भारत विविधताओं का देश है। यहां के हर राज्य की अपनी एक विशेषता है जो उसे दूसरों से अलग व खास बनाती है। आप जितना घूमते हैं, आपको उतनी ही नई जानकारी मिलती है। आज हम बात करते हैं महाराष्ट्र की। वैसे तो महाराष्ट्र में देखने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन अगर आप फैमिली ट्रिप पर हैं और मस्ती करने के साथ-साथ बच्चों को महाराष्ट्र की खासियत से भी रूबरू करवाना चाहते हैं तो आप उन्हें एक बार इन Wildlife Sanctuaries में अवश्य लेकर जाएं। यहां जाकर बच्चों को जितना मजा आएगा, वह उतने ही हैरान भी होंगे। इतना ही नहीं, मस्ती करते-करते उन्हें काफी कुछ नया देखने व जानने को भी मिलेगा। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में-
Bhimashankar Wildlife Sanctuary
भीमाशंकर Wildlife Sanctuary हरी-भरी पहाड़ियों, झरने और घने जंगलों के साथ प्रकृति का एक प्राचीन स्वर्ग है। पुणे से महज 138 किमी की दूरी पर स्थित यह Wildlife Sanctuaryवास्तव में मस्ती, रोमांच, प्रकृति और आध्यात्मिकता का संगम है। कुछ रोमांचपूर्ण करने के लिए चैलेजिंग ट्रेकिंग, तीर्थयात्रियों के लिए मंदिर, प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव फोटोग्राफरों के लिए कई किस्म के पेड़-पौधे, जीव, पक्षी तथा घूमने आई फैमिलीज के लिए पिकनिक स्पॉट यहां पर आपको सबकुछ मिलेगा। भीमाशंकर Wildlife Sanctuaryकरीब 131 किमी में फैली है| बच्चों के घूमने के लिए यह एक बेहतरीन जगह है। यह अभयारण्य पश्चिमी घाटों के शिखर पर स्थित है। यहां पर आपको महाराष्ट्र की स्टेट एनिमल भारतीय विशालकाय गिलहरी आसानी से देखने को मिल जाएंगी। यह तीन खतरे वाली इंडो-मलायन गिलहरी प्रजातियों में से एक है और Wildlife Sanctuaries अधिकारियों ने इसके संरक्षण और अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए कई बार बड़े कदम उठाए हैं। इसके अतिरिक्त अभयारण्य में प्रसिद्ध भीमाशंकर मंदिर है और इसी मंदिर के नाम पर Sanctuaryका नाम है। यह भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसके कारण इसका धार्मिक महत्व भी बहुत अधिक है। इसके अतिरिक्त Sanctuaryमें विश्व स्तर पर खतरे में पड़ी प्रजातियां, कई संवेदनशील और दुर्लभ प्रजातियों को भी संरक्षित किया गया है, जिसके कारण आपको वहां कुछ ऐसे वन्य जीव-जंतु देखने को मिलेंगे, जिन्हें आपने कही और नहीं देखा होगा। यह Sanctuaryबच्चों को बहुत रोमांचित करेगी।
Koyna Wildlife Sanctuaries
कोयना Wildlife Sanctuaryमहाराष्ट्र राज्य के सतारा जिले में स्थित है। यह लगभग 423.55 वर्ग किमी में फैला हुआ हैं। 1985 में इसे महाराष्ट्र में Wildlife Sanctuary के रूप में अधिसूचित किया गया था। कोयना, कांदती, और सोलिशिमा नदियां इस Wildlife Sanctuary में बहती हैं। कोयना बांध पर निर्मित शिवसागर जलाशय भी यही पर हैं। कोयना नदी के नाम पर ही इस Sanctuaryका नाम है।
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कोयना Wildlife Sanctuary के दक्षिण में चंडोली राष्ट्रीय उद्यान है। इस Sanctuaryमें काफी घने जंगल हैं, जो वासोटा, महारखोर और इंदलली मेट में बटे हुए हैं। इस Sanctuaryमें बच्चों को कई वन्य जीव जैसे बंगाल टाइगर्स, भारतीय तेंदुए, भारतीय बीजन, स्लॉथ भालू, सांबर हिरण, बार्किंग हिरण, माउस हिरण, भूरे लंगूर, एवं भारतीय विशाल गिलहरी आदि देखने को मिलेंगे।
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कोयना में कई प्रजाति की चिड़ियां जैसे कठफोड़वा, जंगली कठफोड़वा,भूरे सर वाला कठफोड़वा और एशियाई परी ब्लूबर्ड आदि भी पाई जाती हैं। बड़े भारतीय अजगर और किंग कोबरा राजा भी यहां पाए जाते हैं। अगर आप कोयना Wildlife Sanctuaryके वास्तविक एंडवेचर को महसूस करना चाहते हैं तो जून और अगस्त का समय सबसे अच्छा है।
Nagzira Wildlife Sanctuaries
नागझिरा Wildlife Sanctuary महाराष्ट्र के भंडारा-गोंदिया जिले के बीच स्थित है। इस Sanctuaryमें मछलियों के अतिरिक्त मैमल की 34 प्रजातियां, पक्षियों की 166 प्रजातियां, रेप्टाइल की 36 प्रजातियां और एम्फीबीअन यानी उभयचरों की चार प्रजातियां हैं। इसके अतिरिक्त यहां पर जंगली जानवर बाघ, भारतीय गौर, सांभर, नीलगाय, चीतल, जंगली सूअर, सुस्त भालू, बार्किंग हिरण, माउस हिरण, जंगली कुत्ते, पैंथर, बाइसन, लीपर्ड और हाथी भी पाया जाता है।
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नागझिरा Wildlife Sanctuary में एक नाग मंदिर भी है, जो ठीक नागझिरा और महादेव के मंदिर के बीच में है। जंगल के अंदर एक गाँव भी था, जिसे नंगथाना कहा जाता है। नागजीरा को इस मंदिर से इसका नाम मिला और मराठी में झिरा का अर्थ है पानी का एक बारहमासी स्रोत। पानी की यह अविरल धारा नागझिरा के पेंजजारा में एक पहाड़ी से निकलती है। इस Sanctuary में असंख्य कीड़ों और चींटियों की प्रजातियों के अलावा तितली की 49 प्रजातियां हैं, जिनमें से कॉमन रोज, कॉमन मॉर्मन, लाइम बटरफ्लाई, कॉमन सेलर, कॉमन इंडियन क्रो, ब्लैक राजह आदि बेहद महत्वपूर्ण प्रजातियां हैं।
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