अगर आप गर्मियों की छुट्टियों के लिए उत्तराखंड में नैनीताल की तरफ जा रही हैं तो आपको इस मंदिर में दर्शन करने जरूर जाना चाहिए। यहां फेसबुक फाउंडर मार्क ज़ुकेरबर्ग और एप्पल फाउंडर स्टीव जॉब्स भी अपनी मन्नत लेकर जा चुके हैं। कहते हैं कि इस मंदिर में दर्शन कर लेने से बिगड़ी तकदीर भी बन जाती है।
नैनीताल से 38 किमी दूर भवाली के रास्ते में कैंची धाम पड़ता है। बाबा नीब करौरी ने इस स्थान पर 1964 में आश्रम बनाया था। इन्हीं बाबा नीब करौरी को हनुमान जी का धरती पर दूसरा रूप कहा जाता है। वैसे बाबा का असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था। अपनी स्थापना के बाद से अब तक भव्य मंदिर का रूप ले चुके कैंची धाम में मां दुर्गा, वैष्णो देवी, हनुमान जी और राधा कृष्ण की मूर्तियां हैं। मंदिर में आज भी बाबा की निजी वस्तुएं जैसे गद्दी, कंबल, छड़ी आज भी वैसे ही सुरक्षित हैं जैसी उनके जीवन में थीं।
चलिए आपको लेकर चलते हैं भगवान हनुमान के उस मंदिर में जहां बिगड़ी तकदीर भी बन जाती हैं इसलिए यहां केवल इंडिया ही नहीं बल्कि विदेशों से भी कई हजारों लोग दर्शन करने के लिए आते हैं।
कैंची धाम की स्थापना की कई दिलचस्प कहानियां
कैंची धाम मंदिर की स्थापना से कई दिलचस्प कहानियां जुड़ी हुई हैं। कुछ लोग ऐसा कहते हैं कि नीम किरौली महाराज की कृपा से ही इस स्थान पर मंदिर की स्थापना की गई। कहते है कि महाराज ने यहां की भूमि पर कदम रखा और उनके चरणों की आभा पाकर यह भूमि धन्य हो गई जिसके बाद यहां कैंची धाम बन गया।
Read more: भगवान हनुमान की ऐसी मूर्तियां जिन्हें देखने के लिए आप करना चाहेंगी कई मीलों का सफर
कुछ लोग कहते हैं कि इस मंदिर के संस्थापक बाबा अलौकिक शक्तियों के स्वामी थे पर वे आडंबरों से दूर रहते थे, उनके माथे पर ना त्रिपुण्ड लगा होता था और ना गले में जनेऊ और कंठमाला। उन्होंने देह पर साधुओं वाले वस्त्र भी कभी धारण नहीं किए। आश्रम आने वाले भक्त जब उनके पैर छूने लगते थे तो वे कहते थे पैर मंदिर में बैठे हनुमान बाबा के छुओ।
बाबा नीब करौरी महाराज ने एक धाम नैनीताल जिले के कैंची में बनाया तो दूसरा हिमाचल में। 1962 में हिमाचल के तत्कालीन लेफ्टिनेट गर्वनर राजा बजरंग बहादुर सिंह जो भद्री रियासत के राजा थे, ने बाबा की इच्छा पर यहां मंदिर का निर्माण शुरू करा दिया। 21 जून, 1966 दिन मंगलवार को इसका शुभारंभ हुआ, इसको इतना अद्भुत बनाया गया है कि शिमला आने वाले पर्यटक जाए बिना रह ही नहीं पाते।
स्टीव जॉब्स और मार्क ज़ुकेरबर्ग भी आए थे अपनी मुरादें लेकर
केंची धाम पर श्रद्धा रखने वाले भक्त देश ही नहीं विदेश में भी हैं। जैसे विदेशी भक्त और जाने-माने लेखक रिच्रर्ड एलपर्ट जिन्होंने मिरेकल आफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है जिसमें बाबा के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन किया है। हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स भी बाबा की परम भक्त बताई जाती हैं। इसी स्थान से प्रभावित होकर उन्होंने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया। फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग भी यहां आए थे। कैंचीधाम यात्रा एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स ने भी की थी और ऐसा कहा जाता है कि बाबा के दिए सेब को उन्होंने एप्पल कंपनी का लोगो ही बना दिया।
अगर आप नैनीताल के पास से गुजर रही हैं तो इस मंदिर के दर्शन करने जा सकती हैं।
Recommended Video
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों