उत्तर प्रदेश घूमने का नाम सुनते ही लगभग सबसे पहले वाराणसी और लखनऊ आदि शहरों में ही जाने का मन करता है। लेकिन, इसके अलावा भी उत्तर प्रदेश में ऐसी कई जगहें हैं जो ट्रेवल की दृष्टि से बेहद ही महत्वपूर्ण स्थान है। जी हां, हम बात कर रहे हैं, कुशीनगर शहर की। यह एक ऐसा शहर हैं जहां बहुत कम लोग ही घूमने के लिए जाते हैं लेकिन, अब एयरपोर्ट खुलने के बाद लगभग हर कोई यहां घूमने का प्लान बना रहा होगा। ऐसे में अगर आप भी इस शहर में घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो हम आपको कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में बता रहे हैं और साथ में कुशीनगर के कुछ बेहतरीन फूड्स के बारे में भी बताने जा रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
कुशीनगर में मौजूद महापरिनिर्वाण मंदिर सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है। इस जगह सिर्फ देश से ही नहीं बल्कि विदेशी सैलानी भी घूमने के लिए पहुंचते हैं। भगवान बुद्ध की लगभग 6.1 मीटर लंबी प्रतिमा लेटी हुई मुद्रा में है। कहा जाता है कि यह मूर्ति उस काल को दर्शाती है जब भगवान बुद्ध ने महापरिनिर्वाण किया। कहा जाता है कि यह मौजूद प्रतिमा 5 वीं शताब्दी से भी प्राचीन है।
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कुशीनगर में मौजूद सूर्य मंदिर एक गुप्तकालीन मंदिर है। कहा जाता है कि इस इस मंदिर में मौजूद मूर्ति का निर्माण नीलम धातु से किया गया है। इस मंदिर दर्शन के लिए सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल, भूटान, चीन, श्रीलंका और म्यांमार से भी आते रहते हैं। सूर्य मंदिर की मूर्ति की ऊंचाई लगभग चार फीट है। इस मंदिर परिसर में हर साल नवंबर के महीने में सूर्य महोत्सव का भी आयोजन होता है।(सांची स्तूप के इतिहास के बारे में)
कुशीनगर में मौजूद रामभर स्तूप बौद्ध धर्म के लोगों के लिए बेहद ही पवित्र स्थल है। इतिहासकारों के अनुसार यह कहा जाता है कि रामभर स्तूप उसी स्थान पर बना हुआ है जहां भगवान बुद्ध को 483 ईसा पूर्व में दफनाया गया था। एक अन्य पौराणिक कथा ये है कि महात्मा बुद्ध की मृत्यु के समय कुशीनगर पर शासन करने वाले शासकों ने इस रामभर स्तूप का निर्माण करवाया था। आपको बता दें कि ईटों की सहायता से इस स्तूप का निर्माण किया गया है।
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महापरिनिर्वाण मंदिर, सूर्य मंदिर और रामभर स्तूप जैसी जगहों के साथ-साथ आप चाइनीज मंदिर, कुशीनगर संग्रहालय, और कुबेर अष्टन जैसी एक से एक बेहतरीन जगह पर भी घूमने के लिए जा सकते हैं।
यहां पर घूमने के साथ-साथ आप स्थानीय भोजन का भी आनंद उठा सकते हैं। स्थानीय भोजन में पुड़ी, जलेबी, हलवा और काला चना (घुघनी) के जायके का लुत्फ़ उठा सकते हैं। इसके अलावा आप लिट्टी चोखा का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं क्योंकि बिहार की सीमा पर मौजूद ये शहर लिट्टी चोखा के लिए भी प्रसिद्ध है। इसके अलावा दाल, चावल, आलू की भुजियां और अचार का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं।
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Image Credit(@misfitwanderers.com,staticflickr.com)
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