Gandhi Jayanti 2nd october: बिहार, एक ऐसा राज्य जिसे प्राचीन समय में मगध के नाम से जाना जाता था। यह राज्य कई बुद्धिजीवियों का घर भी रहा है। इस राज्य को बुद्ध नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
बिहार का इतिहास सिर्फ भगवान बुद्ध या मौर्य साम्राज्य तक ही सिमित नहीं रहा है, बल्कि इस राज्य को सत्याग्रह आंदोलन का जन्म धरती भी माना जाता है। इसलिए यह राज्य राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भी बहुत ही प्यार था।
बिहार में आज भी ऐसी कई ऐतिहासिक और शानदार जगहें मौजूद हैं, जहां से महात्मा गांधी की स्मृतियां जुड़ी हुई हैं। इन जगहों पर आज भी हर दिन हजारों लोग घूमने के लिए पहुंचते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको बिहार की कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आप 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के मौके पर परिवार के साथ घूमने के लिए जा सकते हैं।
चंपारण जिला (Champaran District, Bihar)
2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के मौके बिहार में किसी ऐतिहासिक और शानदार जगह घूमने की बात होती है, तो कई लोग सबसे पहले बिहार में स्थित चंपारण जिला ही घूमने की बात करते हैं। यह बिहार के सबसे बड़े जिले से एक है।
चंपारण इसलिए ऐतिहासिक स्थल माना जाता है, क्योंकि गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह और अहिंसा के आंदोलन करने के बाद भारत में पहला आंदोलन चंपारण की धरती पर ही अप्रैल 1917 किया था। इस धरती से आज भी उनकी हजारों स्मृतियां जुड़ी हुई हैं। यहां आप चंपारण हेरिटेज वॉक और गांधी संग्रहालय, मोतिहारी जैसी शानदार जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं।
गांधी संग्रहालय (Gandhi Sangrahalaya)
बिहार की राजधानी पटना भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के लिए खास माना जाता है। पटना की धरती भी उनके यादों के लिए जाना जाता रहा है। पटना में स्थित गांधी संग्रहालय उनमें से एक है।
पटना में स्थित गांधी संग्रहालय बिहार के सबसे चर्चित गांधी स्मारकों में से एक है। इस स्मारक का निर्माण वर्ष 1967 में किया गया था। यह संग्रहालय प्रसिद्ध महात्मा गांधी के जीवन और सिद्धांतों के अलावा, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बिहार में उनकी भूमिका को प्रदर्शित करता है। इसलिए गांधी जयंती पर यह हजारों लोग घूमने के लिए पहुंचते हैं।
सिवान जिला (Siwan, District, Bihar)
शायद आपको मालूम हो, अगर नहीं मालूम है, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिवान का जीरादेई गांव देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र बाबू का जन्मस्थली है और शहर से महात्मा गांधी का गहरा रिश्ता रहा है।
कहा जाता है कि स्वतंत्रता संग्राम के समय महात्मा गांधी राजेंद्र बाबू के गांव पहुंचते थे और उन्होंने यहां मौन व्रत रखा था। माना जाता है कि जिस चौकी पर महात्मा गांधी से मौन व्रत रखा था, वो आप भी सिवान और बिहार के लिए एक स्मृति है। कहा जाता है कि उस चौकी को आज भी संभालकर रखा गया है। इसलिए यहां भी कई सैलानी घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं।
इसे भी पढ़ें:2 अक्टूबर की छुट्टी में बच्चों को यहां ले जाएं घुमाने, गुजरात की इन 3 जगहों के लिए पहले ही बुक कर लें टिकट
गांधी स्तूप (Mahatma Gandhi Stupa)
बिहार का गया एक ऐसा शहर है, जो कई विश्व प्रसिद्ध चीजों के लिए फेमस माना जाता है, लेकिन जब महात्मा गांधी से जोड़कर देखा जाता है, तो इसे गांधी का अस्थि कलश स्थल के रूप में जाना जाता है।
जी हां, गया एक ऐसा शहर है, जहां देश का एकमात्र गांधी अस्थि कलश स्थल माना जाता है। यहां स्थित अस्थि कलश स्थल को गांधी स्तूप के नाम से जाना जाता है। देश का एकमात्र अस्थि कलश स्थल कोने के चलते गांधी जयंती के मौके पर यहां हजारों लोग घूमने के लिए पहुंचते हैं। कहा जाता है कि गांधी स्तूप देश को सर्वधर्म समभाव की याद दिलाता है। आपको बता दें कि इस स्तूप में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई धर्म पर चित्र भी उकेरे गए हैं।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो, तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image@freepik,jagranimage
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों