वेस्ट बंगाल राज्य के हिमालय की तलहटी में बसा एक खूबसूरत शहर है दार्जिलिंग! कभी यह ब्रिटिश राज का समर रिजॉर्ट हुआ करता था। यह शहर अपनी वादियों, चाय के बड़े-बड़े बागानों और हिमालयन रेलवे की टॉय ट्रेन के लिए प्रसिद्ध है। वहीं, कंचनजंगा की पहाड़ियों का बैकड्रॉप इसकी खूबसूरती पर चार चांद लगाता है। अगर आप वेकेशन के लिए ऐसी ही किसी जगह को ढूंढ रहे हों, जहां प्रकृति के आसपास आप समय बिता सकें, तो दार्जिलिंग एक अच्छा स्पॉट हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आपको यहां की खास जगहों के बारे में भी पता हो। हम आपको दार्जिलिंग की ऐसी खास जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपकी छुट्टियों को यादगार बना देंगे।
टाइगर हिल
लगभग 2590 मीटर की ऊंचाई पर और दार्जिलिंग से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित टाइगर हिल से सूर्योदय देखना रोमांचित कर देने वाला अनुभव होता है। यहां से कंचनजंगा की चोटियों के मनोहर दृश्य का आनंद ले सकते हैं। इस जगह की एक और दिलचस्प बात यह है कि यह घूम का शिखर है, यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के साथ-साथ दार्जिलिंग का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन भी है। टाइगर हिल की यात्रा का सबसे अच्छा समय आमतौर पर सर्दियों में अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के महीने और शरद ऋतु में फरवरी से अप्रैल के बीच होता है।
एंट्री फी : कोई प्रवेश शुल्क नहीं है, लेकिन यहां के लिए कैब बुक करने का खर्च 1200-1800 रुपये है।
समय : सुर्योदय से सूर्यास्त तक
रॉक गार्डन
रॉक गार्डन स्थानीय लोगों के बीच 'बारबोटी गार्डन' के नाम से जाना जाता है। शहर से करीब 10 किमी दूरी पर स्थित यह गार्डन परफेक्ट टूरिस्ट प्लेस है। इस गार्डन में छोटी-बड़ी चट्टानों को काटकर बैठने के लिए बेंच बनाई गई हैं। बेहद खूबसूरत क्यारियां हैं, जो रंग-बिरंगे फूलों से सजी रहती हैं। इसका चुनार झरना एक प्राकृतिक झरना है, जो पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है। गर्मियों के मौसम में, रंग-बिरंगे लहलहाते फूलों के बीच परिवार के साथ बैठकर झरने को निहारने के लिए यह जगह एकदम मुफीद है। आप यहां पिकनिक भी मना सकते हैं।
एंट्री फी : भारतीयों के लिए -10 रुपये
विदेशियों के लिए -50 रुपये
समय: सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक (सभी दिन)
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घूम मोनस्ट्री
लगभग 8,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित घूम मोनस्ट्री दार्जिलिंग में देखने के लिए टॉप प्लेसेस में से एक है। इसे यिगा चोएलिंग के रूप में भी जाना जाता है। इसकी स्थापना 1850 में लामा शेरब ग्यात्सो ने की थी और इसे दार्जिलिंग की सबसे पुरानी तिब्बत मोनस्ट्री माना जाता है।
यह मैत्रेय बुद्ध की 15 फीट ऊंची प्रतिमा के लिए जाना जाता है, जो इसके मुख्य हॉल में स्थापित की गई है। दुर्लभ बौद्ध पांडुलिपियों और अभिलेखों के विशाल संग्रह के कारण यह जगह दार्जिलिंग के बेस्ट टूरिस्ट अट्रैक्शन में से एक है। इसके बारे में एक और आकर्षक बात इसकी दीवारें हैं, जो बौद्ध ज्ञान और तिब्बती कला से चित्रित हैं। पहाड़ी की चोटी पर मां काली का एक मंदिर भी है, आप चाहे तो वहां भी जा सकते हैं।
एंट्री फी: यहां कोई प्रवेश शुल्क नहीं है, लेकिन कैमरा ले जाने के लिए 10 रुपये और वीडियो शूट करने के 50 रुपये हैं।
समय: सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक (सभी दिन)
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बस्तासिया लूप
बस्तासिया लूप का रेलवे ट्रैक दार्जिलिंग की सबसे खूबसूरत रेलवे लाइन कही जा सकती है। यह ट्रैक एक पहाड़ी और सुरंग के बीच से होते हुए निकलता है। इसके चारों ओर सुंदर फूलों और पौधों की क्यारियां मन मोह लेती हैं।कंचनजंगा की बर्फ से भरी पहाड़ियां यहां से बहुत सुंदर लगती हैं।
एंट्री फी: 15 रुपये
समय: सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक
रिंबिक
रिंबिक,दार्जिलिंग में सिंगलिला नेशनल पार्क क्षेत्र में स्थित एक छोटा सा शहर है। यह अपने ट्रेकिंग मार्गों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। सिंगलिला नेशनल पार्क और संदकफू प्रसिद्ध और सबसे व्यस्ततम मार्गों में से हैं और भारत के पूर्वी हिस्से में सबसे अच्छे ट्रेक के रूप में जाने जाते हैं। सिंगलिला नेशनल पार्क रेड पांडा के लिए भी लोकप्रिय है।
एंट्री फी: यहां जाने का कोई प्रवेश शुल्क नहीं है, लेकिन अगर आप सिंगलिला नेशनल पार्क जाते हैं तो भारतीयों के लिए प्रवेश शुल्क 100 रुपये है।
समय: सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक
नोट : यह जून से 16 सितंबर तक बंद रहता है।
अब अपनी अगली ट्रिप के लिए आप दार्जिलिंग की यात्रा कर सकती हैं। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें। ऐसे अन्य आर्टिकल के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: unsplash.com & thrillophia.com
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