भारत विविधता वाला देश है और विभिन्न संस्कृतियां इसकी खूबसूरती को बखूबी बयान करती हैं। इस देश में कई ऐसे मशहूर और पुराने मकबरे हैं, जिन्हें देखा जाना चाहिए। साथ ही, यह मकबरे पर्यटकों के लिए पसंदीदा स्थल बन गये हैं। मुगलों द्वारा बनवाए गए मकबरे बहुत खास हैं। लेकिन आज हम आपको ऐसे मकबरे के बारे में बताने जा रहे हैं, जो 'मरियम-उज़-ज़मानी का मकबरा' के नाम से जाना जाता है। कहां जाता है कि मरियम-उज़-ज़मानी के अवशेषों को वहीं दफन किया गया था। तो चलिए जानते हैं मरियम-उज़-ज़मानी मकबरे के बारे में..
कौन थीं मरियम-उज़-ज़मानी?
आपने यकीनन जोधा और अकबर की प्रेम कहानी के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपको मालूम है कि जोधा बेगम को मरियम-उज़-ज़मानी की उपाधि दी गई थी। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले जमाने में मरियम-उज़-ज़मानी उस महिला को कहा जाता था, जो बादशाहों को संतान दिया करती थीं और अकबर को पहली संतान देने वाली जोधा बेगम थीं। इसलिए उन्हें मरियम-उज़-ज़मानी जोधा बेगम के नाम से भी जाना जाता है।
जानें जोधा बेगम के बारे में
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जोधा बेगम का पूरा नाम जोधा बाई था। हालांकि, उन्हें हरका बाई, हीर कुंवर आदि नामों से भी पुकारा जाता था। इनका जन्म सन 1542 में हुआ था। जोधा एक हिन्दू राजवंशी राजकुमारी थीं, जिनके साहस की मिसाल आज भी जाती है। उनके पिता आमेर रियासत के राजा भारमल थे। जोधा और अकबर के निकाह को लेकर कहा जाता है कि उनका निकाह एक राजनीतिक समझौता था। फिर बाद में उनकी शादी अकबर से हो गई थी और लंबे इंतजार के बाद जोधा ने अकबर की पहली संतान यानि सलीम को जन्म दिया था। इसके बाद उन्हें मरियम-उज़-ज़मानी का खिताब दिया गया था। (भारत के कुछ फेमस स्मारकों को महिलाओं ने है बनाया)
मकबरे का इतिहास
'मरियम-उज़-ज़मानी' का मकबरा परंपरागत रूप से राजकुमार सलीम (बाद के सम्राट जहांगीर) ने अपनी मां यानि मरियम-उज़-ज़मानी जोधा बेगम के नाम से बनवाया था। जहांगीर ने सत्ता संभालने के बाद मरियम-उज़-ज़मानी के मकबरे का निर्माण करवाया था। इस मकबरे को बनने में पूर 4 साल लगे थे और ये साल 1627 में बनकर पूरा तैयार हो गया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जोधा बेगम का निधन 1623 में हुआ था।
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कैसी है वास्तुकला
हज़ारों लोग इस मकबरे की खूबसूरती को दूर-दूर से निहारने आते रहते हैं। अगर हम इसकी खूबसूरती के साथ वास्तुकला की बात करें, तो इस मकबरे की वास्तुकला काफी रोचक और खूबसूरत है। इस मकबरे का निर्माण बाग के बीच में किया गया है। (आगरा की इन भुतहा जगहों पर कोई भी अकेले नहीं जाना चाहेगा, जानें क्यों) इस मकबरे के चारों और खूबसूरत छतरियां बनाई गई हैं।
साथ ही, इसकी दीवारों के भीतरी भाग को कुरान के शिलालेखों से भी उकेरा गया है। इसके अलावा, उन्हें सुंदर और रुचिपूर्ण पुष्प डिजाइनों से भी सजाया गया है। साथ ही, इसके अंदर जोधा बेगम की समाधि भी बनाई गई है, जिसे देखने लोग दूर-दूर से आते हैं। हालांकि, ये मुगल वास्तुकला का बिना गुंबद के बना एक खूबसूरत नमूना है।
कहां स्थित है मकबरा?
मरियम-उज़-ज़मानी का मकबरा मुगल काल की सबसे महत्वपूर्ण इमारतों में से एक है। वर्तमान समय में मरियम-उज़-ज़मानी का मकबरा आगरा के सिकंदरा में स्थित है।
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जब भी आप आगरा धूमने का प्लान बनाएं, तो एक बार इस मकबरे की सैर करने जरूर जाएं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा तो इसे शेयर ज़रूर करें साथ ही जुड़े रहें हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- (@Google and Travel Websites)
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