इस एक शहर के लोग अपनी जिंदगी बेफ्रिक जीते हैं

पणजी के एक बाज़ार में दोपहर के वक़्त पैदल चलते हुए आप पाएंगे कि यहां सभी गलियों के दुकान एक समय पूर्ण से बंद हो जाती ताकि यहां के लोग आराम और सकून से जिंदगी बिता सके।

goa city people live without fear

भारत में ऐसे कई राज्य और शहर है जहां की जिंदगी इतनी खुशहाल है कि एक बार वहां जाने के बाद वही का हो जाने का मन करता है। घर गृहस्थी, रहन सहन आदि के विचार इतनी अच्छी स्थिति में होती है कि उसकी हर कोई तारीफ करता है और वहां बसने की कोशिस करता है। आम शहरों में दिन के 24 घंटे भागदौड़ वाली जिंदगी होती है तो वही दूसरी तरफ किसी शहर में इतनी शांति रहती है कि हर कोई उसी शहर का हो जाना चाहता है जहां सकून भरी जिंदगी हो और किसी भी चीज का फ्रिक ना बल्कि बेफ्रिक हो के जिंदगी को गुजारा जाएं।

जी हां, भारत में 28 राज्यों और 9 केंद्रशासित प्रदेशों में से एक ऐसा भी राज्य और शहर है जहां के लोग बेफ्रिक हो के अपनी जिंदगी को गुजरते हैं। आम शहरों में दिन के शुरुआत से लेकर दोहपर और शाम तक सड़कों पर गाड़ियों और व्यक्तियों के आवागामी से लोकल लोग इतना परेशां रहते है कि हर समय एक टेंशन रहता है कि और कब गिरा? कब किसको मारा? कब किसके साथ लड़ाई हो गई आदि सवालों से हमेशा घिरे रहते हैं। लेकिन गोवा के एक शहर में ऐसा कुछ हलचल नहीं जिसके चलते वहां के लोग परेशान हो। गोवा के पणजी के एक बाज़ार में दोपहर के वक़्त पैदल चलते हुए आप पाएंगे कि यहां सभी गलियों के दुकान एक समय पूर्ण से बंद हो जाती ताकि यहां के लोग आराम और सकून से जिंदगी बिता सके। यहीं नहीं यहां के लोगों का सोचा है कि गोवा में सैलानीयों को भी कोई दिक्कत नहीं हो। तो चलिए इस पणजी के बाज़ार के बारे में और कुछ रोचक जानकारी इकट्टा करते हैं-

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शांत जिंदगी-

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शांत जिंदगी किसे पसंद नहीं। गोवा के पणजी के इस बाजार में कुछ ऐसा ही माहौल रहता है। यहां दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक मार्केट के सभी दुकाने बंद रहते हैं। यहां के लोगों का कहना है कि मार्केट बंद करने से हमे थोड़ा आराम मिल जाता है और दुसरे राज्यों से आए पर्यटन लोगों के लिए भी खुला शहर मिल जाता है। एक और कारण बताते हुए कहते हैं कि भागदौड़ के जिंदगी में अगर थोड़ा आराम करने को मिलता है तो सभी को करना चाहिए।

पुर्तगाली प्रभाव का भी असर-

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अगर आप इतिहास के स्टूडेंट रहे है तो इसे मस्झने में कोई दिक्कत नहीं होंगी। पुर्तगाली सबसे पहले 1510 ईस्वी में गोवा पहुंचे थे। उनके आने के कई कारण थे। जिनमें प्रमुख था काली मिर्च, हरी इलायची और दूसरे मसालों का ट्रेड और ईसाई धर्म का विस्तार करना। इसी विस्तार में एक ऐसा समय आया जिसके कारण यहां दोपहर में कुछ वक्त के लिए सभी कामो को रोक दिया जाता था ताकि आम लोग आराम कर सके। यही प्रथा आगे चल के भारतीयों के लिए एक बेफ्रिक जीने वाली जिंदगी का हिस्सा हो गया।

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खूबसूरती का प्रतिक-

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गोवा हमेशा से खूबसूरत समुद्र तटो, हरियाली से भरे जंगलो और समुंद्री व्यापार के लिए जाना जाता है। यहां हर साल तकरीबन लाखों ट्रेवलर आते हैं और इस खूबसूरत शहर के नजारों का लुफ्त उठाते हैं। यहां की बंदरगाह भी किसी दर्शनीय स्थल से कम नहीं है। गोवा पर्यटन के लिए कितना फेमस प्लेस है इसकी व्यख्या करने कि ज़रूरत नहीं है इसलिए अगर आप भी सकून भारी जिंदगी जीना चाहती है तो इन गाँव का दौरा ज़रूर करें।

आपसी मेल-मिलाव

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गोवा के इस शहर में आप किसी भी तरह का मनमुटाव नहीं देख पाएंगे क्योंकि यहां के लोग बड़े ही अदब से रहते हैं। यहां सभी एक सामान जिंदगी को गुजरते है। यहां सभी समाज समतावादी और पड़ोसियों से अच्छें रिश्ते रहते हैं।

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