दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोने की क्यों होती है मनाही, जानें क्या कहता है शास्त्र

शास्त्रों में लिखी कुछ बातों में से एक है सोने की सही दिशा। मान्यता है कि यदि आप सही दिशा में सिर और पैर करके सोते हैं तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। 

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शास्त्रों के अनुसार हमारी नींद मूलतः एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें तमोगुण प्रधान होता है। दरअसल नींद का सीधा संबंध रात्रि से होता है और इस समय को तमोगुण काल कहा जाता है। शांतिपूर्ण नींद से संबंधित विभिन्न पहलुओं में से इसकी सही दिशा और स्थान भी शामिल हैं।

मान्यता है कि यदि सोते समय आपके पैर और सिर सही दिशा में हों तो अच्छी नींद को बढ़ावा मिलता है। खासतौर पर हिंदू धर्म में सोने की दिशा को विशेष महत्व दिया जाता है और ऐसा कहा जाता है कि आपको हमेशा रोग-दोष से मुक्त रहने के लिए सही दिशा में पैर करके सोना चाहिए।

मुख्य रूप से शास्त्रों में बताया जाता है कि आपको आपको कभी भी दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके नहीं सोना चाहिए। ऐसा करने से आपको पितृ दोष तो लग ही सकता है और नींद में भी बाधा उत्पन्न होती है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें इसके पीछे के कारणों के बारे में।

दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके क्यों नहीं सोना चाहिए

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शास्त्रों की मानें तो दक्षिण या उत्तर-दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से नीचे की दिशा में चलने वाली तरंगों की गतिविधियों के साथ-साथ तिर्यक तरंगों की गतिविधियों के कारण वातावरण में रज-तम कणों का संचार बढ़ जाता है।

इस दिशा की ओर पैर करके सोने से अनिष्ट शक्तियों की गतिविधियां तीव्र होने लगती हैं और इसलिए व्यक्ति के अनिष्ट शक्तियों से पीड़ित होने की संभावना सबसे अधिक हो जाती है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि आपको दक्षिण और उत्तर-दक्षिण दिशा की तरफ पैर करके सोने से बचना चाहिए।

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दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है

शास्त्रों की मानें तो दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है और यदि आप इस दिशा की ओर पैर करके सोते हैं तो यमलोक जिसे यम देवता का क्षेत्र माना जाता है और पाताल-लोक के कंपनों का मिलन होता है, जिसके परिणामस्वरूप ये रज-तम तरंगें व्यक्ति की ओर आकर्षित होने लगती हैं और नकारात्मक ऊर्जा का शरीर में प्रवेश हो सकता है।

चूंकि दक्षिणी दिशा यम देवता की दिशा है और इसे रज-तम तरंगें और कष्ट से जोड़ा जाता है। जब व्यक्ति के शरीर से ऊर्जा ऊपर की ओर बहती है, तो यह ईश्वर-प्राप्ति की ओर निर्देशित होती है और जब यह नीचे की ओर बहती है, तो इसका रुख पाताल की ओर होता है।

दक्षिण की ओर पैर करके सोने से यमलोक और पाताल-लोक के कंपनों का आपस में मिलन होता है और व्यक्ति रज-तम घटकों या नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। इसके परिणामस्वरूप, व्यक्ति को नींद न आना, बुरे सपने आना, नींद में डर लगना चौंककर जागना आदि कष्टों का सामना करना पड़ता है। इसी वजह से हमें दक्षिण दिशा की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए।

क्या दक्षिण दिशा की तरफ सिर करके सोना ठीक है?

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अगर हम सोने की सबसे अच्छी दिशा की बात करें तो आपको पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने की सलाह दी जाती है और ऐसा माना जाता है कि यह दिशा सूर्य के उगने की दिशा है इसलिए इस दिशा में सिर करने से सूर्य की पूरी ऊर्जा का संचार आपके मस्तिष्क में होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होने लगता है।

वहीं यदि हम दक्षिण दिशाकी तरफ सिर करके सोने की बात करें तो यह भी एक अच्छी दिशा मानी जाती है। ऐसे में आपके पैर उत्तर दिशा की ओर होते हैं। शास्त्रों में मान्यता है कि दक्षिण या पूर्व दिशा में सिर करके सोने से आपको मानसिक शांति मिलती है, आपकी समृद्धि बनी रहती है और आपको शारीरिक रूप से भी लाभ होता है। आपकी कई स्वास्थ्य समस्याएं भी इस दिशा में सिर करके सोने से समाप्त हो सकती हैं और आप स्वयं को स्वस्थ महसूस कर सकते हैं। इस दिशा में सिर करके सोने से आपको अच्छी नींद के साथ ध्यान लगाने में भी मदद मिलती है।

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किन दिशाओं की तरफ सिर करके सोने से बचें

शास्त्रों के अनुसार आपको दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर सिर करके सोने से बचना चाहोये। मान्यता है कि पूर्व और पश्चिम दिशाओं में घूमने वाली तरंगों की दिशा ऊपर की ओर होती है, इन तरंगों के माध्यम से ग्रहण की गई सात्विकता का झुकाव आपके शरीर की तरफ होता है और यह दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशाओं से ग्रहण किए गए वेगों की तुलना में लंबे समय तक चलने वाला है।

इसके साथ ही, चूंकि पूर्व-पश्चिम दिशाओं में घूमने वाली तरंगों में पंचतत्व का स्तर दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशाओं की तुलना में बेहतर होता है, इसलिए इस दिशा में सोने से व्यक्ति को लाभ मिलता है। इन दिशाओं में आपको सिर करके सोने से बचने की सलाह दी जाती है।

इन्हीं कारणों से आपको दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से मन किया जाता है और इसे आपके लिए शुभ नहीं माना जाता है। यही नहीं ऐसा करने से आपके पितृ भी नाराज हो सकते हैं जिसका असर आपके घर में पितृ दोष के रूप में सामने आता है।

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Images:Freepik.com

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