जनेऊ धारण करने के दौरान इन नियमों का जरूर करें पालन

जनेऊ तीन धागों वाला एक सूत्र है। जिसे यज्ञोपवित भी कहा जाता है। इसे धारण करने के कई नियम होते हैं। जिसका पालन करना बेहद जरूरी है। 

 
Rules while wearing Janeu

(rules while wearing janeu) हिंदू धर्म में 16 संस्कारों को अपने जीवन में अपनाना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। जिसमें से एक उपनयन संस्कार भी है। ये सोलह संस्कारों में से तेरहवां संस्कार है। यह संस्कार मुख्य रूप से ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य वर्ण के लड़कों के लिए किया जाता है। जिन लोगों का उपनयन संस्कार किया जाता है, उन्हें गायत्री मंत्र की दीक्षा मिलती है। इसके बाद वह आजीवन यज्ञोपवीत धारण करते हैं। जनेऊ में पांच गांठ लगाई जाती है। जो ब्रह्म, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रतीक हैं। यह पांच यज्ञों, पांच ज्ञानेंद्रियों और पांच कार्यों का भी प्रतीक माना जाता है।

जनेऊ में मुख्य रूप से तीन धागे होते हैं। जिन्हें सूत्र कहा जाता है। यह सूत्र त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक होते हैं। यह देवऋण, पितृऋण और ऋषिऋण के प्रतीक होते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इसे धारण करता है, उन्हें सभी जातकों का आशीर्वाद मिलता है। जनेऊ को बाएं कंधे और दाईं भुजा के नीचे पहना जाता है। इसे धारण करने वाले जातकों को कई नियमों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

जनेऊ धारण करने के दौरान तन और मन की शुद्धता

Janeu x

जनेऊ धारण करने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनना चाहिए और अगर स्नान करना संभव न हो, तो हाथ-पैर धोकर शुद्धिकरण करें।

जनेऊ धारण करने के दौरान मंत्रों का करें उच्चारण

जनेऊ धारण करते समय इस मंत्र का 21 बार उच्चारण करें। इससे लाभ हो सकता है और जातक के जीवन में सुख-समृद्धि का भी आगमन हो सकता है।

  • ॐ त्रिवेणी समावेशाय स्वाहा॥"

जनेऊ धारण करने के दौरान दिशा का रखें ध्यान

अगर आप जनेऊ धारण कर रहे हैं, तोपूर्व और उत्तर दिशा की ओर मुख करके ही धारण करें। ऐसा करने से लाभ हो सकता है। साथ ही व्यक्ति को ग्रह दोष का सामना नहीं करना पड़ता है।

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जनेऊ की गांठ का रखें ध्यान

जनेऊ की गांठ दाहिने कंधे पर होनी चाहिए। गांठ को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक माना जाता है।

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जनेऊ को हल्दी में लगाकर करें धारण

janeu for women

हल्दी एक पवित्र मानी जाने वाली वस्तु है और इसका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों में विशेष रूप से किया जाता है। जनेऊ को हल्दी में लगाकर पहनने से यह अधिक पवित्र हो जाता है और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है। जनेऊ सूती धागों से बना होता है और इसे पवित्र माना जाता है क्योंकि यह वेदों का प्रतीक है। इसे स्नान के बाद शुद्ध होकर मंत्रोच्चार के साथ धारण किया जाता है।

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Image Credit- Freepik

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