानी ये है कि इस महल का निर्माण अफगानिस्तान, अरब, ईरान, इराक, मोरक्को और तुर्की से बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को आराम करने के लिए निर्माण करवाया गया था। जो भी मुस्लिम तीर्थस्थलों की यात्रा के लिए दिल्ली आते थे वो इसी महल में विश्राम करते थे।(दिल्ली की भुतहा जगहें)

महल की वास्तुकला

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खूबसूरती से तराशे गए बलुआ पत्थर के खंभे, छत पर रंग बिरंगी टाइल्स और छतरियां लगी हैं। जिसे देखते ही बनता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अक्टूबर में यहां हर साल फूलवालों की सैर उत्सव का भी आयोजन होता है और इस दिन दूर-दूर से लोग घूमने के लिए आते हैं। कई मुस्लिम भक्त इस महल में मौजूद दरगाह पर फूल और चादर चढ़ाने के लिए भी आते हैं। कहा जाता है कि ब्रिटिश काल के दौरान इसे 1942 से कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था, लेकिन 1961 में भारत के पहले प्रधान मंत्री की पहल पर इसे फिर से शुरू किया गया था।

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कैसे पहुंचे

यहां पहुंचने के लिए दिल्ली के किस भी कोने से आराम से पहुंच सकते हैं। आप राजीव चौक से मेट्रो लेकर छतरपुर मेट्रो स्टेशन और यहां से आप ऑटो या कार से घूमने के लिए जा सकते हैं। इसकेअलावा दिल्ली के मुनिरका से बस नंबर 534 पकड़कर भी घूमने के लिए जा सकते हैं। यहां घूमने के साथ-साथ एक से एक बेहतरीन स्ट्रीट फूड्स का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं।

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Image Credit:(@live.staticflickr.com,thedelhiwalla.com)

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