दिल्ली की गर्मी सबको परेशान कर देती है। ऐसे में लोग अक्सर पहाड़ों की ओर रूख करते हैं। ज्यादातर लोग गर्मी से राहत पाने और कुछ पल सूकुन के बिताने के लिए हिमाचल प्रदेश जाते हैं। लेकिन ज्यादातर लोगों को केवल मनाली और शिमला के बारे में ही पता होता है। लेकिन अगर आप मनाली, शिमला छोड़ हिमाचल की अद्भुत खूबसूरती से रूबरू होना चाहते हैं तो आपको कुछ ऐसी जगहों को एक्सप्लोर करना चाहिए, जहां आपको कुदरत के अनूठे नमूने देखने को मिलें। हिमाचल में ऐसे कई गांव हैं, जहां कि वादियां हर किसी का मन मोह लेती हैं। क्या आप जानना चाहती हैं इन जगहों के बारे में? तो इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ें।
कल्पा
अगर आप हिमाचल में किसी ऐसी जगह जाना चाहते हैं, जहां भीड़ भाड़ कम हो और आप प्रकृति अपने अनूठे रूप को दर्शाती हो तो कल्पा गांव जरूर जाएं। यह गांव किन्नौर के सबसे बड़े गांवों में से एक है। यहां आपको चारों तरह सेब के भाग देखने को मिलेंगे। हरियाली से भरा यह गांव हर किसी को यहां रूकने पर मजबूर कर देता है। इस गांव की खास बात यह है कि यहां से आप कैलाश शिवलिंग देख सकते हैं। कल्पा से करीब 11 किमी दूर देवी चंडिका का मंदिर है। इस मंदिर की वास्तुकला के कारण यह बेहद प्रसिद्ध है। इसलिए अप्रैल के महीने में घूमने के लिए यह जगह एकदम बेस्ट है।
कैसे पहुंचे?
आप बाय रोड़ भी कल्पा जा सकती हैं। इसके अलावा आप दिल्ली शिमला के लिए फ्लाइट ले सकती हैं। एयर बेस से कल्पा गांव की दूर करीब 276 किमी है। एयरपोर्ट के बाहर से आपको आसानी से टैक्सी और कैब मिल जाएंगी। आप ट्रेन से भी यहां पहुंच सकती हैं। इसके लिए आपको पहले शिमला जाना पड़ेगा। फिर वहां से आप बस या टैक्सी द्वारा आसानी से कल्पा गांव पहुंच सकती हैं।
सांगला
इस बार स्पीति वैली छोड़ आपको सांगला घाटी का दीदार करना चाहिए। यह घाटी बसपा नदी के तट पर बसी है। सबसे अच्छी बात यह है कि यह कल्पा गांव से केवल 57 किमी ही दूर है। यहां चारों ओर आपको केवल बर्फ से ढके पहाड़ देखने को मिलेंगे। यहां जाकर आपको शांति का एहसास होगा। इसके अलावा आप सपनी, रैकछम, किल्बा और कामरू किला और नागा भगवान को समर्पित मंदिर जा सकते हैं। जब आप इस घाटी के सबसे ऊंचे पहाड़ पर होंगे तो आपको अनुभव होगा कि प्रकृति अपने आप में कितनी सुंदर है।
कैसे पहुंचे?
सांगला पहुंचने के लिए आपको कालका रेलवे स्टेशन उतरना पड़ेगा। इसके अलावा आप रोड़ के जरिए भी यहां जा सकते हैं। दिल्ली, चंडीगढ़ और शिमला से एचआरटीसी और प्राइवेट बसें सांगला की ओर जाती हैं।
बरोग
अगर आप शिमला जा रहे हैं तो आपको एक बार बरोग जरूर जाना चाहिए। यह गांव चीड़ और ओक के जंगलो से घिरा हुआ है। यकीन मानिए अप्रैल के महीने में हिमाचल प्रदेश में घूमने के लिए यह जगह एकदम बेस्ट है। भीड़ भाड़ से दूर कुछ पल शांति के बिताने और प्रकृति से रूबरू होने के लिए इस गांव को अपनी ट्रैवल बकेट लिस्ट में जरूर शामिल करें। (हिमाचल एडवेंचर प्लेसेस)
इसे भी पढ़ें:हरिपुरधार हिल स्टेशन है बेहद खूबसूरत, दिल्ली से तक़रीबन 334 किमी है दूर
कैसे पहुंचे?
आप दिल्ली से बरोग लगभग 6 घंटे में पहुंच जाएंगे। नई दिल्ली से बरोग पहुंचने का सबसे आसान और सस्ता तरीका, राजपुरा जंक्शन के लिए ट्रेन लें। इसके बाद बरोग के लिए कैब करें। आप चाहें तो दिल्ली के चंडीगढ़ के लिए फ्लाइट लें। फिर वहां से बरोग के लिए कैब कर लें।
चिंडी
यह गांव सबसे ज्यादा मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आपको महुनाग मंदिर,ममलेश्वर महादेव मंदिर,कामाक्ष देवी मंदिर,पंगना किला मंदिर और शिकारी देवी मंदिर जैसी कई मंदिर है। चिंडी गांव शिमला से करीब 90 किमी दूर स्थित है। यह गांव सेब के बगानों और देवदार के जगंलो से घिरा हुआ है। दिल्ली की तपती गर्मी से दूर ठंड का एहसास पाने के लिए आप चिंडी गांव की सैर कर सकती हैं। यहां आपको कुछ बेहद एडवेंचर्स ट्रेक भी मिलेंगे,जैसे 2 किमी बकरोटे ट्रेक जो शिकारी देवी मंदिर की ओर जाता है।(मनाली के शानदार कैफे)
इसे भी पढ़ें:गर्मी के मौसम में इस बार कसोल, मनाली छोड़ चंबा की इन जगहों की करें सैर
बरोट
बरोट गांव भी हिमाचल के सबसे एनएक्सप्लोर जगहों में से एक है। बर्फ से ढका यह गांव अप्रैल के महीने में घूमने के लिए एकदम बेस्ट जगह है। यह गांव हिमाचल के मंडी जिले में स्थि है। अगर आपको आउटडोर एक्टिविटिज करना पसंद है, तो यकीन मानिए यह गांव आपका पसंदीदा स्पॉट बन सकता है। यहां वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी भी है, जहां आपको हिमालयी गोरल, हिमालयी ब्लैक बियर और कई अलग-अलग तीतर देखने को मिलेंगे। यही नहीं इस गांव में कई ट्रेकिंग ट्रेल्स भी हैं, जो सेंक्चुरी से होकर कुल्लू की ओर जाता है।(नालागढ़ हिल स्टेशन में घूमने की जगहें)
बरोट कैसे पहुंचे?
बरोट जाने के लिए आप भुंतर के लिए फ्लाइट लें। यहां से बरोट गांव करीब 125 किमी दूर है। आप चाहें तो टैक्सी या बाइक भी किराए पर ले सकते हैं। रेलवे से जाने के लिए आपको पठानकोट के लिए ट्रेन लेनी होगी और फिर पठानकोट से जोगिंदरनगर के लिए ट्रेन बदलनी पड़ेगी।
क्या खाएं?
हिमाचल के किसी भी कोने में आपको तुड़किया भात, माद्रा, भेय और छा गोश्त आसानी से मिल जाएगा। ये सब डिशेज हिमाचल प्रदेश की शान हैं। इसलिए आप जब भी यहां जाएं तो पहाड़ के असली खाने का स्वाद चखना न भूलें।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हमारी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit: Freepik & Unsplash
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों