भारत का दिल यानी मध्य प्रदेश में ऐसे कई बेहतरीन फोर्ट मौजूद हैं जिसे देखने और घूमने के लिए देश-विदेश से हर साल लाखों की संख्या में सैलानी आते रहते हैं। ओरछा फोर्ट, ग्वालियर फोर्ट, धार फोर्ट, बांधवगढ़ फोर्ट आदि ऐसे कई प्राचीन और प्रसिद्ध फोर्ट्स मध्य प्रदेश में मौजूद है। इन्हीं फोर्ट्स में से एक है 'चंदेरी का किला'। 11 वीं शताब्दी में निर्मित ये फोर्ट कई आक्रमणों को झेल चुका है। ये किला मध्यकाल में इस कदर महत्वपूर्ण था कि उसे अपने अधीन करने के लिए मुगल सम्राट बाबर और राजपूतों महाराजाओं के बीच कई बार युद्ध भी हुए। लेख में हम आपको इस फोर्ट के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य बताने जा रहे हैं, जिन्हें जानने के बाद आप भी यहां घूमने के लिए ज़रूर जाना चाहेंगे।
चंदेरी फोर्ट का इतिहास
चन्द्रागिरि नामक एक पहाड़ी पर मौजूद इस फोर्ट का निर्माण 10 वीं-11वीं शताब्दी में किया गया था। इस किले का निर्माण कीर्तिपाल महाराज ने करवाया था। इस किले को दुश्मनों से सुरक्षा के लिए इसे चंद्रागिरि पहाड़ी के सबसे ऊंचाई वाली जगह पर निर्माण किया गया था। ये किला 5 किमी लंबा और 1 किमी चौड़ा है। मध्यकाल में इस महल में प्रवेश करने के लिए लोहिया द्वार ,हवा पौड़ी द्वार ,खड़ी गेट का निर्माण किया गया था। मध्यकाल में निर्मित इस फोर्ट को स्थापत्य कला का शानदार नमूना भी माना जाता है।
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तक़रीबन 36 साल पानी से डूबा रहा
राजघाट बांध के क्षेत्र में स्थित होने के चलते इस फोर्ट के आसपास हमेशा बांध का पानी मौजूद रहता था। कहा जाता है कि इस बांध के पानी की वजह से ये फोर्ट तक़रीबन 36 सालों तक पानी से डूबा रहा। 36 साल पानी में डूबे होने के बाद भी इस किले की सुंदरता आज भी वैसे की वैसे ही है। चंदेरी फोर्ट इतना सुंदर है कि आज भी देश और विदेश के लोग परिवार के साथ यहां घूमने के लिए आते हैं।(मध्यप्रदेश की अनसुनी जगहें)
फोर्ट के अंदर मौजूद प्रसिद्ध महल
इस फोर्ट के अंदर एक नहीं बल्कि कई महल है जो बेहद भी प्रसिद्ध है। अशोक महल- इस महल का निर्माण लगभग 1445 में मालवा राज्य के राजा महमूद खिलजी ने करवाया था। शहजादी का रोजा- इस महल का निर्माण राजा की बेटियों के रहने के लिए किया गया था। देवगढ़ महल- इस महल में कई जैन मंदिरों का निर्माण किया था, लेकिन आज कई मंदिर खंडहर में तब्दील हो चुके हैं।
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चंदेरी में क्या-क्या कर सकते हैं
इस फोर्ट के अलावा आप खूनी दरवाजा, बाबर की मस्जिद, सिंगपुर महल, जागेश्वरी मंदिर, बादल महल, कटिघाटी गेट, परमेश्वर टैंक आदि कई बेहतरीन जगहों पर भी घूमने के लिए जा सकते हैं। आपको बता दें कि चंदेरी में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल के महीने को माना जाता है। चंदेरी में भुट्टे के कीस, मालपुआ आदि कई स्थानीय स्वादिष्ट व्यंजन का स्वाद भी चख सकते हैं।
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