Agra Travel Places: आगरा... इस शहर का नाम सुनते ही सबसे पहले ताजमहल की तस्वीर ही दिखाई देती है। इसलिए आगरा को ताजमहल की नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
यमुना नदी के तट पर स्थित आगरा सिर्फ ताजमहल ही नहीं, बल्कि आगरा फोर्ट और फतेहपुर सीकरी जैसी शानदार और ऐतिहासिक जगहों के लिए भी जाना जाता है। इसलिए यहां हर दिन हजारों देशी और विदेशी पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं।
आगरा जिस तरह ताजमहल, आगरा फोर्ट और फतेहपुर सीकरी जैसी जगहों के लिए प्रसिद्ध है, ठीक उसी तरह अब स्वामी बाग समाध इमारत के लिए भी प्रसिद्ध हो रहा है।
इस आर्टिकल में हम आपको आगरा में स्थित स्वामी बाग समाध की खासियत और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।
क्या है स्वामी बाग समाध? (What is soami bagh samadh agra)
स्वामी बाग समाध के बारे में बताने से पहले आपको बता दें कि यह स्थान आगरा शहर के दयालबाग एरिया में मौजूद है। स्वामी बाग समाध को राधा स्वामी मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। इसके अलावा इस इमारत को कई लोग दयालबाग मंदिर के नाम से भी जानते हैं।
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राधा स्वामी मंदिर का इतिहास (History of soami bagh samadh)
राधा स्वामी मंदिर या दयालबाग मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण में करीब 114 साल लग गए थे। जी हां, कहा जाता है कि इसका निर्माण साल 1904 में शुरू हुआ था और 2018 में पूरा हुआ था।
कई लोगों का मानना है कि इस मंदिर को बनाने में चार पीढ़ियों ने काम किया है। कहा जाता है कि इस मंदिर को बनाने में करीब 400 करोड़ रुपये से भी अधिक खर्च हो चुके हैं।
राधा स्वामी मंदिर की खासियत (Why radhasoami dayalbagh is famous)
राधा स्वामी मंदिर की खासियत देशी और विदेशी लोगों को खूब आकर्षित कर रही है। कहा जा रहा है कि इस मंदिर भव्यता को देखकर कोई भी कायल हो हो सकता है।
राधा स्वामी मंदिर निर्माण में पूरा सफेद पत्थरों का इस्तेमाल हुआ है, जिसके चलते यह कहा जाता है कि कई बार इसके आगे ताजमहल भी फीका लगता है। इस मंदिर की नक्काशी भी पर्यटकों को खूब लुभाती है। इस मंदिर का प्रवेश द्वार में लाल पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। कहा जाता है कि मंदिर परिसर को करीब 52 कुओं पर बनाया गया है।
मंदिर का स्वर्ण प्रतिमा है बेहद खास (radhasoami dayalbagh temple)
जिस तरह राधा स्वामी मंदिर की नक्काशी लोगों को आकर्षित करती है, ठीक उसी तरह मंदिर का स्वर्ण प्रतिमा भी लोगों को आकर्षित करता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंदिर में गुंबद के ऊपर लगे कलश को स्वर्ण प्रतिमा कहा जाता है।
स्वर्ण प्रतिमा के बारे में लकी लोगों का मानना है कि स्वर्ण प्रतिमा की ऊंचाई ताजमहल से भी अधिक है। इस प्रतिमा को तांबे का बनाया गया है और इसके ऊपर सोने की परत लगाई गई है।(जानिए आगरा से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें)
पर्यटकों की भीड़ लगी रहती हैं
राधास्वामी मंदिर की खासियत, इतिहास और वास्तुकला आज की तारीख में इस कदर प्रचलित है कि जो भी आगरा घूमने के लिए जाता है, वो इस मंदिर का दर्शन करने जरूर पहुंचता है।
राधास्वामी मंदिर का दर्शन करने सबसे अधिक राधास्वामी मत के अनुयायी पहुंचते हैं। कहा जाता है कि वसंत पंचमी के दिन यहां सबसे अधिक भीड़ होती है और इस दिन मंदिर को दुल्हन की तरह सजा दिया जाता है।
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दर्शन करने का समय
राधास्वामी मंदिर का दर्शन करने काप साल के किसी भी महीने में जा सकते हैं। मंदिर का दर्शन करने आप सुबह 6 बजे लेकर कर शाम 6 बजे के बीच में जा सकते हैं। आपको बता दें कि सितंबर से लेकर फरवरी तक आगरा घूमने का बेस्ट समय माना जाता है।
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