Krishna Temples: द्वारकाधीश के अलावा भी गुजरात में मौजूद हैं कई प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर, जन्माष्टमी पर बनाएं प्लान

Krishna Temples In Gujarat: जन्माष्टमी के मौके पर गुजरात में स्थित द्वारकाधीश का दर्शन करने जा रहे हैं, तो इस राज्य में स्थित इन प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों का भी दीदार कर सकते हैं।

 

top famous krishna temples in gujarat apart from dwarka

Famous Krishna Temples In Gujarat: जन्माष्टमी का पावन पर्व बहुत जल्द आने वाला है। जी हां, इस साल पूरे देश में 26 अगस्त को जन्माष्टमी का महापर्व मनाया जाएगा।

जन्माष्टमी के महापर्व पर कई लोग देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित प्रसिद्ध और पवित्र कृष्ण मंदिरों का दर्शन करने पहुंचते रहते हैं। खासकर, वृन्दावन, पुरी और द्वारका मंदिर का दर्शन करने कुछ अधिक ही भक्त पहुंचते हैं।

गुजरात में स्थित द्वारकाधीश मंदिर के बारे में लगभग हर कोई जानता है, लेकिन आपको बता दें कि गुजरात में द्वारकाधीश के अलावा भी ऐसे कई कृष्ण मंदिर मौजूद हैं, जहां भक्तों की हर मुरादें पूरी हो जाती हैं।

इस आर्टिकल में हम आपको गुजरात में मौजूद द्वारकाधीश के अलावा कुछ अन्य प्रसिद्ध और पवित्र कृष्ण मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं।

रुक्मिणी मंदिर (Rukmini Temple)

Rukmini Mata Mandir

गुजरात में स्थित द्वारकाधीश के बाद किसी अन्य प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर का जिक्र होता है, तो कई लोग सबसे पहले रुक्मिणी मंदिर का ही नाम लेते हैं। हालांकि, यह मंदिर भगवान कृष्ण की पत्नी रुक्मिणी को समर्पित है, लेकिन दोनों ही सामान्य रूप से पूजे जाते हैं।

रुक्मिणी मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका जिक्र महाभारत में भी है। मंदिर को लेकर मान्यता है कि जो द्वारका मंदिर के बाद इस मंदिर का दर्शन करते हैं, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। जन्माष्टमी के मौके पर इस मंदिर का दर्शन करने राज्य के हर कोने से भक्त पहुंचते हैं। जन्माष्टमी के मौके पर इस मंदिर को शानदार तरीके से सजाया जाता है।

  • दर्शन का समय-सुबह 4 बजे से लेकर 12 बजे तक और 4 बजे से लेकर 9 बजे तक।

भालका तीर्थ एंड प्रभास पाटन (Bhalka Tirth and Prabhas Patan)

Bhalka Tirth and Prabhas Patan

भालका तीर्थ एंड प्रभास पाटन गुजरात के सोमनाथ में मौजूद एक पवित्र कृष्ण स्थल है। कहा जाता है कि इस पवित्र स्थान पर भगवान कृष्ण के पैरों की पूजा-पाठ होती है। यहां हर समय भक्तों की भीड़ मौजूद रहती हैं।

भालका तीर्थ एंड प्रभास पाटन के बारे में कहा जाता है कि एक दिन भगवान कृष्ण जंगल में एक पेड़ पर पैर लटकर बैठे थे, तभी एक शिकारी ने पक्षी समझकर तीर चला दिया। तीर सीधा भगवान कृष्ण के पैरों में लगी। जन्माष्टमी के मौके पर यहां सुबह से भी भक्तों की भीड़ लग जाती है।(दक्षिण भारत का रहस्यमयी कृष्ण मंदिर)

रणछोड़जी मंदिर (Ranchhodrai Temple)

Ranchhodrai Temple

गुजरात की गोमती झील के किनारे डाकोर में स्थित रणछोड़जी मंदिर राज्य के सबसे लोकप्रिय और पवित्र मंदिरों में सेक माना जाता है। भगवान कृष्ण को समर्पित यह मंदिर किले की दीवारों से घिरा हुआ है। मंदिर का निर्माण 1772 ई. में हुआ था।

रणछोड़जी मंदिर के बारे में कहा जाता है कि रण का मैदान छोड़ने के कारण यहां भगवान कृष्ण को रणछोड़जी कहा जाता है। यहां भगवान कृष्ण करीब 4 फुट ऊंची मूर्ति विराजमान है। जन्माष्टमी के मौके पर यहां देश के हर कोने से भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। कहा जाता है कि यहां जो भी सच्चे मन से दर्शन के लिए पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती है।

  • दर्शन का समय- सुबह 7 बजे से लेकर रात 10 बजे तक।

जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple)

Jagannath Temple

गुजरात की साबरमती नदी के तट पर स्थित जगन्नाथ मंदिर राज्य के सबसे लोकप्रिय और पवित्र धार्मिक स्थलों से एक है। यहां भगवान कृष्ण जगन्नाथ के रूप के साथ-साथ भाई भगवान बलदेव और उनकी बहन देवी सुभद्रा के रूप में पूजे जाते हैं।(दुनिया का सबसे ऊंचा श्री कृष्ण मंदिर)

जगन्नाथ मंदिर में भगवान कृष्ण के साथ-साथ भाई बलदेव और बहन की मूर्तियां विराजमान हैं। जन्माष्टमी के मौके पर यहां भक्तों भी भीड़ उमड़ जाती हैं। जन्माष्टमी पर मंदिर को लाइट्स से सजा दिया जाता है। जन्माष्टमी के मौके पर इस मंदिर के आसपास मेला भी लगता है।

  • दर्शन का समय-सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक और 3 बजे से रात 9 बजे तक।

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गोपी तालाब (Gopi Talab)

Gopi Talab

गुजरात के द्वारका से करीब 20 किमी की दूरी पर स्थित गोपी तालाब एक कृष्ण मंदिर तो नहीं है, पर एक पवित्र कृष्ण स्थल जरूर माना जाता है।

पौराणिक कथा के अनुसार गोपी तालाब के बारे में कहा जाता है कि जब भगवान कृष्ण वृंदावन छोड़ने वाले थे, तो आखिरी बार वो गोपियों के साथ इसी तालाब के पास नृत्य किए थे, तब यह तालाब एक पवित्र स्थल माना जाता है।

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