कुंभ वार्षिक राशिफल
Jan 20 - Feb 18- पिछला वार्षिक
- वार्षिक
2025 कुंभ राशि वालों के लिए प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव लेकर आएगा। शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रिश्तों में तनाव और गलतफहमियां पैदा कर सकता है। खासतौर पर 20 जनवरी तक और 2 अप्रैल से 28 जुलाई के बीच मंगल की शत्रु दृष्टि के कारण प्रेम जीवन में मतभेद और भावनात्मक अस्थिरता हो सकती है। इस दौरान अपने साथी के साथ धैर्य और समझदारी से काम लेना महत्वपूर्ण होगा।
14 मई से 18 अक्टूबर तक गुरु की शुभ दृष्टि आपके रिश्तों में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लाएगी। अविवाहित जातकों के लिए यह समय विवाह या नए प्रेम संबंधों के लिए अनुकूल रहेगा। हालांकि, 16 सितंबर से 16 अक्टूबर के बीच सूर्य और शनि के समसप्तक योग के चलते रिश्तों में गलतफहमियां बढ़ सकती हैं। इस समय अहंकार से बचते हुए संवाद को मजबूत करना आवश्यक होगा।
वित्तीय स्थिति
आर्थिक दृष्टि से यह वर्ष कुंभ राशि के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। शनि की साढ़ेसाती और मंगल की शत्रु दृष्टि अनावश्यक खर्च और वित्तीय अस्थिरता का कारण बन सकती है। 18 मई से राहु के प्रभाव के चलते वित्तीय योजना बनाना कठिन हो सकता है और खर्चे बढ़ सकते हैं।
हालांकि, 14 मई से 18 अक्टूबर तक गुरु की शुभ दृष्टि धन लाभ और वित्तीय स्थिरता के नए अवसर प्रदान करेगी। इस अवधि में रुका हुआ धन वापस मिलने की संभावना है। 16 सितंबर से 16 अक्टूबर के बीच सूर्य-शनि के समसप्तक योग के कारण वित्तीय मामलों में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए इस समय निवेश में सतर्कता बरतें और अनावश्यक खर्चों से बचें।
पारिवारिक जीवन
पारिवारिक जीवन में भी यह वर्ष मिश्रित अनुभव लेकर आएगा। शनि की साढ़ेसाती और मंगल की शत्रु दृष्टि के कारण पारिवारिक विवाद और तनाव बढ़ सकता है, खासतौर पर 20 जनवरी तक और 2 अप्रैल से 28 जुलाई के बीच।
18 मई से राहु के कुंभ राशि में आने से घरेलू वातावरण में अशांति हो सकती है। हालांकि, 14 मई से 18 अक्टूबर तक गुरु की शुभ दृष्टि परिवार में सुख-शांति लाएगी। इस समय आप परिवार के साथ किसी शुभ आयोजन या समारोह में शामिल हो सकते हैं।
स्वास्थ्य
स्वास्थ्य के लिहाज से यह वर्ष सतर्कता की मांग करता है। शनि की साढ़ेसाती और राहु के प्रभाव से मानसिक और शारीरिक तनाव बढ़ सकता है। 16 सितंबर से 16 अक्टूबर के बीच सूर्य-शनि के समसप्तक योग के चलते दुर्घटना या चोट का खतरा रहेगा।
मार्च से जुलाई तक मंगल की शत्रु दृष्टि थकान, ऊर्जा की कमी और छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इस साल स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करना आवश्यक है।
उपाय
शनिवार को शनि देव की पूजा करें, तेल का दान करें और शनि चालीसा का पाठ करें।
मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी की आराधना करें और संकट मोचन हनुमानाष्टक का पाठ करें।
गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें और पीली चीजों का दान करें।
राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए "ॐ राहवे नमः" मंत्र का नियमित जाप करें।
प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य दें और गायत्री मंत्र का जाप करें।
हर शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाकर स्वास्थ्य में सुधार लाने का प्रयास करें।