Bathu ki ladi temple myth: पूर्व भारत से लेकर पश्चिम और दक्षिण से लेकर उत्तर भारत के कई गांव और शहरों में ऐसे कई पवित्र और प्रचलित मंदिर मिल जाएंगे, जहां हर दिन हजारों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
भारत में मौजूद असंख्य चमत्कारी मंदिरों के चलते इस देश को मंदिरों का घर भी बोला जाता है। इसलिए कई लोग भारत को एक आध्यात्मिक देश भी मानते हैं। भारत में कुछ मंदिरों को तो साक्षात भगवान का रूप भी माना जाता है।
भारत के अन्य राज्यों की तरह हिमाचल प्रदेश की हसीन वादियोंभी एक से एक पवित्र और प्राचीन मंदिर मौजूद हैं। जैसे-चामुंडा मंदिर, ज्वाला जी मंदिर, हडिम्बा मंदिर और भीमकाली मंदिर।
हिमाचल में मजूद अन्य मंदिरों की तरह बाथू की लड़ी मंदिर भी किसी चमत्कारी मंदिर से कम नहीं माना जाता है। इस आर्टिकल में हम आपको बाथू की लड़ी मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा और रहस्यमयी कहानियों के लिए बारे में बताने जा रहे हैं।
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि बाथू की लड़ी मंदिर हिमाचल के किस शहर में मौजूद है। ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बाथू की लड़ी मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जनपद में मौजूद है।
आपको यह भी बता दें कि हिमाचल की राजधानी शिमला से बाथू की लड़ी मंदिर करीब 278 किमी की दूरी पर है। इसके अलावा धर्मशाला से 64 किमी और मैक्लोडगंज से करीब 70 किमी की दूरी पर है।
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बाथू की लड़ी मंदिर के इतिहास को लेकर अलग-अलग मत है। इस मंदिर को लेकर एक मत है कि इसका निर्माण छठी शताब्दी में गुलेरिया साम्राज्य के समय में किया गया था।
बाथू की लड़ी मंदिर को लेकर एक अन्य किंवदंती है कि इसका निर्माण पांडवों द्वारा किया गया था। जी हां, यह कहा जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों इस मंदिर का निर्माण पूजा पाठ के लिए किया था।
बाथू की लड़ी मंदिर की पौराणिक कथा बेहद ही दिलचस्प है। जी हां, इस मंदिर को लेकर कई लोगों का यह मानना है कि यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, तो कुछ लोग ये मानते हैं कि यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। कई लोगों का यह भी मानना है कि पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान यहां शिवलिंग की स्थापना की थी। (ये हैं देवी के प्रसिद्ध मंदिर)
बाथू की लड़ी मंदिर के बारे में यह कहा जाता है कि मंदिर के निचले भाग में सीढ़ियां बनी हुई हैं। किंवदंती के अनुसार यह सीढ़ियां कोई आम नहीं, बल्कि स्वर्ग में जाने का रास्ता प्रदान करती हैं। कहा जाता है कि अभी भी बाथू की लड़ी मंदिर में सीढ़ियां नजर आती हैं।
बाथू की लड़ी मंदिर से जुड़ी रहस्यमयी कहानियां लोगों को चकित कर देती है। जी हां, इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। कहा जाता है कि इस मंदिर परिसर की शिलाओं पर भगवान विष्णु, शेष नाग और देवियों इत्यादि की कलाकृतियां रहस्यमयी कहानियां दर्शाती हैं। (भारत के रहस्यमयी मंदिर)
बाथू की लड़ी मंदिर के बारे में यह भी कहा जाता है कि साल के करीब 8 महीने यह महाराणा प्रताप सागर झील के अंदर डूबा रहता है और इस दौरान कोई भी दर्शन करने की हिम्मत नहीं करता है।
बाथू की लड़ी को लेकर एक अन्य रहस्यमयी कहानी यह है कि यहां आज भी स्वर्ग की 40 सीढ़ियां मौजूद हैं, जिसे देखा जा सकता है। कई लोग इन सीढियों की पूजा-पाठ भी करते हैं। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि इस मंदिर परिवार में एक पत्थर मौजूद है और जब पत्थर पर कंकड़ मारा जाता है तो पत्थर से खून निकलता है।
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अगर आप बाथू की लड़ी मंदिर घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको बता दें कि जी हां, इस मंदिर को आप आसानी से एक्सप्लोर कर सकते हैं। इसके लिए आप मई से जून के महीने में घूमने के लिए जा सकते हैं, क्योंकि इन दो महीने में महाराणा प्रताप सागर झील का जल स्तर बहुत कम रहता है।
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