पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का भव्य उत्सव देखने लायक होता है। हर गली में आप पंडालों, पुराने बंगाली क्लासिक गीतों और झालमुरी, घुघनी, फुचका, जैसे आइटम्स का स्टॉल सजा होता है। वहां की दुर्गा पूजा देशभर में लोकप्रिय है। पश्चिम बंगाल को देख आज नॉर्थ इंडिया में भी दुर्गा पूजा बड़े पैमाने में होने लगी है।
दिल्ली में भी आज से नहीं बल्कि कई सालों से नवरात्रि का ग्रैंड सेलिब्रेशन होने लगा है और ऐसी कई जगहें हैं, जहां आप माता के दर्शन करने के लिए जा सकते हैं।
अगर आप कोलकाता नहीं जा सकते हैं, तो दिल्ली के आइकॉनिक पंडालों की सैर कर सकते हैं। यकीन मानिए आपको यहां बिल्कुल बंगाल वाली फील आएगी। इस लेख में हम आपको कुछ चुनिंदा पंडालों के बारे में बताने वाले हैं। अगर आपको लग रहा है कि हम सिर्फ चितरंजन पार्क की बात करेंगे, तो ऐसा नहीं है। आइए लेख पढ़कर आप भी अपनी लिस्ट में इसे नोट कर लें।
1. कश्मीरी गेट दुर्गा पूजा पंडाल
कश्मीरी गेट में लगने वाला दुर्गा पूजा का पंडाल समृद्ध विरासत को दर्शाता है। इस पंडाल ने 2023 में अपना 113वां वर्ष मनाया है। कश्मीरी गेट पूजा का आयोजन दिल्ली दुर्गा पूजा समिति द्वारा किया जाता है, जिसकी स्थापना 1910 में हुई थी, जो इसे शहर की सबसे पुरानी दुर्गा पूजा पंडालों में से एक बनाता है।
इस पंडाल को जो चीज अलग बनाती है, वह है इसका समृद्ध इतिहास और पारंपरिक रीति-रिवाजों को बनाए रखने पर जोर। अगर आप एक ऐसे अनुभव की तलाश में हैं जो कालातीत लगे, जहां सदियों पुराने रीति-रिवाजों का बेहद सम्मान के साथ पालन किया जाता हो, तो कश्मीरी गेट आपके लिए सबसे सही जगह है।
कई आधुनिक पंडालों के विपरीत, जिन्होंने थीम और कलात्मक सजावट को अपनाया है, कश्मीरी गेट चीजों को सरल लेकिन आध्यात्मिक रूप से समृद्ध रखता है। यहां दुर्गा की मूर्ति शक्ति और करुणा की आभा बिखेरती है।
पंडाल में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और यहां का मुख्य आकर्षण पुष्पांजलि और संधि पूजा (अष्टमी और नवमी के संयोग पर की जाने वाली पूजा) है, जो बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करती है।
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2. मिंटो रोड दुर्गा पंडाल
दिल्ली के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित पंडालों में से एक मिंटो रोड दुर्गा पूजा पंडाल, ऐसा है जो दशकों से भक्तों को मंत्रमुग्ध कर रहा है। इसे 1940 में पहली बार स्थापित किया गया था। यह पंडाल सादगी लेकिन कलात्मक सजावट के लिए जाना जाता है, जो पारंपरिक बंगाली उत्सवों के सार को खूबसूरती से दर्शाता है।
मिंटो रोड पर, देवी दुर्गा की मूर्ति आमतौर पर 'एकचला' शैली में बनाई जाती है, जिसका अर्थ है कि सभी देवी-देवता एक ही फ्रेम के नीचे होते हैं, जो क्लासिक बंगाली कलात्मकता का प्रतीक है। भावपूर्ण आरती और पारंपरिक धुनुची नाच आप यहां देख सकते हैं।
पूजा अनुष्ठानों से परे, यह पंडाल अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए प्रसिद्ध है जो पूजा के दिनों में होते हैं। शाम को पारंपरिक बंगाली नृत्य, नाटक और संगीत जैसे प्रदर्शन होते हैं।
दिल्ली के बीचों-बीच बंगाल की जीवंत सांस्कृतिक विरासत को महसूस करने के लिए यह एक आदर्श जगह है, जहां अपने परिवार के साथ जाया जा सकता है।
3. मातृ मंदिर दुर्गा पूजा
सफदरजंग एन्क्लेव में मातृ मंदिर दुर्गा पूजा अपनी भव्यता और कलात्मक प्रस्तुति के लिए प्रसिद्ध है। मातृ मंदिर समिति द्वारा आयोजित, इस पंडाल ने अपनी थीम वाली सजावट के लिए लोकप्रियता हासिल की है। हर साल, पंडाल की थीम बदल जाती है, जिससे उत्साह बना रहता है और लोग हर साल पंडाल को देखने के लिए उत्सुक रहते हैं। इस पंडाल में आपको जटिल कलाकृति और बारीकियों को देखने का मौका मिलेगा।
मातृ मंदिर में दुर्गा की मूर्ति के साथ लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और कार्तिकेय भगवान की मूर्तियां भी शामिल की जाती हैं। इन मूर्तियों को बहुत ही बारीकी से बनाया जाता है। पूरा पंडाल अक्सर किसी केंद्रीय विषय, जैसे कि पौराणिक कथाओं, सामाजिक संदेशों या वैश्विक चिंताओं के इर्द-गिर्द बनाया जाता है, जो लोगों को मंत्रमुग्ध करता है।
मातृ मंदिर में नृत्य प्रदर्शन से लेकर संगीत गायन तक कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जो शहर की कुछ बेहतरीन प्रतिभाओं को आकर्षित करते हैं। अगर आप एक ऐसे दुर्गा पूजा पंडाल की तलाश कर रहे हैं, जिसमें आध्यात्मिकता के साथ-साथ कलात्मक प्रतिभा भी हो, तो मातृ मंदिर जरूर जाएं।
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4. आरामबाग दुर्गा पूजा समिति
पंचकुइयां रोड के पास स्थित आरामबाग दुर्गा पूजा समिति एक और ऐतिहासिक पंडाल है, जिसका दिल्लीवासी हर साल बेसब्री से इंतजार करते हैं। 1952 में स्थापित आरामबाग पूजा अपने भव्य समारोहों और सजावट के लिए जाना जाता है। यह पंडाल धार्मिक महत्व को बरकरार रखते हुए रचनात्मकता को अपनाने के लिए जाना जाता है।
हर साल, आरामबाग पंडाल को अद्वितीय और समकालीन थीम के इर्द-गिर्द डिजाइन किया जाता है, जो पर्यावरण संबंधी चिंताओं से लेकर सांस्कृतिक विरासत तक कई तरह के विषयों को दर्शाता है।
पंडाल और दुर्गा की मूर्ति के निर्माण में शामिल शिल्प कौशल और डिटेल्स ऐसी होती हैं, जो हर कोई कला प्रेमी पसंद करता है। ऊंची दुर्गा की मूर्ति और राजसी सजावट विस्मयकारी लगती है।
आरामबाग अपने खाने के स्टॉल के लिए भी प्रसिद्ध है, जहां स्वादिष्ट बंगाली व्यंजन जैसे भोग, कचौड़ी, मिठाइयां और अन्य पारंपरिक व्यंजन मिलते हैं। यहां के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आकर्षण का केंद्र हैं, जिसमें कोलकाता और दिल्ली के प्रसिद्ध कलाकार प्रदर्शन करते हैं, जो इसे एक ऐसा स्थान बनाते हैं जहां उत्सव और भक्ति का मिलन होता है।
इसके अलावा चितरंजन पार्क तो है ही जहां अक्सर लोग जाते हैं। गोल मार्केट और मयूर विहार-1 की काली बाड़ी भी लोकप्रिय है। आप किस जगह की दुर्गा पूजा देखने के लिए उत्साहित हैं, हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
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Image Credit: Freepik
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