जब छुट्टियों में कहीं घूमने की बात आती है तो हम सभी सबसे पहले किसी हिल स्टेशन पर ही जाने का मन बनाते हैं। अगर आपकी भी ऐसी कोई इच्छा है तो आपको तमिलनाडु के मासिनागुडी जाने पर विचार करता है। मासिनागुडी मैसूर और ऊटी का केंद्र बिंदु है और यह कोयम्बटूर शहर से लगभग 120 किलोमीटर दूर स्थित है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां पर ना केवल सुहावना मौसम रहता है, बल्कि हरे-भरे जंगल और झरनों के कारण यहां की प्राकृतिक सुंदरता बस देखते ही बनती है। अगर आप प्रकृति प्रेमी है तो ऐसे में इस स्थान पर घूमना आपके लिए यकीनन काफी अच्छा रहेगा।
यहां पर आप कई जानवरों को देखने से लेकर मछली पकड़ने, जंगल सफारी करने और बोटिंग जैसी एक्टिविटीज का हिस्सा बन सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको मासिनागुडी की यात्रा के दौरान अवश्य देखना चाहिए-
अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो ऐसे में आप बांदीपुर नेशनल पार्क में घूमने का मन बना सकते हैं। बांदीपुर नेशनल पार्क का क्षेत्रफल 874 वर्ग किलोमीटर है और यहां बड़ी संख्या में हाथियों, बाघों और अन्य छोटे जानवरों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की पक्षियों की प्रजातियों, जैसे हरे कबूतर और मोर का घर है। बांदीपुर नेशनल पार्क कभी मैसूर के महाराजाओं का एक निजी शिकार क्षेत्र था। 1931 में इसे वेणुगोपाला वाइल्डलाफ सैन्चुरी के रूप में बदल दिया गया। बाद में इसका नाम बदलकर बांदीपुर नेशनल पार्क कर दिया गया।
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अगर आप इस हिल स्टेशन पर प्रकृति के साथ-साथ आध्यात्मिक शांति भी प्राप्त करना चाहते हैं तो ऐसे में आप विभूति मलाई मुरुगन मंदिर में दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर नीलगिरी पहाड़ों (तमिलनाडु की बेस्ट डेस्टिनेशन) पर विभूति हिल्स पर स्थित है। हाइक या स्थानीय जीप के जरिए आप इस खूबसूरत पहाड़ी मंदिर तक पहुंच जाएंगे। यहां से आप नीलगिरी पहाड़ों के लुभावने दृश्यों का आनंद भी ले सकते हैं। इस मंदिर में थाईपूया का वार्षिक उत्सव मंदिर में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है।
मासिनागुडी में यह स्थान सबसे अधिक पॉपुलर है। 1972 में स्थापित थेप्पकाडु एलीफेंट कैंप में कई हाथी रहते हैं, जिन्हें रोज़ाना खिलाया और नहलाया जाता है। यहां पर आने वाले पर्यटक इन हाथियों की झलक देख सकते हैं। साथ ही साथ, यहां पर हाथियों की सवारी भी की जा सकती हैं। एक साथ इतने सारे हाथियों को देखने का अपना एक अलग ही आनंद होता है।
मोयार नदी मुदुमलाई नेशनल पार्क और बांदीपुर नेशनल पार्क के बीच है। यह जानवरों और पक्षियों के लिए पानी का एक स्रोत है, इसलिए यहां पर आने वाले पर्यटक इन जानवरों व पक्षियों को भी देख सकते हैं। नदी के चारों ओर प्रकृति की प्राकृतिक सुंदरता देखने लायक है। आप मोयार नदी में बोटिंग का मजा भी ले सकते हैं। इसके अलावा, परिवार के साथ पिकनिक मनाने (दिल्ली में पिकनिक मनाने के लिए जगहें) के लिए भी यह एक बेहद अच्छी जगह है।
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सिरियूर मुदुमलाई टाइगर रिजर्व के पास एक सुंदर गांव है। यहां पर स्थित सिरियूर अम्मन मंदिर में स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटक भी दर्शन हेतु आते हैं। यहां पर वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जाता है और इस दौरान ऊटी और मासिनागुडी के साथ आसपास के हजारों लोग आते हैं। फरवरी और मार्च के त्योहार के महीनों के दौरान सिरियूर अम्मान मंदिर में कई तरह की विशिष्ट पूजा-पाठ व अर्चना की जाती है।
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Image Credit- wikipedia
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