Famous Valley In North East India: नॉर्थ ईस्ट इंडिया देश का एक ऐसा हिस्सा है, जहां की खूबसूरती दुनिया भर में फेमस है। इस हिस्से की खूबसूरती इस कदर प्रचलित है कि यहां हर दिन हजारों देशी और विदेशी पर्यटक मौज-मस्ती करने के लिए पहुंचते हैं।
नॉर्थ ईस्ट इंडिया के अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय के अलावा सिक्किम में ऐसी कई हसीन और खूबसूरत जगहें हैं, जहां घूमने के बाद विदेश को भी भूल जाएंगे। नॉर्थ ईस्ट इंडिया की खूबसूरती में वैली भी चार चांद लगाने का काम करती है। देश के इस हिस्से में ऐसी कई वैली है, जहां घूमने के बाद हिमाचल या उत्तराखंड को भी भूल जाएंगे।
इस आर्टिकल में हम आपको नॉर्थ ईस्ट इंडिया में मौजूद थांगू घाटी की खासियत और इसके आसपास मौजूद कुछ शानदार जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां घूमने के बाद आप खुशी से झूम उठेंगे।
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि थांगू घाटी नॉर्थ ईस्ट के किस राज्य में मौजूद है। थांगू घाटी पूर्व भारत के सिक्किम राज्य में स्थित एक छोटा गांव है, जिसे कई लोग थांगू वैली और थांगू घाटी के नाम से भी जानते हैं।
समुद्र तल से करीब 13 हजार से भी अधिक फीट की ऊंचाई पर मौजूद थांगू घाटी सिक्किम के मंगन जिले में स्थित है। सिक्किम की राजधानी गंगटोक से करीब 155 किमी और दार्जिलिंग करीब 207 किमी उत्तर में मौजूद है।
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थांगू घाटी की खासियत जानने के बाद आप खुद को यहां घूमने के रोक नहीं पाएंगे। यह खूबसूरत वैली विश्व प्रसिद्ध गुरुडोंगमार झील के रास्ते में पड़ती है, इसलिए यह वैली सैलानियों के बीच लोकप्रिय केंद्र है।
थांगू घाटी की खासियत में चार चांद लगाने का काम यहां मौजूद अल्पाइन का फूल करते हैं। अल्पाइन अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए लिए पूरे नॉर्थ-ईस्ट इंडिया में प्रसिद्ध है। यहां की हरियाली भी सैलानियों को खूब आकर्षित करती है।
थांगू घाटी की खासियत यहां पड़ने वाली बर्फ भी है। अक्टूबर से लेकर मार्च तक यह वैली बर्फ से ढकी रहती है। इसके अलावा इस वैली से तीन नदियां-चोपता, थंगू, और लसूर बहती हैं, जो चार चांद लगाने का काम करती हैं। (असम में घूमने की बेस्ट जगहें)
थांगू वैली देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए किसी हसीन जन्नत से कम नहीं है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता देखने के बाद पर्यटक किसी और जगह को भूल जाएंगे।
अल्पाइन के फूलों के बीच में घूमना किसी हसीन सपने से कम नहीं लगता है। यहां पर्यटक चोपता, थंगू, और लसूर नदियों के किनारे सुकून का पल बिता सकते हैं। थांगू वैली में ट्रेकिंग और हाईकिंग का बेहतरीन लुत्फ उठाया जा सकता है। यहां पर्यटक कैम्पिंग भी कर सकते हैं। (अरुणाचल प्रदेश में घूमने की बेस्ट जगहें)
थांगू वैली घूमने का बेस्ट समय मार्च से लेकर सितंबर तक माना जाता है। अक्टूबर से लेकर मार्च तक यह वैली बर्फ से ढकी रहती है और ठंड भी बहुत अधिक पड़ती है। इसलिए आप भी अक्टूबर से लेकर मार्च के बीच में घूमने जा सकते हैं।
आपको बता दें कि थांगू वैली सिक्किम की राजधानी गंगटोक करीब 155 किमी और दार्जिलिंग करीब 207 किमी उत्तर में मौजूद है। ऐसे में गंगटोक और दार्जिलिंग बस, टैक्सी या कैब लेकर थांगू वैली जा सकते हैं।
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थांगू वैली के आसपास ऐसी कई बेहतरीन जगहें मौजूद हैं, जिन्हें आप एक्सप्लोर कर सकते हैं। जैसे- गुरुडोंगमार झील, चोपता घाटी, चोपता घाटी व्यू पॉइंट, गोचुंग त्सो झील और यथंग को एक्सप्लोर कर सकते हैं।
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