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क्या आप जानते हैं तमिलनाडु के इन रहस्यमय स्थानों के बारे में

तमिलनाडु को अपनी कला और समृद्ध इतिहास के लिए पूरे देश में जाना जाता है। वहां कई ऐसे रहस्यमय स्थान हैं जिसके पीछे के राज को कोई भी आज तक नहीं सुलझा सका है।
Editorial
Updated:- 2021-07-02, 19:19 IST

कई बार हम नेचर में कई ऐसी चीजें देखते हैं जिन्हें देखकर मन खुशी और आश्चर्य हो दोनें ही भावों से भर जाता है। धरती पर कई ऐसी रहस्यमय जगहें मौजूद हैं, जिनका राज़ आज तक कोई नहीं जान पाया है। लोगों को इन स्थानों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। तमिलनाडु दक्षिण भारत का ऐसा राज्य है जो अपनी कला और समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है। वहां कई ऐसे स्थान हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

इस लेख के जरिए हम आपको तमिलनाडु के कुछ रहस्यमयी स्थल के बारे में बताएंगे। इन रहस्यों का आज तक कोई भी पता नहीं लगा पाया है। तो जानते हैं इनके बारे में-

सिक्क्कल सिंगारवेलावर मंदिर

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कहा हैं यह मंदिर?

सिक्क्कल सिंगारवेलावर मंदिर यह तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले में मौजूद है और यहां भगवान भगवान सुब्रमण्यम की मूर्ति रखी हुई है।

क्या है खासियत?

  • इस मंदिर में भगवान सुब्रमण्यम की पत्थर की मूर्ति को पसीना आता है।
  • मंदिर में हर साल अक्टूबर और नवंबर के माह में एक त्योहार मनाया जाता है।
  • इस त्योहार की समाप्ति पर मूर्ति से पसीना आना बंद हो जाता है।
  • भगवान की मूर्ति से निकला जल भक्तों के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
  • इस त्योहार को भगवान सुब्रमण्यम का राक्षस सुरपद्मन का वध करने और जीतने के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है
  • यह माना जाता है कि राक्षस सुरपद्मन को मारने के दौरान भगवान सुब्रमण्यम इतने क्रोधित हो गए थे कि उन्हें पसीना आने लगा।

इसे ज़रूर पढ़ें-जानें चोखी ढाणी जयपुर के बारे में जहां आपको दिखेगी राजस्थान की अद्भुत कला संस्कृति

रामसेतु

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कहा है रामसेतु?

रामसेतु दक्षिण पूर्वी तट के किनारे रामेश्वरम द्वीप पर स्थित है। भारत के धनुषकोडी और श्रीलंका के मन्नार द्वीप के बीच यह 30 किलोमीटर लंबा पुल बना हुआ है।

क्या है खासियत?

  • यह पुल समुद्र पर बना हुआ है और ऐसा लगता है कि समुद्र पर पत्थर तैर रहे हैं।
  • पवित्र ग्रंथ रामायण में रामसेतु के बारे में बताया गया है।
  • ऐसा माना जाता है कि रावण के चंगुल से माता सीता को छुड़ाने के लिए भगवान राम ने भारत और श्रीलंका के बीच यह पुल बनाया था।
  • कई वैज्ञानिकों ने इस पुल के प्राचीन अस्तित्व को नकारा है पर वह आज भी तैरते पत्थरों के पीछे की कहानी को बताने में असफल रहे हैं।

नचियारकोइल-काल गरुड़ मंदिर

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कहा है नचियारकोइल-काल गरुड़ मंदिर?

नचियारकोइल नचियारकोइल-काल गरुड़ मंदिर कुंभकोणम तमिलनाडु में स्थित है।

क्या है खासियत?

  • यहां भगवान विष्णु की प्रतिमा अपने आप भारी हो जाती है।
  • आपको बता दें कि यहां हर साल बहुत बड़ा जुलूस निकाला जाता है जिसमें भगवान विष्णु की प्रतिमा भी निकाली जाती है।
  • मूर्ति को मंदिर से निकालते ही इसका वजन बहुत बढ़ जाता है।
  • मंदिर में वापस आते ही वजन फिर से कम हो जाता है।
  • इस वजन बढ़ने का कारण आज तक वैज्ञानिक इसका जवाब नहीं ढूंढ पाए हैं।

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कृष्णा बटर बॉल

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कहा है कृष्णा बटर बॉल?

यह बेहद खूबसूरत और रहस्यमय स्थान महाबलीपुरम तमिलनाडु में स्थित है।

क्या है खासियत?

  • तमिलनाडु ऐतिहासिक शहरों में से एक महाबलीपुरम में एक खड़ी चट्टान की ढलान पर एक बड़ा सा पत्थर कई सालों से बिना हिले-डुले खड़ा है।
  • इतनी ढलान होने के बावजूद है यह चट्टान पहाड़ी से नीचे नहीं गिरी है।
  • इस पत्थर का असली नाम 'वान इकाई काल' है जिसका मतलब है 'स्काई गॉड्स स्टोन'।
  • वर्ष 1908 में मद्रास के राज्यपाल ने चट्टान को धकेलने के लिए सात हाथियों को लगाया था, लेकिन यह तब भी नहीं हिला।
  • आज तक यह एक रहस्य ही है कि यह पत्थर उस स्थान पर कैसे टिका हुआ है।

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