Famous Shakti Peeth In Uttar Pradesh: इस समय देश भर में नवरात्रि की धूम है। नवरात्रि के खास मौके पर जगह-जगह रामलीला हो रहा है और मेला लगा हुआ है।
नवरात्रि के पावन दिनों में लोग रामलीला और मेले का आनंद लोग उठा रहे हैं, लेकिन इन दोनों ही चीजों का मजा तब और अधिक होता है, जब माता के शक्तिपीठों का दर्शन हो जाए।
नवरात्रि के दिनों में माता के शक्तिपीठों का दर्शन करने से भक्तों के सभी दुखों का निवारण हो जाता है। इसलिए दुर्गा पूजा के खास मौके पर कई लोग माता सती के शक्तिपीठों का दर्शन करने पहुंचते रहते हैं।
देश के उत्तर प्रदेश राज्य में भी माता सती के कई प्रसिद्ध और पवित्र शक्तिपीठ मौजूद हैं, यहां मांगी हर मुराद पूरी हो जाती है। इस आर्टिकल में हम आपको उत्तर प्रदेश के 3 प्रसिद्ध शक्तिपीठों के बारे में बताने जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में स्थित माता सती के प्रसिद्ध और पवित्र शक्तिपीठों का जिक्र होता है, तो कई लोग सबसे पहले श्री उमा शक्तिपीठ का ही नाम लेते हैं। मां सती के 51 शक्तिपीठों में शामिल श्री उमा शक्तिपीठ, उत्तर प्रदेश के वृंदावन में भूतेश्वर महादेव मंदिर के पास में मौजूद है।
श्री उमा शक्तिपीठ के बारे में कहा जाता है कि यहां देवी के बालों का गुच्छा और चूड़ामणि गिरा था। इस शक्तिपीठ को कई लोग कात्यायनी शक्तिपीठ के नाम से भी जानते हैं। नवरात्रि के दिन यहां देश के हर कोने से भक्त पहुंचते हैं। आपको बता दें कि वृन्दावन को कृष्ण नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
श्री उमा शक्तिपीठ (वृन्दावन) के सबसे पास में आगरा हवाई अड्डा है, जो करीब 48 किमी दूर है। एयरपोर्ट से टैक्सी या कैब लेकर आसानी से पहुंच सकते हैं। इसके अलावा, इस शक्तिपीठ के सबसे पास में मथुरा रेवले स्टेशन है, जो देश के लगभग हर बड़े रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है।
विशालाक्षी शक्तिपीठ उत्तर प्रदेश के सबसे पवित्र शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, क्योंकि यह शक्तिपीठ उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मौजूद है। वाराणसी, विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है।
विशालाक्षी शक्तिपीठ माता सती के 51 शक्तिपीठों से एक है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यहां शिव की पत्नी सती का कर्ण कुण्डल की मणि गिरा था। इसलिए कई लोग विशालाक्षी के अलावा मणिकर्णी शक्तिपीठ के नाम से भी जानते हैं। नवरात्रि में यहां लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं।
विशालाक्षी शक्तिपीठ (वाराणसी) के सबसे पास में लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट मौजूद है, जो करीब 26 किमी दूर है। एयरपोर्ट से टैक्सी या कैब लेकर आसानी से विशालाक्षी शक्तिपीठ पहुंच सकते हैं। इसके अलावा, विशालाक्षी शक्तिपीठ के सबसे पास में वाराणसी रेलवे स्टेशन है, जो करीब 5 किमी दूर है।
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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, मां सती के प्रसिद्ध शक्तिपीठ के लिए भी जाना जाता है। त्रिवेणी संगम तट के किनारे स्थित शक्तिपीठ के बारे में कहा जाता है कि यहां सती के हाथ की अंगुली गिरी थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रयागराज में स्थित ललिता देवी, कल्याणी देवी और अलोपी देवी मंदिर को शक्तिपीठ के रूप में पूजा जाता है। आपको यह भी बता दें कि प्रयागराज में गंगा नदी में डुबकी लगाने से जीवन के सारे पाप धुल जाते हैं।
प्रयाग शक्तिपीठ (प्रयागराज) के सबसे पास में प्रयागराज एयरपोर्ट मौजूद है, जिसे बमरौली एयर फोर्स बेस एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है, जो करीब 12 किमी दूर है। इसके अलावा प्रयाग शक्तिपीठ के सबसे पास में प्रयागराज रेलवे स्टेशन है, जो देश कई कई बड़े रेलवे स्टेशन्स से जुड़ा हुआ है।
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