भारत में न जाने कितनी ऐसी जगहें हैं जो रहस्यों से भरी हुई हैं। न जाने कितनी जगहों के बारे में जान पाना आज भी मुश्किल है और कितनी ही जगहें ऐसी हैं जहां जाकर रूह ही काँप जाती है। ऐसा ही एक डरावना समुद्र का किनारा है गुजरात का ड्यूमस बीच। जी हां गुजरात के सूरत शहर में एक ऐसा बीच है जहां आज भी माना जाता है कि यहां आत्माएं वास करती हैं। कई डरावनी गतिविधियों से भरा हुआ ये बीच वास्तव में लोगों को सोचने पर मजबूर कर देता है। वहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि जो भी आज तक रात में इस बीच पर गया वो लौटकर वापस ही नहीं आया। हालांकि दिन में लोग इस बीच की खूबसूरती का मज़ा लेने आते हैं और यहां कैमल राइड जैसी कई गतिविधियों में भी इन्वॉल्व होते हैं, लेकिन रात के समय यहां जाने के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है।
वैसे तो मैं भी घूमने की शौक़ीन हूं लेकिन इत्तफाक से गुजरात घूमने का मौका मुझे अभी तक नहीं मिला। लेकिन मेरी एक सहेली जो गुजरात में ही रहती है उसने मुझे इस बीच से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में बताया जिसे सुनकर मन अचंभित हो गया। आइए जानें क्या ख़ास है गुजरात के इस रहस्यमयी बीच ड्यूमस में।
कहां स्थित है
ड्यूमस बीचअरब सागर के किनारे एक ग्रामीण समुद्र तट है, जो भारतीय राज्य गुजरात में सूरत शहर के दक्षिण-पश्चिम में 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह दक्षिण गुजरात का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। ड्यूमस बीच, भारत में शीर्ष 35 प्रेतवाधित स्थानों में होने के लिए प्रसिद्ध है। ड्यूमस बीच का समुद्र तट अपनी काली रेत के लिए जाना जाता है और इसे प्रेतवाधित माना जाता है; क्योंकि लोककथाओं के अनुसार, इसे कभी हिन्दुओं के दाह स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जाता था।
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आती हैं डरावनी आवाज़ें
वहां के स्तानीय लोगों का कहना है की शाम को अंधेरा होने के बाद से ही बीच पर चीखने-चिल्लाने की आवाजें आने लगती हैं। चीख-पुकार की आवाज काफी दूर से भी सुनी जा सकती है। स्थानीय लोगों की मानें तो इस बीच पर रात में जो भी गया है, वह वापस नहीं लौटा। यह बीच प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, लेकिन इस बीच को लेकर स्थानीय लोगों की बातें डरा देने वाली हैं। यहां की खूबसूरती आमतौर पर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है, लेकिन यहां की डरावनी आवाज़ें लोगों को भी वहां जाने से रोक देती हैं। लोग यह भी दावा करते हैं कि उन्होंने समुद्र तट से अजीब आवाजें सुनीं, जैसे कि लोग हंस रहे हैं और कोई रो रहा है।
दिन में दिखता है खूबसूरत
वैसे ये समुद्र तट दिन में बेहद खूबसूरत है और पर्यटक यहां की धूप का मज़ा लेते हैं। यूं कहा जा सकता है कि दिन के समय भगवान के घर जैसा दिखने वाला ये समुद्री किनारा सूरज ढलने के बाद शैतान का घर बन जाता है। सूरत के प्रीमियम पर्यटक आकर्षणों में से एक, इस समुद्र तट पर हर दिन यात्रियों और पर्यटकों की भीड़ उमड़ती है, लेकिन जैसे-जैसे अंधेरा होने लगता है, लोग अपनी बेहतरी के लिए यह जगह छोड़ देते हैं। वहां के लोग यह भी बताते हैं कि जिन्होंने रात भर रहकर समुद्र तट को चुनौती देने की कोशिश की, वे या तो कभी वापस नहीं आए या उनके अनुभव बहुत खराब रहे।
क्या है इस बीच का रहस्य
अरब सागर के किनारे स्थित ड्यूमस बीच गुजरात के सबसे प्रेतवाधित स्थानों में से एक माना जाता है। समुद्र तट दो चीजों के लिए प्रसिद्ध है, एक अपनी काली रेत के लिए और दूसरा भूतिया होने के लिए! ऐसा कहा जाता है कि ड्यूमस बीच को कभी हिंदू कब्रिस्तान के रूप में इस्तेमाल किया जाता था और इसलिए इसमें कई भूतिया आत्माएं रहती हैं जिन्होंने इस क्षेत्र को कभी नहीं छोड़ा। लोककथाएं बताती हैं कि काली रेत का अस्तित्व मृतकों को जलाने से उत्पन्न राख की मात्रा के कारण है जो समुद्र तट की सफेद रेत के साथ मिश्रित हो गई और छाया में अंधेरा हो गया।
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क्या है वास्तविकता
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि समुद्र तट में रात के समय जाना एक भयानक अनुभव हो सकता है। निश्चय ही यहां का परिवेश सुंदर है, लेकिन भयावह रूप से यह जगह निराशाजनक है और वास्तव में आप उस जगह को घेरने वाली नकारात्मकता से बच नहीं सकते। कहा जाता है कि चांद दिखने के बाद इस क्षेत्र में कई अपसामान्य गतिविधियों को देखा और सुना जा सकता है। कई खबरों के अनुसार सूरत के प्रेतवाधित समुद्र तट ड्यूमस बीच से कई पर्यटक और स्थानीय लोग लापता हो चुके हैं जिनका आज तक कोई पता नहीं चल पाया है। वास्तविकता ये है कि इस बीच के रहस्य (जानें भारत की रहस्यमयी जगहों के बारे में) का पता लगाने के लिए अभी भी रिसर्च जारी है, लेकिन अब तक कोई परिणाम न निकल सका है।
काले रंग की है रेत
इस बीच की सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि यहां की रेत का रंग काला है। इस बीच का इतिहास किसी को नहीं पता। लेकिन, स्थानीय लोगों का कहना है कि सदियों पहले यहां पर आत्माओं ने अपना बसेरा कर लिया और इसी के चलते यहां की रेत काली हो गई। इसी बीच के पास लाशें भी जलाई जाती हैं। लोगों का मनना है कि जिन लोगों को मोक्ष प्राप्त नहीं होता है, या जिनकी अकाल मृत्यु हो जाती है, उनकी रूह इस बीच पर बसेरा कर लेती है।
इस बीच की सच्चाई भले ही कुछ और हो लेकिन मेरी सहेली ने भी जो अनुभव किया उसके अनुसार इस बीच में रात के समय घूमना किसी चुनौती से कम नहीं है। हालांकि कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इस बात का दावा भी करते हैं कि इस बीच से जुड़ी सारी बातें काल्पनिक हैं और वहां रहते हुए भी उन्होंने ऐसी कोई आवाज नहीं सुनी जो डरा देने वाली हो। सच्चाई कुछ भी हो लेकिन इसका रहस्य अभी तक सुलझा पाना मुश्किल ही है।
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Image Credit: shutterstock and wikipedia
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