महाराष्ट्र का नागपुर शहर अपनी लोक-संस्कृति के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर भी खूब प्रसिद्ध है। इस शहर में घूमने-फिरने के लिए भी हर रोज हजारों की संख्या में देशी और विदेशी सैलानी पहुंचते हैं क्योंकि, यहां घूमने के लिए एक से एक बेहतरीन जगहें हैं। वैसे संतरों के लिए प्रसिद्ध इस शहर में आप भी कभी ना कभी घूमने ज़रूर गए होंगे।
लेकिन, इस शहर में जिस तरह कुछ जगहें घूमने के लिए सैलानियों के बीच फेमस है ठीक उसी तरह कुछ जगहें डरावनी कहानियों के लिए भी स्थानीय लोगों के बीच प्रसिद्ध हैं। आज इस लेख में हम आपको नागपुर की उन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां शायद ही कोई अकेले घूमने के लिए जाना चाहेगा। नागपुर में मौजूद इन हॉरर प्लेसेस की कहानी भी बेहद दिलचस्प है, तो आइए जानते हैं इन जगहों के बारे में।
मुख्य शहर से कुछ ही दूरी पर मौजूद शुक्रवारी तालाब भुतहा जगहों की सूची में सबसे ऊपर शामिल हो सकता है, क्योंकि यह तालाब आत्महत्या करने वाले तालाब के नाम भी प्रसिद्ध माना जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार लगभग 250 साल इस प्राचीन तालाब में अभी तक 100 से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर अपनी जान दे दी है। किवदंती के अनुसार इस तालाब में काला जादू और शैतानी ताकतों के होने की बात की जाती है। यहां शाम होते ही कोई भी अकेले जानने से डरता है।
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नागपुर-अमरावती हाईवे भी भुतहा जगहों में शामिल है। सुनसान होने और डरावनी दृश्यों की वजह से यह हाईवे पूरे महाराष्ट्र में भी फेमस है। स्थानीय लोगों के अनुसार अगर कोई भी आधी रात में इस रास्ते से गुजरता है, तो उससे सफ़ेद कपड़े में लिपटी आत्मा लिफ्ट मांगती है। कई लोगों का यह भी मानना है कि डरावना साया रात में दिखाई देता है, और इस चक्कर में लोग गाड़ी तेज कर देते हैं जिसकी वजह से घटना हो जाती है।(बेंगलुरु के सबसे हॉन्टेड प्लेस)
किवदंती के अनुसार वर्धा-रेल ट्रैक नागपुर की उन जगहों में शामिल है, जहां भटकती आत्माओं का साया मौजूद रहता है। कहा जाता है कि इस रेल ट्रैक पर एक जवान लड़की के साथ कुछ गलत काम करके जान से मार दिया गया है और उसे इसी ट्रैक पर फेंक दिया गया जिसके बाद उसकी आत्मा उन हत्यारों को मारने के लिए आज भी भटकती रहती है। कई लोगों का यह भी मानना है कि शाम होते ही यहां से अजीबो-गरीब आवाजें आने लगती हैं।
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नागपुर का देव नगर भी कई भुतहा कहानियों के लिए प्रसिद्ध हैं। कई जानकार लोगों का मानना है कि आज से 30-35 साल पहले इसी जगह हर रोज मुर्दों को फूंका जाता था। कहा जाता है कि यहां आज भी उन मर्दों की भटकती आत्मा घूमती रहती है। कई बार अजीबो-गरीब आवाजें भी सुनाई देती हैं। यहां मौजूद कई प्राचीन भवन में आज भी कोई अकेले जाने की हिम्मत नहीं करता है।
नोट: यह लेख लोक कहानियों पर आधारित है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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