ऐसी जगह के बारे में सोचें जहां गर्मी में भी आपको ठंड का एहसास हो। चारों तरफ केवल हरियाली और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ देखने को मिले। जहां तक नजर जाए वहां तक केवल प्रकृति के अद्भुत नजारे हों। ऐसी जगह में कुछ दिन गुजारना हर किसी का सपना होता है। ऐसे में ज्यादातर लोगों के दिमाग में सिर्फ हिमाचल प्रदेश का ही नाम आता है। लेकिन अक्सर लोग केवल मनाली और कसोल घूमकर ही वापस आ जाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में मनाली और कसोल के अलावा भी कई ऐसी जगहें हैं, जहां जाकर आप शांति महसूस कर सकते हैं।
केवल शांति ही नहीं यहां आपको पहाड़ की टेढ़ी-मेढ़ी जिंदगी से रूबरू होने का मौका भी मिलेगा। अगर आप इस बार हिमाचल प्रदेश घूमने की सोच रहे हैं तो आपको चंबा शहर की सैर करनी चाहिए। चंबा की खूबसूरती का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस शहर पर एक गाना भी बना है। गाने के बोल हैं 'शिमले नी बसना कसौली नी बसना, चम्बे जाना जरूर'। अब आप खुद सोचिए कि कुछ तो जरूर खास होगा इस शहर में जो इस पर गाना बनाया गया है।
बता दें कि चंबा हिमाचल प्रदेश का एक छोटा सा शहर है। समुद्र तल से 1,006 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह शहर रावी नदी के तट पर साल नदी के संगम पर बसा हुआ है। यह दिल्ली से करीब 578.4 किमी दूर है। लेकिन एक बार जब आप इस शहर में कदम रख लेंगे तो आपको यह अहसास होगा कि आप स्वर्ग में आ चुके हैं। तो चलिए जानते हैं चंबा में घूमने की बेस्ट जगहों के बारे में।
खजियार झील
अगर आपको झील देखना पसंद है तो आपको चंबा में मौजूद खजियार झील की सैर करनी चाहिए। यह झील देवदार के पेड़ों और बादलों से घिरी रहती है। इस झील का नाम इसके पास स्थित मंदिर खज्जी नाग से पड़ा है। यहां का मौसम इतना सुहावना और शांत रहता है कि अगर आप एक दिन यहां चले गए तो वापस नहीं आना चाहेंगे। इस झील को भारत का 'मिनी स्विट्जरलैंड'भी कहा जाता है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर
चंबा में लक्ष्मी नारायण मंदिर अपने खास महत्व के लिए जाना जाता है। इस मंदिर को देखने के लिए हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। यह मंदिर 10वीं शताब्दी में बनाया गया था। इस मंदिर परिसर में भगवान शिव और भगवान विष्णु की मूर्तियां भी हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर को विंध्याचल पहाड़ों से लाए गए संगमरमर के पत्थर से बनाया गया है। मंदिर के द्वार पर गरुड़ की एक तस्वीर लगाई है। जो पर्यटको का स्वागत करती है। यह मंदिर सुबह 6:30 से 12:30 और फिर 2:30 से रात 8:30 तक खुला रहता है।
कालाटॉप वाइल्डलाइफ सेंचुरी
कालाटॉप वाइल्डलाइफ सेंचुरी डलहौजी और खजियार की पहाड़ी पर स्थित है। यहां आपको तरह-तरह के जानवर देखने को मिलेंगे। इस सेंचुरी के चारों ओर केवल हरियाली ही हरियाली है। करीब 30.9 वर्ग में बनी यह वाइल्डलाइफ सेंचुरी में पार्क ट्रेकिंग ट्रेल्स के साथ-साथ तीतर, यूरेशियन जे और ग्रे-हेडेड कैनरी जैसे कई इंडिजियस प्रजाती देखने को मिलेंगे। अगर आप सेंचुरी घूमकर थक जाएं तो आपको इसी के पास रावी नदी मिलेगी। जहां पर आप पानी में अपने पैर डालकर घंटो बैठ सकते हैं। अगर आप गांव के जीवन का अनुभव लेना चाहते हैं तो कालाटॉप फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में एक रात बिताएं। (हिमाचल एडवेंचर प्लेसेस)
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रंग महल
रंग महल भी चंबा के सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक है। 18वीं शताब्दी में राजा उम्मेद सिंह द्वारा बनाया गया यह महल ब्रिटिश और मुगल वास्तुकला का एक बेहद ही शानदार नमूना है। रंग महल के अदंर की दीवारों को वॉल पेटिंग से सजाया गया है। हालांकि, अब इस स्मारक को 'एम्पोरियम हाउस' में बदल दिया गया है, जहां से आप हैंडमेड आर्टिफैक्ट जैसे फैब्रिक , जूते और स्लीपर खरीद सकते हैं।
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सच पास
अगर आप एडवेंचर्स हैं और बाइकिंग करना पसंद है तो आपको सच पास जरूर जाना चाहिए। पहाड़ों पर बाइकिंग करने का मजा ही कुछ और होता है। शायद ही इससे अच्छा अनुभव कुछ हो सके। अगर आपके पास बाइक न हो तो निराश न हो आप वहां जाकर बाइक किराए पर भी ले सकते हैं। सबसे अच्छी बात है कि इस जगह पर पर्यटकों की ज्यादा भीड़ भी नहीं होती है। ऐसे में पहाड़ पर बाइकिंग करने का मजा दोगुना हो जाएगा। (नालागढ़ हिल स्टेशन घूमें)
चंबा घूमने का सही समय
अगर आप चंबा घूमने का प्लान बना रही हैं तो आपको समय का बेहद ध्यान रखना चाहिए। मार्च से जून का महीना चंबा घूमने के लिए सबसे अच्छा समय है। शरद ऋतु में यहां सुहावनी हवाएं चलने लगती है। अगर आप ठंड के समय में चंबा की सैर करने की सोच रही हैं तो आपको इस समय स्नोफॉल देखने को मिलेगी।(मनाली के शानदार कैफे)
चंबा कैसे पहुंचे?
आप चंबा जाने के लिए दिल्ली के कश्मीरी गेट से बस ले सकते हैं। दिल्ली से चंबा जाने के लिए आपको 12 घंटे लगेंगे। इसके अलावा चंडीगढ़ और हरियाणा से भी बाय बस जा सकते हैं। रेलवे द्वारा भी चंबा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
चंबा में कहा रूकें?
चंबा में आपको रूकने के लिए कई जगहें आसानी से मिल जाएंगी। यहां आप गेस्ट हाउस से लेकर होटल में आसानी से रह सकते हैं। यहां के कमरों का किराया करीब 1000 रूपये तक होता है। बता दें कि किराया इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किस जगह पर कमरा चाहिए।
क्या खाएं?
अगर आप चंबा जा रही हैं तो आपको तुड़किया भात, माद्रा, भेय और छा गोश्त जरूर खाना चाहिए। ये सब डिशेज आपको चंबा के महंगे होटल से लेकर किसी ढाबे तक में मिल जाएंगी। इसलिए जब भी जाएं तो पहाड़ के असली खाने का स्वाद जरूर चखें।
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Image Credit: Freepik.Com & Jagran.Com
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