इंडिया में होली पर अजीबो-गरीब पंरपराएं निभाई जाती हैं जैसे कहीं लाठी मारकर होली सेलिब्रेट की जाती है तो कहीं अंगारे फेंक कर होली का जश्न मनाया जाता है। होली फेस्टिवल का अपना ही एक अलग मजा है। यह सच है कि होली का त्यौहार रंगों के साथ-साथ घर में खुशियों का माहौल भी लेकर आता है। इस दिन हर कोई एक-दूसरे को रंगों में रंगना चाहता है। इंडिया में लगभग हर राज्य में रंगो के इस फेस्टिवल को सेलिब्रेट किया जाता है। होली 2021 पर हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी ही परंपराओं के बारे में।
भारत के कुछ राज्यों में होली को लेकर आज भी बहुत सी अजीबो-गरीब परंपराएं निभाई जाती हैं। तो चलिए जानते है होली के फेस्टिवल से जुड़ी कुछ अजीब परंपराओं के बारे में:
होली फेस्टिवल से जुड़ी अजीबो-गरीब परंपरा के बारे में बताने की शुरुआत यही से करते हैं कि ब्रज के बरसाना गांव में होली की टोलियां जब पिचकारियां मारती है तो महिलाएं उनपर लाठियां बरसाती हैं। पुरुषों को इन लाठियों से बचकर महिलाओं को रंगों से भिगोना होता है। इसे लट्ठमार होली भी कहा जाता है।
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यहां आपको बता दें कि बृज में हफ्ते भर होली चलती है इसलिए यहां विदेशियों की भी भीड़ लगी रहती है। मथुरा, वृंदावन, गोकुल, नंदगांव, बरसाने में कुल एक हफ्ते तक होली चलती है। वृंदावन में फूलों से होली खेली जाती है तो कहीं भांग के नशे में होली का सेलिब्रेशन किया जाता है।
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वृंदावन में विधवाओं की होली खेली जाती है। कुछ ही साल पहले वृंदावन में विधवाओं की होली का चलन पागल बाबा के मंदिर से शुरू हुआ था। अमूमन ये होली फूलों की होली के अगले दिन अलग-अलग मंदिरों में खेली जाती है। जीवन के रंगों से दूर इन विधवाओं को होली खेलते देखना बेहद ही सुंदर नजारा होता है।
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दाऊजी हुरंगा मंदिर में होलीके अगले दिन मनाया जाने वाला यह फेस्टिवल 500 साल पुराना है। इस मंदिर के सेवादार परिवार की महिलाएं पुरुषों के कपड़े फाड़कर उनसे उन्हें पीटती हैं। इस परिवार में अब 300 से ज्यादा लोग हैं। यहां का नजारा बहुत ही अलग होता है और यहां आपको बता दें कि दाऊजी का मंदिर मथुरा से 30 किलोमीटर दूर है।
अगर इस होली पर आप मथुरा जा रही हैं और इस नजारे को देखना चाहती हैं तो आपको सुबह बहुत ही जल्दी दाऊजी हुरंगा मंदिर पहुंचना होगा।
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मध्यप्रदेश के एक गांव में युवक हाथों में मांदल नामक वाद्य यंत्र लेकर बजाते हैं और नृत्य करते हुए युवती को गुलाल लगा देते हैं। अगर ऐसे में युवती भी युवक को रंग लगा देती है तो इसे रजामंदी समझा जाता है। इसके बाद दोनों भाग जाते है और उनकी शादी हो जाती है।
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मध्यप्रदेश के गांव मालवा में होली के दिन लोग एक-दूसरे के उपर अंगारे फेंकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस प्रकार अंगारे फेंकने से होलिका राक्षसी का पूरी तरफ विनाश हो जाता है।
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यूपी के कुंडारा में पुरुषों को होली खेलने की मनाही होती है। जी हां, यहां की महिलाएं राजजानकी मंदिर में इकट्ठा होकर आपस में ही होली खेलती हैं।
हिमाचल प्रदेश मंडी जिले के सुकेत इलाके में होली पर बहन-बेटियों को रोटी मायके से भेजी जाती है और जिसे बांटा भी कहा जाता है। वहां के लोगों का मानना है कि मायके की जमीन में उगी फसल का शेयर बेटियों को प्रतीक के रूप में दिया जाता है।
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